प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे. देव दीपावली उत्सव के मौके पर पीएम मोदी ने कृषि बिल और किसानों के प्रदर्शन को लेकर कई अहम बातें कहीं. पीएम ने कहा कि जिन किसान परिवारों की अभी भी कुछ चिंताएं हैं, कुछ सवाल हैं, तो उनका जवाब भी सरकार निरंतर दे रही है. मुझे विश्वास है, आज जिन किसानों को कृषि सुधारों पर कुछ शंकाएं हैं, वो भी भविष्य में इन कृषि सुधारों का लाभ उठाकर, अपनी आय बढ़ाएंगे.
विपक्ष पर निशाना साधते हुए पीएम ने कहा कि पहले सरकार का कोई फैसला अगर किसी को पसंद नहीं आता था तो उसका विरोध होता था. लेकिन अब विरोध का आधार फैसला नहीं बल्कि आशंकाओं को बनाया जा रहा है. ऐतिहासिक कृषि सुधारों के मामले में भी यही खेल खेला जा रहा है. ये वही लोग हैं जिन्होंने दशकों तक किसानों के साथ लगातार छल किया है.
जिन किसान परिवारों की अभी भी कुछ चिंताएं हैं, कुछ सवाल हैं, तो उनका जवाब भी सरकार निरंतर दे रही है।
— PMO India (@PMOIndia) November 30, 2020
मुझे विश्वास है, आज जिन किसानों को कृषि सुधारों पर कुछ शंकाएं हैं, वो भी भविष्य में इन कृषि सुधारों का लाभ उठाकर, अपनी आय बढ़ाएंगे: PM
वादों को जमीन पर उतारने के लिए कानून लाए हैं
पीएम ने कहा कि आप ही बताइए कि अगर मंडियों और MSP को ही हटाना था, तो हम इनको इतनी ताकत क्यों देते? इन पर इतना निवेश ही क्यों करते? हमारी सरकार तो मंडियों को आधुनिक और मजबूत बनाने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रही है.
पीएम ने कहा कि वादों को जमीन पर उतारने के इसी ट्रैक रिकॉर्ड के बल पर किसानों के हित में नए किसान सुधार कानून लाए गए हैं. किसानों को न्याय दिलाने में ये कितने काम आ रहे हैं, ये आने वाले दिनों में हम जरूर अनुभव करेंगे.
कानूनी कार्रवाई कर सकता है किसान
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत के कृषि उत्पाद पूरी दुनिया में मशहूर हैं. क्या किसान की इस बड़े मार्केट और ज्यादा दाम तक पहुंच नहीं होनी चाहिए? अगर कोई पुराने सिस्टम से ही लेनदेन ही ठीक समझता है तो, उस पर भी कहां रोक लगाई गई है? पहले मंडी के बाहर हुए लेनदेन ही गैरकानूनी थे. ऐसे में छोटे किसानों के साथ धोखा होता था, विवाद होता था. अब छोटा किसान भी मंडी से बाहर हुए हर सौदे को लेकर कानूनी कार्रवाई कर सकता है.
इतना निवेश ही क्यों करते?
नरेंद्र मोदी ने कहा कि 2014 से पहले के 5 सालों में पहले की सरकार ने 2 लाख करोड़ रुपए का धान खरीदा था, लेकिन इसके बाद के 5 सालों में 5 लाख करोड़ रुपए धान के MSP के रूप में किसानों तक हमने पहुंचाए हैं. यानि लगभग ढाई गुना ज्यादा पैसा किसान के पास पहुंचा है, अब आप ही बताइए कि अगर मंडियों और MSP को ही हटाना था, तो इनको ताकत देने के लिए, इन पर इतना निवेश ही क्यों करते? हमारी सरकार तो मंडियों को आधुनिक बनाने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रही है.