कोविड में हजारों बच्चों ने अपने माता-पिता को खोया है. अलग-अलग सरकारें अपने-अपने स्तर पर इस चुनौती से निपटने में लगी हुई हैं. दिल्ली, यूपी और हरियाणा राज्य ने भी इस बाबत कई बड़े ऐलान किए हैं. इसी तरह का ऐलान प्रधानमंत्री मोदी ने PM-CARES के तहत किया है. ट्विटर पर इस बात की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि बहुत से बच्चों ने अपने अभिभावकों को कोविड के कारण खो दिया है. सरकार ऐसे बच्चों की सहायता करेगी, PM केयर्स के माध्यम से ऐसे बच्चों की शिक्षा सुनिश्चित की जाएगी.
इसे लेकर राजनीतिक विश्लेषक प्रशांत किशोर ने प्रधानमंत्री को घेरा है. ट्विटर पर प्रधानमंत्री को जवाब देते हुए प्रशांत किशोर ने कहा है- ''मोदी सरकार का एक और मास्टर स्ट्रोक, इस बार कोविड और उसकी मिसहैंडलिंग से तबाह हुए बच्चों के लिए सहानुभूति और चिंता को दोबारा से परिभाषित किया गया है. इस समय नितांत आवश्यक सहायता मिलने की बजाय, बच्चों को इस बात से पॉजिटिव फील करना चाहिए क्योंकि उन्हें 18 साल का हो जाने के बाद आर्थिक सहायता देने का वायदा किया गया है.
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प्रशांत किशोर ने एक और व्यंग्य करते हुए कहा कि 'PM केयर' के द्वारा किए गए फ्री एजुकेशन के वायदे के लिए आभारी रहिए जो अधिकार आपको पहले से ही संविधान द्वारा दिया हुआ है (राईट टू एजुकेशन). आपको बता दें कि राईट टू एजुकेशन के तहत 14 साल तक के बच्चों के लिए मुफ्त शिक्षा का प्रावधान है और ये हर बच्चे का अधिकार है इसे देने के लिए राज्य (सरकार) बाध्य है.
50 करोड़ भारतीयों के हेल्थकेयर को कवर करने वाले आयुष्मान भारत में नामांकित होने लिए प्रधानमंत्री का शुक्रिया करें, जो आयुष्मान भारत समय पर ऑक्सीजन और बेड देने में भी फेल रहा था.
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने PM केयर्स से घोषणा की है कोविड में अपने मां-पिता गवाने वाले बच्चों को 18 साल की उम्र पूरी करने पर आर्थिक सहायता दी जाएगी और 23 साल पूरी करने पर दस लाख रुपये दिए जाएंगे. इसके अलावा ये भी घोषणा की है कि ऐसे बच्चों को मुफ्त में शिक्षा दी जाएगी साथ ही उच्च शिक्षा के लिए लोन दिया जाएगा जिसकी ब्याज PM केयर्स से दी जाएगी.