चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने एक बार फिर कांग्रेस पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा, कांग्रेस के चिंतन शिविर से कुछ भी सार्थक हासिल नहीं हुआ. हालांकि, इससे कांग्रेस नेतृत्व को यथास्थिति को लम्बा खींचने का समय मिला है. कम से कम गुजरात और हिमाचल में चुनावी हार तक.
प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर कहा कि उनसे लगातार कांग्रेस के चिंतन शिवर को लेकर सवाल किए जा रहे हैं. मेरे विचार से कांग्रेस को चिंतन शिविर से कुछ भी सार्थक हासिल नहीं हुआ. हालांकि, कांग्रेस नेतृत्व को कम से कम गुजरात और हिमाचल चुनाव तक मौजूदा मुद्दों को टालने का समय मिल गया है.
कांग्रेस से बिगड़ी प्रशांत किशोर की बात
प्रशांत किशोर की लंबे वक्त से कांग्रेस में जाने के कयास लगाए जा रहे थे. उन्होंने कांग्रेस को दोबारा कैसे पटरी पर लाया जाए, इसके लिए प्रेजेंटेशन दिया था. इसमें कांग्रेस में तमाम तरह के बदलाव को लेकर भी सुझाव दिए गए थे. इस दौरान सोनिया गांधी समेत तमाम नेता मौजूद थे. हालांकि, कांग्रेस और प्रशांत किशोर में बात नहीं बनी. इसके बाद प्रशांत किशोर ने अपनी राहें अलग कर लीं.
बिहार में पदयात्रा निकालेंगे प्रशांत किशोर
कांग्रेस से बात बिगड़ने के बाद प्रशांत किशोर ने ऐलान किया कि वे बिहार में 3000 किमी लंबी पदयात्रा निकालेंगे. इस दौरान वे बिहार में लोगों के मुद्दों को समझेंगे. वे बिहार में करीब 17000 ऐसे लोगों से मिलेंगे, जिनमें बिहार की समस्याओं को सुलझाने की क्षमता है और बिहार को बदलने का जज्बा है.
पीके ने पार्टी बनाने से किया इनकार
कयास लगाए जा रहे थे कि प्रशांत किशोर नई पार्टी का ऐलान कर सकते हैं. लेकिन प्रशांत किशोर ने साफ कर दिया है कि वे अभी पार्टी बनाने नहीं जा रहे. प्रशांत किशोर ने कहा, अभी उनका फोकस बिहार के समाजिक और राजनीतिक जीवन से जुड़े लोगों से मिलने का है. उन्हें एक साथ लाने का प्रयास करेंगे. लेकिन जरूरत पड़ने पर वे राजनीतिक पार्टी बना सकते हैं. प्रशांत किशोर ने कहा, मैं जब लोगों से मिलूंगा. अगर वे लोग साथ आते हैं और हमें लगता है कि राजनीतिक पार्टी की जरूरत है. तो हम पार्टी का ऐलान करेंगे. पीके ने कहा, लेकिन ये पार्टी प्रशांत किशोर की नहीं होगी, ये सबकी पार्टी होगी.