scorecardresearch
 

'बीजेपी ने अपने पैर में कुल्हाड़ी मार ली', CAA पर विशेष चर्चा

राजनीतिक विश्लेषक तौसीफ खान ने कहा कि बीजेपी ने अपने पैर में कुल्हाड़ी मार ली है क्योंकि पूरे बंगाल में सीएए का विरोध हो रहा है, इसका नतीजा बीजेपी को 2021 के चुनाव में नजर आ जाएगा.

Advertisement
X
बंगाल में सीएए एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन (फाइल फोटो-PTI)
बंगाल में सीएए एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन (फाइल फोटो-PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • CAA पर जेपी नड्डा के बयान के बाद सियासी घमासान
  • तृणमूल कांग्रेस ने किया बीजेपी पर पलटवार

बिहार चुनाव के बीच बंगाल की धरती से एक बार फिर नागरिकता कानून चर्चा में आ गया है. भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बंगाल में कहा है कि कोरोना की वजह से भले ही देरी हो गई हो लेकिन सीएए जल्द लागू होगा. इस मसले पर अब सियासी घमासान भी शुरू हो गया है. 

Advertisement

टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा ने नड्डा के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि हम आपको हमारे कागज दिखाने से पहले बाहर का रास्ता दिखा देंगे. वहीं, इस मसले पर आजतक की विशेष चर्चा में शामिल कांग्रेस प्रवक्ता आलोक शर्मा ने कहा कि बिहार चुनाव के साथ देश के अन्य मुद्दों से कैसे भटकाया जाए, इसके लिए ऐसा किया जा रहा है. आलोक शर्मा ने असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल का नाम लेते हुए कहा कि बीजेपी के अपने नेताओं ने ही इसका विरोध किया है, लेकिन बीजेपी ध्रुवीकरण की कोशिश में लगी हुई है. इस बहस में सीपीएम नेता सुनील चोपड़ा ने कहा कि देश को बर्बाद करने वाले किसी भी कदम का हम विरोध करते हैं.

आरएसएस के समर्थक और राजनीतिक विश्लेषक संगीत रागी ने कहा कि बंगाल कोई अलग रिपब्लिक नहीं है, इसलिए जिसको नागरिकता चाहिए उन्हें दस्तावेज दिखाना ही पड़ेगा नहीं तो बाहर जाना पड़ेगा. संगीत रागी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने बंग्लादेशियों को वोट बैंक के लिए बसाकर रखा है.

Advertisement

देखें: आजतक LIVE TV
 

वहीं, राजनीतिक विश्लेषक तौसीफ खान ने कहा कि बीजेपी ने अपने पैर में कुल्हाड़ी मार ली है क्योंकि पूरे बंगाल में सीएए का विरोध हो रहा है, इसका नतीजा बीजेपी को 2021 के चुनाव में नजर आ जाएगा.

गौरतलब है कि दिसंबर 2019 में केंद्र सरकार ने संसद से सीएए कानून पास किया था. इस कानून का देश के कई इलाकों में विरोध किया गया. नॉर्थ ईस्ट में बीजेपी या उसके समर्थक दल भी इसके सीएए-एनआरसी के विरोध में दिखाई दिए. जबकि पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस सरकार ने खुलेआम सीएए का विरोध किया. अब जबकि बिहार चुनाव चल रहा है और अगले साल बंगाल में भी विधानसभा चुनाव होने हैं तो बीजेपी की तरफ से एक बार फिर नागरिकता कानून का जिक्र किया गया है.

 

Advertisement
Advertisement