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शरद पवार और प्रशांत किशोर की बैक-टू-बैक मीटिंग, 2024 का रोडमैप बनाने की कवायद?

चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने इस बात से इनकार किया है कि उनकी बैठक का तीसरे या चौथे मोर्चे से कोई लेना-देना था. उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक शिष्टाचार मुलाकात थी.

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चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर और NCP प्रमुख शरद पवार (फाइल फोटो)
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर और NCP प्रमुख शरद पवार (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पीके और पवार की मुलाकातों ने सियासी हलचल बढ़ाई
  • तीसरी बार शरद पवार से मिलने पहुंचे प्रशांत किशोर

पश्चिम बंगाल में जीत का परचम लहराने वालीं ममता बनर्जी, महाराष्ट्र में बीजेपी को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाने वाले शरद पवार और चुनाव दर चुनाव कमाल दिखाने वाले प्रशांत किशोर. देश की राजनीति की इस तिकड़ी ने दिल्ली का सियासी पारा बढ़ा दिया है.

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एक तरफ बंगाल में जादू दिखाने के बाद ममता ने कोलकाता से दिल्ली दौड़ की तैयारी शुरू कर दी है. वहीं प्रशांत किशोर भी शरद पवार से मुलाकात पर मुलाकात कर रहे हैं. आज एक बार फिर प्रशांत और शरद पवार की मीटिंग हुई. ख़बरों की मानें तो शरद पवार चाहते हैं कि प्रशांत किशोर उनके साथ काम करें. 

प्रशांत किशोर की रणनीतिक कामयाबी को देखते हुए शरद पवार चाहते हैं कि वो उनकी मदद करें. महाराष्ट्र में NCP तीसरे नंबर की पार्टी है. ऐसे में वहां पर कैसे ये पार्टी मज़बूत हो इस पर मंथन जारी है. दोनों ही दिग्गजों की बुधवार को भी मीटिंग चली.

बता दें कि इससे पहले प्रशांत और शरद पवार दो बार मुलाकात कर चुके हैं. जिसके बाद से ही सियासी सरगर्मियां बढ़ी हुयी हैं. 

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हालांकि, प्रशांत के बयानों पर गौर करें तीसरे मोर्चे के संदर्भ में जो बातें प्रशांत ने सोमवार को कही थीं, कि मौजूदा बीजेपी का मुकाबला 2024 में थर्ड फ़्रंट नहीं कर सकता. इसी बात को अगले ही दिन शब्दों में राष्ट्रमंच के नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था. प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा गया कि शरद पवार के घर हुई बैठक BJP के खिलाफ मोर्चा बनाने के लिए नहीं थी बल्कि मौजूदा स्थिति में समान विचारधारा वाले लोग एक साथ आकर मुकाबला करें.

वहीं बीते दिन चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने इस बात से इनकार किया है कि उनकी बैठक का तीसरे या चौथे मोर्चे से कोई लेना-देना था. उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक शिष्टाचार मुलाकात थी. बता दें कि शरद पवार ने इससे पहले मोदी सरकार को चुनौती देने और उनकी विफलताओं को उजागर करने के लिए पार्टियों का एक संयुक्त गठबंधन बनाने की इच्छा व्यक्त की थी.

हालांकि सूत्रों का कहना है कि पवार कैंप ने संकेत दिया है कि दो लोगों की मुलाकात को पढ़ना अभी जल्दबाजी होगी. लेकिन पीके भी सभी विकल्पों को अच्छी तरह से माप-तौल रहे हैं और वो जानते हैं कि भगवा पार्टी के खिलाफ एक और जीत उनके करियर को नेशनल कैनवास पर ले जाएगी.

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