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जब PM मोदी ने प्रकाश सिंह बादल के पैर छूकर लिया था आशीर्वाद, बेहद खास था कनेक्शन

पंजाब के पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल का मंगलवार को निधन हो गया. वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे. उनका जन्म आजादी से पहले हुआ था. वह 1947 से राजनीति में आ गए थे. पीएम नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर गहरा शोक जताया. पीएम शिरोमणि अकाली दल के संरक्षक का बहुत सम्मान करते थे. वह उन्हें भारत का नेल्सन मंडेला कहा करते थे. कई मौकों पर उन्होंने बादल के पैर भी छुए थे. 

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पीएम नरेंद्र मोदी प्रकाश सिंह बादल का बहुत सम्मान करते थे (फाइल फोटो)
पीएम नरेंद्र मोदी प्रकाश सिंह बादल का बहुत सम्मान करते थे (फाइल फोटो)

पंजाब की राजनीति के पितामह कहे जाने वाले प्रकाश सिंह बादल का मंगलवार को रात करीब 8:28 बजे निधन हो गया. वह सांस से जुड़ी समस्या के कारण मोहाली के फोर्सिट अस्पताल में भर्ती थे. पंजाब के पांच सीएम रहे बादल देश के सबसे वरिष्ठ राजनेताओं में से एक थे. पक्ष और विपक्ष दोनों की खेमों के नेता उनका सम्मान करते थे. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके पैर छूते थे.

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2019 में जब लोकसभा चुनाव थे. तब नरेंद्र मोदी वाराणसी में अपना नामांकन पत्र दाखिल करने से ठीक पहले कलेक्ट्रेट में शिरोमणि अकाली दल के संरक्षक प्रकाश सिंह बादल के पैर छुए थे. तब बादल ने मोदी की तारीफ में कहा था,'हिंदुस्तान के लोगों को यह सोचना है कि हमारा पीएम कौन हो? मोदी साहब के मुकाबले में कौन हो सकता है? ये जो गांधी है, ये जो जैसे हाथी और घोड़े का फर्क होता है, इतना फर्क है.' पीएम ने जब उनके पैर छुए तो वहां पर अमित शाह, नीतीश कुमार, उद्धव ठाकरे, सुषमा स्वराज, रामविलास पासवान भी मौजूद थे.

मोदी ने नामांकन दाखिल करने से पहले बादल के छुए थे पैर

इसके बाद मई 2019 में 17वीं लोकसभा चुनी जाने के बाद बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के नवनिर्वाचित सांसदों ने पीएम नरेंद्र मोदी को सेंट्रल हॉल में औपचारिक रूप से अपना नेता चुन लिया था. उस समय जब सभी नेता मोदी को बधाई दे रहे थे, तब प्रकाश सिंह बादल भी उन्हें बधाई देने पहुंचे तो पीएम मोदी ने पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया था.

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अक्टूबर 2015 की बात है. पीएम नरेंद्र मोदी ने जयप्रकाश नारायण की 113वीं जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में पंजाब के तत्कालीन सीएम प्रकाश सिंह बादल को 'भारत का नेल्सन मंडेला' की संज्ञा दे दी थी. मोदी ने कहा था, " बादल भारत के नेल्सन मंडेला हैं. बादल साहब जैसे लोगों का एकमात्र अपराध यह था कि उनके राजनीतिक विचार सत्ता में बैठे लोगों से अलग थे.

इसके बाद अपनी इस प्रशंसा के जवाब में बादल ने कहा था- कांग्रेस के शासन ने देश का भला नहीं किया, लेकिन अब मोदी के नेतृत्व में केंद्र में सरकार लाकर देश ने बड़ा बदलाव किया है. यह सरकार देश के प्राचीन गौरव को बहाल करने के लिए अथक प्रयास कर रही है, जिससे जेपी जैसे महान राष्ट्रीय नायकों के सपनों को पूरा किया जा सके.

प्रकाश सिंह बादल ने 2013 में वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल एग्रीकल्चर के उद्घाटन सत्र में नरेंद्र मोदी की तारीफ में कहा था,'मोदीजी आप खुद को केवल गुजरात तक ही सीमित न समझें, आपको वाइब्रेंट गुजरात नहीं लिखना चाहिए, आपको वाइब्रेंट भारत लिखना चाहिए, आगे बढ़िए ... गुजरात वह राज्य है जिसने महात्मा गांधी को जन्म दिया, जिसने हमें सरदार पटेल दिया और अब इसने हमारे देश को 'सरदार' मोदी दिया है.'

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वहीं अब बादल के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया- श्री प्रकाश सिंह बादल जी के निधन से अत्यंत दु:ख हुआ. वह भारतीय राजनीति की एक महान हस्ती थे, और एक उल्लेखनीय राजनेता थे, जिन्होंने हमारे देश के लिए बहुत योगदान दिया. उन्होंने पंजाब की प्रगति के लिए अथक परिश्रम किया और कठिन समय में राज्य को सहारा दिया.

दल का नेता चुने जाने के बाद पीएम ने बादल के छुए थे पैर (फाइल फोटो)

अमित शाह और राजनाथ ने जाना था हाल

अस्पताल ने कहा था कि अगर अगले कुछ दिनों तक शिअद के वरिष्ठ नेता के स्वास्थ्य में क्रमिक सुधार होना जारी रहता है, तो उन्हें एक निजी वार्ड में भेजा जा सकता है. पिछले हफ्ते, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बादल के स्वास्थ्य की जानकारी ली थी और उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की थी.

वह पिछले साल जून में भी गैस्ट्राइटिस और सांस लेने में परेशानी होने के चलते अस्पताल में भर्ती कराए गए थे. कोविड बाद की स्वास्थ्य जांच के लिए फरवरी 2022 में उन्हें मोहाली के एक निजी अस्पताल ले जाया गया था. बादल पिछले साल जनवरी में कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए थे, जब उन्हें लुधियाना के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

10 बार जीते थे विधानसभा चुनाव

वरिष्ठ अकाली दल नेता प्रकाश सिंह बादल पांच बार पंजाब के मुख्यमंत्री रहे. उन्होंने 10 बार विधानसभा चुनाव में जीत हासिल कर चुके थे. शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल उनके बेटे हैं. प्रकाश सिंह बादल ने 2022 में पंजाब विधानसभा का चुनाव लड़ा था. वह चुनाव लड़ने के बाद सबसे अधिक उम्र के उम्मीदवार थे. इसी के बाद उन्होंने राजनीति से एकतरह से दूरी बना ली थी.

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बादल ने साल 1947 में राजनीति शुरू की थी. उन्होंने सरपंच से सीएम तक का सफर तय किया था. उन्होंने 1957 में सबसे पहला विधानसभा चुनाव लड़ा था. इसके बाद वह 1969 में चुनाव जीते. इसके बाद वह 1970-71, 1977-80, 1997-2002 में पंजाब के सीएम थे. सांसद भी चुने गए. बादल 1996 से 2008 तक अकाली दल के अध्‍यक्ष थे.

1927 में हुआ था जन्म

प्रकाश सिंह बादल का जन्‍म 8 दिसंबर 1927 को पंजाब में मालवा के पास स्थित छोटे से  गांव अबुल खुराना में हुआ था. वे एक जाट सिख थे. उन्होंने 1959 में सुरिंदर कौर से शादी की थी. बादल के दो बच्चे सुखबीर सिंह बादल और परनीत कौर हैं. बादल की पत्नी सुरिंदर कौर का लंबी बीमारी के कारण 2011 में निधन हो गया था.

 

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