पीएम नरेंद्र मोदी आज चुनावी राज्य छत्तीसगढ़ के शहर रायपुर थे. इसके बाद वह गोरखपुर और फिर वाराणसी गए. इस दौरान उन्होंने कांग्रेस और विपक्षी दलों पर जमकर हमला बोला. वहीं बीजेपी सरकार में हुए विकास पर चर्चा की. उन्होंने दोनों राज्यों में 19 हजार करोड़ से ज्यादा की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया. रायपुर में उन्होंने कांग्रेस पर छत्तीसगढ़ को लूटने, जनता से वादाखिलाफी का आरोप लगाया. इसके बाद वह गोरखपुर में गीता प्रेस के शताब्दी समापन समारोह शामिल हुए. यहां उन्होंने पहली बार आर्ट पेपर पर प्रकाशित चित्रमय शिवपुराण व नेपाली में प्रकाशित शिव महापुराण का विमोचन किया. इसके बाद उन्होंने कहा कि गीता प्रेस सिर्फ एक संस्था नहीं बल्कि एक जीवंत आस्था है. इसके बाद पीएम वाराणसी पहुंचे. उन्होंने यहां वाजिदपुर में जनता को संबोधित किया. साथ ही 12 हजार करोड़ की परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया. वह 8 जुलाई को भी वाराणसी में रहेंगे. जानते हैं कि पीएम के इन तीन शहरों में दिए भाषण के महत्वपूर्ण अंश.
- छत्तीसगढ़ के विकास के सामने एक बहुत बड़ा पंजा दीवार बनकर खड़ा हो गया है. ये कांग्रेस का पंजा है, जो आपसे आपका हक छीन रहा है. इस पंजे ने ठान लिया है कि वह छत्तीसगढ़ को लूट-लूट कर बर्बाद कर देगा. छत्तीसगढ़ केवासियों आपको याद रखा होगा कि कांग्रेस पार्टी के लिए छत्तीसगढ़ एक एटीएम की तरह है. अब आप समझ पाएंगे कि आखिरकार तीन-चार सालों में जो चुनाव देश में हुए उसमें कांग्रेस अपने छत्तीसगढ़ के नेताओं को क्यों जिम्मेदारी देता था.
- गंगा जी की झूठी कसम खाने का पाप कांग्रेस ही कर सकती है. इन्होंने गंगा जी की कसम खाकर एक घोषणा-पत्र जारी किया था. उसमें बड़ी-बड़ी बातें की थीं, लेकिन आज उस घोषणा-पत्र की याद दिलाते ही कांग्रेस की याददाश्त ही चली जाती है. छत्तीसगढ़ से 36 वादे जो कांग्रेस ने किए थे, उसमें एक ये था कि राज्य में शराबबंदी की जाएगी. 5 साल बीत गए, लेकिन सच यह है कि कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में हजारों करोड़ का शराब घोटाला कर दिया है और इसकी पूरी जानकारी अखबारों में भरी पड़ी है.
- कोल माफिया, सैंड माफिया, लैंड माफिया... न जाने कैसे-कैसे माफिया यहां फल-फूल रहे हैं. यहां सूबे के मुखिया से लेकर तमाम मंत्रियों और अधिकारियों तक पर घोटाले के गंभीर से गंभीर आरोप लगते रहे हैं. आज छत्तीसगढ़ सरकार, कांग्रेस के करप्शन और कुशासन का मॉडल बन चुकी है. कांग्रेस के कोर-कोर में करप्शन है. भ्रष्टाचार के बिना कांग्रेस सांस भी नहीं ले सकती है. भ्रष्टाचार, कांग्रेस की सबसे बड़ी विचारधारा है.
- जिनके दामन दागदार हैं, वे आज एक साथ आने की कोशिश कर रहे हैं. जो एक-दूसरे को पानी पी-पीकर कोसते थे, वे आज साथ आने के बहाने खोजने लगे हैं. देश के हर भ्रष्टाचारी को एक बात कान खोलकर सुन लेनी चाहिए. वो अगर भ्रष्टाचार की गारंटी है, तो मोदी भ्रष्टाचार पर कार्रवाई की गारंटी है. ये लोग मेरे पीछे पड़ेंगे, मेरी कब्र खोदने की धमकी देंगे, मेरे खिलाफ साजिशें रचेंगे, लेकिन उन्हें पता नहीं है, जो डर जाए वह मोदी नहीं हो सकता है.
- अपने कुशासन और भ्रष्टाचार के दाग को कांग्रेस अब झूठी गारंटियों से छिपाने की कोशिश कर रही है. आपको ऐसी झूठी गारंटियों से बहुत सतर्क और सावधान रहने की जरूरत है. ये भाजपा है जो असली गारंटी देती है, जो वादा करती है, उसे पूरा करके दिखाती है.
