प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति अभिभाषण पर चर्चा का जवाब देते हुए कांग्रेस पर बड़ा हमला बोला है. एक तरफ उन्होंने सिलसिलेवार तरीके से बता दिया कि देश को कांग्रेस की जरूरत क्यों नहीं है. वहीं दूसरी तरफ भाषण के दौरान उन्होंने कांग्रेस को अपना नाम बदलने की नसीहत भी दे डाली.
पीएम ने कहा कि कांग्रेस को नेशन से भी समस्या है. पीएम ने कहा कि अगर ऐसा है तो आपकी पार्टी का नाम इंडियन नेशनल कांग्रेस क्यों है, अगर दिक्कत है तो पार्टी का नाम बदल लीजिए और फेडरेशन ऑफ कांग्रेस कर देना चाहिए.
उनके इस बयान पर सदन में बैठे कांग्रेस नेता नाराज हो गए थे और विरोध शुरू कर दिया गया था. लेकिन पीएम ने अपना हमला जारी रखा. उन्होंने जोर देकर कहा कि कांग्रेस की विचाधारा ही विकास विरोधी रही है, उनकी पार्टी जरूर राष्ट्रवाद को प्रमुखता देती है, लेकिन कांग्रेस सिर्फ परिवारवाद तक सीमित रह गई है.
इसके बाद पीएम मोदी ने कांग्रेस पर तंज के अंदाज में सबसे बड़ा हमला बोला. दो-ढाई मिनट तक वे सिर्फ ये बताते रहे कि अगर कांग्रेस ना होती तो देश का हाल कैसा रहता. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ना होती तो देश का माहौल, देश का रूप अलग ही होता. उन्होंने बोला कि अगर कांग्रेस ना होती तो सिखों का नरसंहार ना होता, कांग्रेस ना होती तो जातिवाद ना होता, कांग्रेस ना होती तो लोकतंत्र परिवारवाद मुक्त होता, कांग्रेस ना होती तो क्षेत्रवाद ना होता, कांग्रेस ना होती तो पंडित कश्मीर में होते, अगर कांग्रेस न होती तो भारत विदेशी चश्मे के बजाय स्वदेशी संकल्पों के रास्ते पर चलता, अगर कांग्रेस न होती तो देश पर इमरजेंसी का कलंक नहीं होता.
उनका ये प्रहार इतना जोरदार रहा कि कुछ देर के लिए पीएम का भाषण रोकना पड़ गया. कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने आपत्ति दर्ज करवाई और लगातार विरोध करते रहे. ये तो जब सभापति वेंकैया नायडू ने उन्हें टोका, तब जाकर पीएम मोदी का भाषण फिर शुरू हुआ.