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PK की दो टूक- कांग्रेस को मुझसे ज्यादा नेतृत्व की जरूरत, जो संगठन को ठीक कर सके

ऐसा लगा था कि पीके संजीवनी लाएंगे और कांग्रेस में जान फूंकेंगे. लेकिन मंगलवार को ये प्यार ब्रेकअप में तब्दील हो गया. जाते-जाते पीके कांग्रेस के लिए एक आईना छोड़ गए हैं.

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प्रशांत किशोर (फाइल फोटोः इंडिया टुडे)
प्रशांत किशोर (फाइल फोटोः इंडिया टुडे)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कांग्रेस को मेरी नहीं, नेतृत्व की जरूरत- प्रशांत किशोर
  • ठुकराया एम्पॉवर्ड एक्शन ग्रुप में शामिल होने का प्रस्ताव

...संदेह की आंच में काठ की मटकी पकने से पहले सुलग गई. प्रशांत किशोर कांग्रेस के दरवाजे से आते-आते लौट गए. घंटों बातें कीं. कितने ही कागज बनाए दिखाए. कितने सपने अपनी प्रस्तुतियों में उकेरे. कांग्रेस बहुत ध्यान से उनकी बातों को सुनती-बुनती रही. ऐसा लगा कि शायद कांग्रेस अब अच्छे दिन की आस को पीके के पास संजोकर आगे बढ़ेगी.

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लेकिन फिर बाना बनने से पहले ताना टूट गया. पीके कांग्रेस ज्वाइन करने से पलट गए. और जाते जाते उन्होंने अपनी टीस की कील कांग्रेस के कलेजे में ठोक दी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को मेरी नहीं, नेतृत्व की जरूरत है. बिना नेतृत्व की पार्टी अपने कुनबे को कैसे संभालेगी और टूटी-दरकती दीवारों की मरम्मत कैसे करेगी, ये सवाल अपनी विदाई की घोषणा करते हुए पीके ने अपने ट्वीट में व्यक्त कर दिए.

प्रशांत किशोर और कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के बीच पिछले कुछ दिनों से 10 जनपथ पर बैठकों का दौर लगाताJ चल रहा था. ये चर्चा भी आम हो गई थी कि प्रशांत किशोर कांग्रेस में शामिल होंगे. मैराथन बैठकों के साथ ही प्रशांत किशोर ने सांगठनिक ढांचे में बदलाव और अन्य पहलुओं को लेकर भारी-भरकम प्रेजेंटेशन भी कांग्रेस नेतृत्व के सामने दिए थे.

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लेकिन मंगलवार को रणदीप सिंह सुरजेवाला का एक ट्वीट आया और सभी अटकलों पर विराम लग गया. रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट कर प्रशांत किशोर की सराहना की और ये जानकारी दी कि उन्होंने कांग्रेस में शामिल होने का प्रस्ताव ठुकरा दिया है. इसके बाद खुद प्रशांत किशोर ने भी ट्वीट कर बताया कि उन्होंने कांग्रेस में शामिल होने का ऑफर ठुकरा दिया है.

पीके ने कांग्रेस के नेतृत्व पर भी उठाए सवाल

प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर लीडरशिप पर भी सवाल उठाए. प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर कहा कि मैंने एम्पॉवर्ड एक्शन ग्रुप में शामिल होकर चुनावों की जिम्मेदारी लेने के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है. उन्होंने कहा है कि पार्टी को मुझसे ज्यादा सामूहिक इच्छाशक्ति और नेतृत्व से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए परिवर्तनकारी सुधारों की जरूरत है.

इमरान प्रतापगढ़ी ने किया पीके के निर्णय का स्वागत

दूसरी तरफ, इमरान प्रतापगढ़ी ने पीके के निर्णय का स्वागत किया है. इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि पार्टी को संविदा नहीं, पूर्णकालिक तौर पर उनकी सेवाओं की जरूरत है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पुरानी पार्टी है और उसे नैया पार लगाने के लिए प्रशांत किशोर की जरूरत नहीं है. कांग्रेस के कुछ नेताओं का कहना है कि उन्हें पहले से ही पता था कि पीके, पार्टी में शामिल नहीं होंगे. ऐसा इसलिए कि पार्टी में शामिल होने के बाद उनको पार्टी के फ्रेमवर्क में रहना होता, उन नियमों का ध्यान रखना होता जिनका पालन अन्य नेता करते हैं.

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कांग्रेस नेतृत्व के साथ हुई थी कई दौर की बैठक

प्रशांत किशोर और कांग्रेस नेतृत्व के बीच पिछले कुछ दिनों में कई दौर की बैठक हुई थी. 10 जनपथ पर पीके और प्रियंका गांधी ने भी घंटों कांग्रेस संगठन की कमियों पर मंथन किया था और चुनाव के लिए रणनीति पर मंथन किया था. प्रशांत किशोर ने कांग्रेस को देश की 370 लोकसभा सीटों पर फोकस करने की सलाह दी थी और बाकी सीटें गठबंधन सहयोगियों के लिए छोड़ने की सलाह दी थी. प्रशांत किशोर ने उन राज्यों पर अधिक ध्यान देने की सलाह दी थी जहां कांग्रेस मजबूत है.

सोनिया के आवास पर पीके को लेकर हुई थी बैठक

प्रशांत किशोर कांग्रेस में शामिल होंगे या नहीं, इसे लेकर चर्चा के लिए अभी एक दिन पहले ही सोनिया गांधी के आवास पर बैठक हुई थी. इसी बैठक में एम्पॉवर्ड एक्शन ग्रुप के गठन का फैसला लिया गया था जिसके सदस्य के रूप में कांग्रेस में शामिल होने का आमंत्रण पीके ने ठुकरा दिया है. बैठक के बाद इस ग्रुप के गठन की जानकारी देते हुए रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा था कि कौन सदस्य होंगे और किसका क्या रोल होगा, इसे लेकर सोनिया गांधी फैसला लेंगी.

दूसरे दलों से संबंधों को लेकर सतर्क थे कई दिग्गज

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कांग्रेस के दिग्गज नेताओं का एक धड़ा पीके के साथ साझीदारी को लेकर सतर्क भी था. कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक इस धड़े के नेताओं में कई राज्यों में कांग्रेस की प्रतिद्वंदी पार्टियों के साथ प्रशांत किशोर की कंपनी के समझौते का जिक्र किया था. पीके की हैदराबाद में केसीआर के साथ मुलाकात और टीआरएस के साथ समझौते पर कथित रूप से समझौते पर भी चर्चा हुई थी.

एक ही झटके में लग गया अटकलों पर विराम

एक तरफ कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व और पीके के बीच मंथन का दौर चल रहा था तो दूसरी तरफ ये चर्चा भी तेज हो गई थी कि वे पार्टी में शामिल होंगे. माना तो ये भी जा रहा था कि वे जल्द ही औपचारिक रूप से कांग्रेस में शामिल हो जाएंगे लेकिन रणदीप सुरजेवाला का ट्वीट आया और सारी अटकलों पर एक ही झटके में विराम लग गया. सुरजेवाला और पीके के ट्वीट के बाद कांग्रेस पार्टी के साथ कार्यकर्ताओं की उस आस के भविष्य पर भी संशय उत्पन्न हो गया है जो 2024 के चुनाव को लेकर लगाई जाने लगी थी. 

 

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