चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर इस वक्त बिहार में जन सुराज यात्रा कर रहे हैं. इस दौरान उन्होंने बिहार के सारण में राहुल गांधी की सदस्यता निरस्त किए जाने पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि कानूनी प्रक्रिया का सम्मान करते हुए मुझे ये लगता है कि 2 साल की सजा अधिक है. राजनीति में इस तरह के बयान और टिप्पणी लोग एक-दूसरे के खिलाफ देते रहते हैं. भाजपा के लोगों को अपने नेता अटल जी की पंक्ति "छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता" याद करना चाहिए और बड़ा दिल दिखाना चाहिए.
कानूनी प्रक्रिया का करता हूं सम्मान: प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर ने कहा कि राहुल गांधी के मामले में दो साल की सजा कुछ अधिक है. भारत की राजनीति में नेता मंच से इस तरह के वाद-विवाद और टीका-टिप्पणी करते रहते हैं. यह भारत के लोकतंत्र में पहली घटना नहीं है, और आखिरी भी नहीं है. हालांकि प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि वह कानूनी प्रक्रिया का पूरा सम्मान करते हैं.
कांग्रेस को नहीं पता वे किस लड़ाई में हैं: प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर ने कांग्रेस पार्टी को नसीहत देते हुए कहा कि कांग्रेस के लोगों को पता ही नहीं है कि वे किस लड़ाई में हैं. सिर्फ दिल्ली में संसद तक मार्च करने और ट्वीट करने भर से ये लड़ाई आप नहीं लड़ सकते. ये लड़ाई अगर आपको लड़नी है तो आपको जमीन पर, गांवों में, सड़कों पर उतरना पड़ेगा. कल मैं 20 किमी पैदल चला हूं, मुझे कांग्रेस का एक कार्यकर्ता नहीं मिला जो राहुल गांधी की सदस्यता पर गांवों में लोगों को बता रहा हो कि ये गलत हुआ है. जबतक विपक्षी दलों की लड़ाई चुनावी नतीजों में नहीं दिखेगी, तबतक कोई आपको गंभीरता से नहीं लेगा.
शनिवार को राहुल गांधी ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस
बता दें कि मोदी सरनेम मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सूरत सेशंस कोर्ट ने दोषी ठहराया था. इस मामले में कोर्ट ने उन्हें दो साल की सजा सुनाई थी और तुरंत जमानत भी दी थी. वहीं इसके एक दिन बाद गुरुवार को ही उनकी लोकसभा सदस्यता रद्द कर दी गई. शनिवार को राहुल गांधी ने प्रेस वार्ता को और भाजपा पर जमकर हमला बोला.