- पिछले 9 सालों में केंद्र की बीजेपी सरकार ने छत्तीसगढ़ के धान किसानों को 1 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा दिए हैं. इस साल भी यहां के धान किसानों को 22 करोड़ रुपये से ज्यादा दिए गए हैं. ये बीजेपी ही है, जो किसानों की मेहनत को समझती है, उनके लिए काम कर रही है, जबकि कांग्रेस सिर्फ और सिर्फ किसानों को धोखा दे रही है और उनसे झूठ बोल रही है.
- इस बार का मेरा गोरखपुर का दौरा विकास भी-विरासत भी की नीति का अद्भुत उदाहरण है. गीता प्रेस के इस कार्यक्रम के बाद मैं गोरखपुर रेलवे स्टेशन जाऊंगा. आज से ही गोरखपुर रेलवे स्टेशन के आधुनिकीकरण का काम भी शुरू होने जा रहा है.
- गीता प्रेस विश्व का ऐसा एकलौता प्रिंटिंग प्रेस है, जो सिर्फ एक संस्था नहीं बल्कि एक जीवंत आस्था है. गीता प्रेस का कार्यालय करोड़ों लोगों के लिए किसी मंदिर से जरा भी कम नहीं है. इसके नाम में भी और काम में भी गीता है और जहां गीता है, वहां साक्षात कृष्ण है. जहां कृष्ण है वहां करुणा भी है, कर्म भी है. वहां ज्ञान का बोध भी है और विज्ञान का शोध भी है.
- 1923 में गीता प्रेस के रूप में यहां जो आध्यात्मिक ज्योति प्रज्ज्वलित हुई, आज उसका प्रकाश पूरी मानवता का मार्गदर्शन कर रहा है. हमारा सौभाग्य है कि हम सभी इस मानवीय मिशन की स्वर्ण शताब्दी के साक्षी बन रहे हैं.
- गीता प्रेस जैसी संस्था सिर्फ धर्म और कर्म से ही नहीं जुड़ी है बल्कि इसका एक राष्ट्रीय चरित्र भी है. गीता प्रेस भारत को जोड़ती है, भारत की एकजुटता को सशक्त करती है. गीता प्रेस अलग-अलग भाषाओं में भारत के मूल चिंतन को जन-जन तक पहुंचाती है.
- सावन के महीने की शुरुआत हो, बाबा विश्वनाथ और मां गंगा का आशीर्वाद हो और बनारस के लोगों का साथ हो, तो फिर जीवन बिल्कुल धन्य हो जाता है. अब जे भी बनारस आई, त खुश हो के ही जाई... आज पूरी दुनिया में आपकी और काशी की वाहवाही हो रही है. मुझे पता है कि काशी के लोग सब संभाल लेंगे. आप लोगों ने काशी विश्वनाथ धाम और पूरे परिसर को भी इतना भव्य बना दिया है कि जो यहां आ रहा है, वो गदगद होकर जा रहा है. यह बाबा की कृपा है.
- आज काशी सहित यूपी को लगभग 12 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उपहार मिला है. हमने जो काशी की आत्मा को बनाए रखते हुए नूतन काया का संकल्प लिया है, यह उसका विस्तार है. बीते 9 सालें में हमने सिर्फ एक परिवार और एक पीढ़ी के लिए योजनाएं नहीं बनाई हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों का भविष्य भी सुधर जाए, इसको ध्यान में रखकर काम किया है.
- जिन दलों ने अतीत में भ्रष्ट और नाकाम सरकारें चलाईं, वे आज लाभार्थी का नाम सुनकर तिलमिला जाते हैं. आजादी के इतने साल बाद लोकतंत्र का लाभ अब सही मायने में, सही लोगों तक पहुंचा है. वरना पहले लोकतंत्र के नाम पर गिने-चुने लोगों के हित साधे जाते थे, गरीबों की कोई पूछ नहीं थी.
- आज कमीशन लेने वालों की दुकान बंद, दलाली खाने वालों की दुकान बंद, घोटाले करने वालों की दुकान बंद... यानी अब ना ही कोई भेदभाव और ना ही कोई भ्रष्टाचार. पहले बैंक तक पहुंच भी सिर्फ अमीर लोगों तक ही होती थी. गरीबों के लिए तो ये माना जाता था कि पैसा ही नहीं है तो बैंक खाते का क्या करेंगे. बीते 9 सालें में इस सोच को भी भाजपा सरकार ने बदल दिया है.
- जिन लोगों ने देश पर दशकों तक राज किया, उनके शासन के मूल में भी बेइमानी रही है. जब ऐसा होता है तो चाहे कितना भी धन इकट्ठा हो तो कम ही पड़ता है. 2014 से पहले भ्रष्टाचारियों की ऐसी ही सरकारें चलती थी. आज गरीब कल्याण हो या फिर इंफ्रास्ट्रक्चर, बजट की कोई कमी नहीं है. वही करदाता हैं, वही सिस्टम है. सरकार बदली है, नीयत बदली है, तो परिणाम भी बदले दिख रहे हैं.