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जाति जनगणना रिपोर्ट के बाद अब आगे क्या चाहते हैं राजनीतिक दल? देखिए 10 प्रमुख दलों और नेताओं का क्या है स्टैंड

बिहार सरकार ने राज्य में कराई गई जातिगत जनगणना के सोमवार को आकंड़ें जारी किए. इस रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में 36 फीसदी अत्यंत पिछड़ा, 27 फीसदी पिछड़ा वर्ग, 19 फीसदी से थोड़ी ज्यादा अनुसूचित जाति और 1.68 फीसदी अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या बताई गई है.

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बिहार की जातिगत जनगणना पर क्या है विपक्ष का स्टैंड?
बिहार की जातिगत जनगणना पर क्या है विपक्ष का स्टैंड?

बिहार में हुई जातीय जनगणना की रिपोर्ट आ गई है. लोकसभा चुनाव से पहले आई रिपोर्ट को लेकर सियासत भी तेज हो गई है. जहां कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी समेत तमाम विपक्षी दलों ने इस फैसले का स्वागत करते हुए पूरे देश में जातिगत जनगणना कराने की मांग उठाई है. साथ ही केंद्र की मोदी सरकार पर भी निशाना साधा है. तो केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने इस सर्वे को लोगों की आंखों में धूल झोंकने वाला बताया. जातिगत जनगणना का यह रिपोर्ट कार्ड लोगों में भ्रम फैलाने के सिवा कुछ नहीं है. आइए जानते हैं कि जातिगत जनजणना पर 10 प्रमुख दलों का क्या स्टैंड है?

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क्या बोले राहुल गांधी?

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि बिहार की जातिगत जनगणना से पता चलता है कि वहां OBC + SC + ST 84% हैं. केंद्र सरकार के 90 सचिवों में सिर्फ तीन ओबीसी हैं जो भारत का मात्र पांच फीसदी बजट संभालते हैं. इसलिए भारत के जातिगत आंकड़ें जानना जरूरी हैं. जितनी आबादी, उतना हक- ये हमारा प्रण है.

वहीं, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, बिहार सरकार ने अभी राज्य में कराए गए जाति आधारित सर्वे के नतीजे जारी कर दिए हैं. इस पहल का स्वागत करते हुए और कांग्रेस सरकारों द्वारा कर्नाटक जैसे अन्य राज्यों में इसी तरह के पहले के सर्वेक्षणों को याद करते हुए, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अपनी मांग दोहराती है कि केंद्र सरकार जल्द से जल्द राष्ट्रीय जाति जनगणना कराए. UPA-2 सरकार ने, वास्तव में इस जनगणना के कार्य को पूरा कर लिया था, लेकिन इसके नतीजे मोदी सरकार ने जारी नहीं किए. सामाजिक सशक्तिकरण कार्यक्रमों को मज़बूती प्रदान करने और सामाजिक न्याय को आगे बढ़ाने के लिए ऐसी जनगणना आवश्यक हो गई है. 

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लालू बोले- वंचितों, उपेक्षितों के लिए नजीर पेश करेंगे

राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) प्रमुख लालू यादव ने बिहार में जातिगत जनगणना के आंकड़ें जारी होने पर कहा कि आज गांधी जयंती पर इस ऐतिहासिक क्षण के हम सब साक्षी बने हैं. बीजेपी की अनेकों साजिशों, कानूनी अड़चनों और तमाम षड्यंत्र के बावजूद आज बिहार सरकार ने जाति आधारित सर्वे को रिलीज किया.ये आंकड़े वंचितों, उपेक्षितों और गरीबों के समुचित विकास और तरक्की के लिए समग्र योजना बनाने और हाशिए के समूहों को आबादी के अनुपात में प्रतिनिधित्व देने में देश के लिए नजीर पेश करेंगे.

वहीं, तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में जाति आधारित सर्वे के आंकड़ें सार्वजनिक हो गए हैं. ऐतिहासिक क्षण. दशकों के संघर्ष का प्रतिफल. अब सरकार की नीतियां और नीयत दोनों ही जाति आधारित सर्वे के इन आंकड़ों का सम्मान करेंगे. हम लोगों ने कम समय में ये काम किया है. हमने नेता प्रतिपक्ष रहते हुए इसका प्रस्ताव रखा था. प्रधानमंत्री मोदी से मिलने भी गए थे. पीएम ने जातिगत जनगणना की मांग को लोकसभा और राज्यसभा में नकार दिया था. लेकिन उसके बाद भी हमने राज्य में जातिगत जनगणना कराई.

AAP की मांग- अन्य राज्यों में भी हो जातिगत जनगणना

आप सांसद संजय सिंह ने कहा, ''उत्तरप्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, हरियाणा और बाकी क्षेत्रों में Cast Census होना ही चाहिए. जाति जनगणना एक बड़ा मुद्दा है. जब तक आपको पता नहीं चलेगा कि किस जाति की कितनी संख्या है तो सरकार की तमाम स्कीम, आरक्षण की व्यवस्था में सभी जातियों के साथ न्याय करना संभव नहीं है. आर्थिक आधार पर न्याय के लिए मोदी सरकार ने 10% आरक्षण लागू किया है और सामाजिक न्याय के सिद्धांत के हिसाब से पिछड़ों और वंचित के लिए आरक्षण की व्यवस्था है'. पहले सवर्ण बिरादरी के लोग कहते थे कि आरक्षण वाले हैं और हम गैर आरक्षण वाले हैं. अब तो आर्थिक आधार पर सवर्ण और पिछड़ों को भी आरक्षण देने की बात कह दी है. लेकिन न्याय के लिए जातीय जनगणना जरूरी है.'' 

