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पीएम मोदी बोले- लोकतंत्र पर दुनिया से नसीहत की जरूरत नहीं

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारा लोकतंत्र किसी भी मायने में वेस्टर्न इंस्टीट्यूशन नहीं है, ये एक ह्यूमन इंस्टीट्यूशन है, भारत का इतिहास लोकतांत्रिक संस्थानों के उदाहरणों से भरा पड़ा है.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
स्टोरी हाइलाइट्स
  • PM ने भारतीय लोकतंत्र की तारीफ की
  • PM ने कहा- ये मदर ऑफ डेमोक्रेसी है

राज्यसभा में सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण पर बयान दिया. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को लेकर यहां काफी उपदेश दिए गए हैं, लेकिन मैं नहीं मानता हूं कि जो बातें यहां बताई गईं हैं, उसमें देश का कोई भी नागरिक भरोसा करेगा, भारत का लोकतंत्र ऐसा नहीं है कि जिसकी खाल हम इस तरह से उधेड़ सकते हैं.

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पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस कोरोना काल में भारत ने वैश्विक संबंधों में एक विशिष्ट स्थान बनाया है, वैसे ही भारत ने हमारे फेडरल स्ट्रक्चर को इस कोरोना काल में, हमारी अंतर्भूत ताकत क्या है, संकट के समय हम कैसे मिलकर काम कर सकते हैं, ये केंद्र और रज्य सरकार ने मिलकर कर दिखाया है.

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारा लोकतंत्र किसी भी मायने में वेस्टर्न इंस्टीट्यूशन नहीं है, ये एक ह्यूमन इंस्टीट्यूशन है, भारत का इतिहास लोकतांत्रिक संस्थानों के उदाहरणों से भरा पड़ा है, प्राचीन भारत में 81 गणतंत्रों का वर्णन मिलता है, भारत के राष्ट्रवाद पर चौतरफा हो रहे हमले से आगाह करना जरूरी है.

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत का राष्ट्रवाद न तो संकीर्ण है, न स्वार्थी है, न आक्रामक है, ये सत्यम, शिवम, सुंदरम मूलों से प्रेरित है, ये वक्तव्य आजाद हिंद फौज की प्रथम सरकार के प्रथम प्रधानमंत्री नेताजी का है. दुर्भाग्य है कि जाने-अनजाने में हमने नेताजी की भावना को, उनके आदर्शों को भुला दिया है.

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राज्यसभा में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि उसका परिणाम है कि आज हम ही, खुद को कोसने लगे हैं, हमने अपनी युवा पीढ़ी को सिखाया नहीं कि ये देश लोकतंत्र की जननी है, हमें ये बात नई पीढ़ी को सिखानी है. चुनौतियां तो हैं, लेकिन हमें तय करना है कि हम समस्या का हिस्सा बनना चाहते हैं या समाधान का माध्यम बनना चाहते हैं.

 

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