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कहीं स्वागत-कहीं सवाल, PM मोदी की वैक्सीन पॉलिसी पर अब क्या कह रही कांग्रेस?

कांग्रेस ने देश के सभी नागरिकों के टीकाकरण के लिए राज्यों को मुफ्त टीका मुहैया कराने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा को आधी-अधूरी करार देते हुए सवाल किया कि अगर टीकाकरण मुफ्त है तो फिर निजी अस्पताल पैसे क्यों लेंगे. वहीं, कुछ कांग्रेसी नेताओं ने पीएम मोदी के कदम का स्वागत किया है.

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राहुल गांधी
राहुल गांधी
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पीएम मोदी ने मुफ्त वैक्सीन का ऐलान किया
  • वैक्सीन पॉलिसी पर कांग्रेस ने सवाल खड़े किए
  • कैप्टन ने मोदी के ऐलान का स्वागत किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राष्ट्र को संबोधित करते हुए 18 साल के ऊपर के सभी लोगों को मुफ्त वैक्सीन देने का ऐलान किया. उन्होंने कहा कि वैक्सीन के लिए अब राज्य सरकार का खर्च भी केंद्र सरकार ही वहन करेगी. पीएम मोदी की नई वैक्सीनेशन पॉलिसी को लेकर कांग्रेस दो धड़ों में बंटी हुई नजर आई. कांग्रेस के कुछ नेताओं ने मुफ्त वैक्सीन के ऐलान का स्वागत किया तो कुछ नेताओं ने सवाल खड़े किए. ऐसे में पीएम मोदी की वैक्सीन पॉलिसी को देखें तो कांग्रेस का रुख स्पष्ट नहीं है. 

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कांग्रेस ने पीएम मोदी की वैक्सीनेशन की नई पॉलिसी पर ही सवाल खड़े किए हैं. इतना ही नहीं कांग्रेस ने सभी नागरिकों के टीकाकरण के लिए राज्यों को मुफ्त टीका मुहैया कराने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा को 'आधी-अधूरी' करार देते हुए सोमवार को सवाल किया कि अगर टीकाकरण मुफ्त है तो फिर निजी अस्पताल पैसे क्यों लेंगे. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि, 'एक साधारण सवाल: अगर टीके सभी के लिए मुफ्त हैं तो फिर निजी अस्पतालों को पैसे क्यों लेने चाहिए.'

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता और राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि मोदी सरकार ने 16 जनवरी 2021 से लेकर 7 जून 2021 तक तीन बार वैक्सीनेशन पॉलिसी बदली है. मनमोहन सिंह, सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने पिछले कई महीनों में बार-बार यह मांग रखी कि 18 साल से अधिक उम्र के लोगों को मुफ्त टीका लगना चाहिए, लेकिन मोदी सरकार ने इससे इनकार कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार को कटघरे में खड़ा किया, जिसके बाद अब जाकर सरकार जागी है. 

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कांग्रेस महासचिव ने कहा कि फिलहाल खुशी है कि हर नागरिक को मुफ्त टीका मुहैया कराने की मांग को केंद्र सरकार ने आधे-अधूरे ढंग से मान लिया है. प्रधानमंत्री अपने मुंह मियां- मिट्ठू बने. मोदी सरकार देर से आई लेकिन पूरी तरह दुरुस्त नहीं आई. उन्होंने केंद्र से सवाल करते हुए पूछा कि क्यों सिर्फ 75 फीसदी वैक्सीन की खरीद की गई जबकि 25 फीसदी वैक्सीन प्राइवेट सेक्टर के हाथों में देकर लोगों को लूटने के लिए छोड़ दिया गया. सुरजेवाला ने कहा कि सरकार बताए कि कैसे 31 दिसंबर तक 100 करोड़ लोगों को वैक्सीन के दो डोज देगी.


कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने दावा किया कि केंद्र सरकार ने यह फैसला दबाव में लिया है, उन्‍होंने कहा कि जब राज्य की सरकारों ने केंद्र पर दबाव डालकर मुफ्त में वैक्सीन देने की बात कही और सुप्रीम कोर्ट ने दखल दिया, उसके बाद ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सभी लोगों के लिए वैक्सीन मुफ्त करने का फैसला करना पड़ा. इससे साफ होता है कि पीएम ने यह फैसला दबाव में लिया है. 

पीएम मोदी की घोषणा के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि अंतर्निहित संदेश यह है कि सरकार ने अपनी गलतियों से सीखा है. उन्होंने दो मौलिक गलतियां कीं और उन गलतियों को सुधारने का अब प्रयास किया गया है. लेकिन, हमेशा की तरह झांसा देने के लिए पीएम ने अपनी गलतियों के लिए विपक्ष को दोषी ठहराया है. चिदंबरम ने कहा कि, किसी ने नहीं कहा कि केंद्र को टीके नहीं खरीदने चाहिए. वह (पीएम) अब राज्य सरकारों पर आरोप लगाते हुए कहते हैं कि वे टीके खरीदना चाहते थे, इसलिए हमने उन्हें अनुमति दी. 

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राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सभी के लिए कोरोना टीकाकरण नि:शुल्क किए जाने की घोषणा को जनभावनाओं की जीत बताया है. गहलोत ने ट्वीट कर कहा था कि राजस्थान में कांग्रेस पार्टी द्वारा चलाए गए अभियान #स्पीक फॉर फ्री यूनिवर्सल वैक्सीनेशन में भाग लेने वाले सभी सांसद, विधायक, कांग्रेस कार्यकर्ताओं व आमजन को बधाई.' गहलोत ने आगे लिखा कि आपकी भावना के कारण आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 18 साल प्लस सहित सभी देशवासियों के लिए निःशुल्क टीकाकरण की घोषणा करनी पड़ी. यह जनभावनाओं की जीत है.

कांग्रेस नेता एवं पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने सोमवार को कहा कि कोविड-19 टीकों की खरीदारी एवं वितरण का जिम्मा अपने हाथ में लेने का केंद्र का फैसला उन राज्यों के लिए मददगार होगा, जिन्हें टीके खरीदने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. अमरिंदर ने ट्वीट कर कहा कि अच्छी बात है कि केंद्र ने पूरे देश में सभी आयु वालों के लिए टीकों की खरीदारी एवं वितरण का जिम्मा अपने हाथ में लेने का फैसला किया है. मैंने (प्रधानमंत्री) नरेंद्र मोदी जी को निजी तौर पर दो बार पत्र लिखकर सुझाव दिया था कि कोविड-19 टीकों संबंधी संकट से निपटने का यही एकमात्र उपाय है.

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मुफ्त टीकाकरण की घोषणा को देरी से लिया गया निर्णय बताते हुए सोमवार को कहा कि टीके की निरंतर आपूर्ति केंद्र सरकार कैसे करेगी, यह सबसे बड़ी चुनौती है. सीएम बघेल ने कहा कि पीएम ने जो घोषणा की है, यह ऐलान हमने विधानसभा में बजट सत्र में ही यह कर दिया था कि छत्तीसगढ़ में हम हर व्यक्ति का फ्री वैक्सीनेशन करेंगे. 

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उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने स्वास्थ्य कार्यकर्ता, फ्रंटलाईन वर्कर और 45 वर्ष के अधिक आयु के लिए तो फ्री वैक्सीनेशन की व्यवस्था की थी. लेकिन जब 18 से 44 आयु वर्ग की बात आई तो उन्होंने यह राज्यों के ऊपर छोड़ दिया. उस समय भी राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने पीएम से फ्री वैक्सीनेशन की मांग की थी, लेकिन तब सुना नहीं था. बाद में राज्यों ने अपने खजाने से वैक्सीनेशन की व्यवस्था की थी. उन्होंने कहा है कि राज्यों पर जो आरोप लगाए जा रहे है वो गलत है. जब वैक्सीन ही उपलब्ध नहीं करा पा रहे है तो सभी को डोज कैसे लगेंगी? 

 

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