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बसपा ने भी किया स्वागत

मायावती ने कहा, बिहार सरकार द्वारा कराए गए जातीय जनगणना के आंकड़े सार्वजनिक होने की खबरें आज काफी सुर्खियों में है और उस पर गहन चर्चाएं जारी है. कुछ पार्टियां इससे असहज जरूर हैं लेकिन बीएसपी के लिए ओबीसी के संवैधानिक हक के लम्बे संघर्ष की यह पहली सीढ़ी है. 

मायावती ने कहा, बीएसपी को खुशी है कि देश की राजनीति उपेक्षित बहुजन समाज के पक्ष में इस कारण नया करवट ले रही है, जिसका नतीजा है कि एससी-एसटी आरक्षण को निष्क्रिय और निष्प्रभावी बनाने और घोर ओबीसी-मण्डल विरोधी जातिवादी एवं साम्प्रदायिक दल भी अपने भविष्य के प्रति चिन्तित नजर आने लगे हैं. वैसे तो यूपी सरकार को अब अपनी नीयत व नीति में जन भावना और जन अपेक्षा के अनुसार सुधार करके जातीय जनगणना/सर्वे तुरंत शुरू करा देना चाहिए, लेकिन इसका सही समाधान तभी होगा जब केन्द्र सरकार राष्ट्रीय स्तर पर जातीय जनगणना कराकर उन्हें उनका वाजिब हक देना सुनिश्चित करेगी. 

अखिलेश ने बीजेपी पर साधा निशाना

समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने कहा, बिहार जाति आधारित जनगणना प्रकाशित, ये है सामाजिक न्याय का गणतीय आधार. जातिगत जनगणना 85-15 के संघर्ष का नहीं बल्कि सहयोग का नया रास्ता खोलेगी और जो लोग प्रभुत्वकामी नहीं हैं बल्कि सबके हक़ के हिमायती हैं, वो इसका समर्थन भी करते हैं और स्वागत भी. जो सच में अधिकार दिलवाना चाहते हैं वो जातिगत जनगणना करवाते हैं. भाजपा सरकार राजनीति छोड़े और देशव्यापी जातिगत जनगणना करवाए. 

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उन्होंने कहा, जब लोगों को ये मालूम पड़ता है कि वो गिनती में कितने हैं तब उनके बीच एक आत्मविश्वास भी जागता है और सामाजिक नाइंसाफी के खिलाफ एक सामाजिक चेतना भी, जिससे उनकी एकता बढ़ती है और वो एकजुट होकर अपनी तरक्की के रास्ते में आनेवाली बाधाओं को भी दूर करते हैं, नये रास्ते बनाते हैं और सत्ताओं और समाज के परम्परागत ताकतवर लोगों द्वारा किए जा रहे अन्याय का खात्मा भी करते हैं. इससे समाज बराबरी के मार्ग पर चलता है और समेकित रूप से देश का विकास होता है. जातिगत जनगणना देश की तरक्की का रास्ता है. अब ये निश्चित हो गया है कि PDA ही भविष्य की राजनीति की दिशा तय करेगा. 

जल्द लागू हो इसी हिसाब से आरक्षण- जीतन राम मांझी 

बिहार के पूर्व सीएम और हम पार्टी चीफ जीतन राम मांझी ने कहा, बिहार में जाति आधारित गणना की रिपोर्ट आ चुकी है. सूबे के SC/ST, OBC, EBC की आबादी तो बहुत है पर उनके साथ हकमारी की जा रही है. नीतीश कुमार जी से आग्रह करता हूं कि राज्य में आबादी के प्रतिशत के हिसाब से सरकारी नौकरी-स्थानीय निकायों में आरक्षण लागू करें, वही न्याय संगत होगा. 

नीतीश बोले- हम सबका विकास चाहते हैं

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नीतीश कुमार ने कहा कि सरकार अब आर्थिक स्थिति को लेकर भी जानकारी देगी. कल के बाद धीरे-धीरे और जानकारी मिलेगी. हम सभी का विकास चाहते हैं. वहीं, जेडीयू नेता केसी त्यागी का कहना है कि पूरे देश में जाति आधारित जनगणना होनी चाहिए. इंडिया गठबंध के घोषणापत्र में भी जाति आधारित जनगणना का मुद्दा शामिल होगा. अगली बैठक में इस पर चर्चा होगी. कर्पूरी ठाकुर और वीपी सिंह के बाद नीतीश कुमार आज इन वर्गों के सबसे बड़े नेता के रूप में उभरे हैं.

इसके अलावा भाकपा माले, माकपा और भाकपा ने जाति आधारित गणना की रिपोर्ट का स्वागत किया। इन दलों के नेताओं ने कहा कि सरकार को अब वंचितों-उपेक्षितों व गरीबों के समुचित विकास के लिए नीतियां बनाने में मदद मिलेगी।

बीजेपी ने साधा नीतीश सरकार पर निशाना

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने इस सर्वे को लोगों की आंखों में धूल झोंकने वाला बताया. जातिगत जनगणना का यह रिपोर्ट कार्ड लोगों में भ्रम फैलाने के सिवा कुछ नहीं है. बीजेपी नेता सुशील मोदी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी जब बिहार की सरकार में फिर से शामिल थी. उसी सरकार ने निर्णय लिया था जातिगत जनगणना को लेकर. आज उसके आंकड़ें सार्वजनिक हुए हैं. बीजेपी आकंड़ों का विश्लेषण कर रही है. विश्लेषण के बाद ही हम इस पर टिप्पणी करेंगे. राष्ट्रीय जनता दल की सरकार का यह फैसला नहीं है. यह फैसला हमारी सरकार का रहा है.

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