यूपी के आज़मगढ़ और रामपुर की लोकसभा सीट अब बीजेपी के खाते में आ गई हैं. इसका असर राष्ट्रपति चुनाव पर भी होगा. समाजवादी पार्टी के खाते की सीटें जीतकर न सिर्फ़ बीजेपी ने सपा के जिताऊ समीकरण माने जाने वाले M+Y (मुस्लिम -यादव) को तोड़ने की ओर कदम बढ़ा दिया है. बल्कि 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए भी 'बूस्टर' का काम यूपी से हो गया है. दरअसल, दोनों सीटों पर चुने गए सांसद राष्ट्रपति के चुनाव में वोट करेंगे और एनडीए के उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में यूपी से पड़ने वाले वोटों की संख्या में इज़ाफ़ा करेंगे.
आज़मगढ़ और रामपुर में हुए लोकसभा उप-चुनाव ऐसे समय पर हुए हैं, जब राष्ट्रपति चुनाव के लिए एनडीए के रणनीतिकार वोट जुटाने में लगे हुए हैं. अगर राष्ट्रपति चुनाव के लिए पड़ने वाले वोटों की संख्या की बात करें तो यूपी से सबसे ज़्यादा वोट द्रौपदी मुर्मू को मिलेंगे. क्योंकि राष्ट्रपति चुनाव के लिए कुल वोटों में से 15 फीसदी वोट यूपी से पड़ेंगे. एक सांसद के वोट का मूल्य 700 है, ऐसे में रामपुर और आज़मगढ़ की दो सीटों से बीजेपी के सांसद चुना जाना भले ही सिर्फ़ 1400 वोट बढ़ा रहा हो, लेकिन ये विपक्षी ख़ेमे के लिए मायने रखता है. साथ ही ये संख्या यूपी के वोट से एनडीए उम्मीदवार की जीत का मार्जिन बढ़ाने में भी मददगार होगी. दरअसल ये विपक्ष और ख़ास तौर पर यूपी में मुख्य विपक्षी पार्टी के रूप में चुनौती देने वाली समाजवादी पार्टी पर दबाव बढ़ाने की दृष्टि से भी देखा जा रहा है. क्योंकि ये दोनों सीटें समाजवादी पार्टी के पास थीं. वहीं यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट किया कि 64+2= 66 सांसद.
मायावती ने भी किया समर्थन
बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी एनडीए को समर्थन की घोषणा कर वोट की ताक़त को बढ़ा दिया है. दरअसल द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाने की घोषणा के बाद से ही ये कहा जा रहा था कि दलितों के नाम पर राजनीति करने वाले कुछ दलों के लिए एक आदिवासी महिला उम्मीदवार की उम्मीदवारी को नज़रअंदाज़ करना मुश्किल होगा. ऐसे में बसपा सुप्रीमो मायावती ने ऐलान किया कि उनकी पार्टी द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करेगी. इस समय बसपा के 10 सांसद हैं और एक सांसद के वोट का मूल्य 700 है. इस हिसाब से द्रौपदी मुर्मू को बीएसपी के समर्थन से सीधे-सीधे 7000 वोट मिलेंगे. ज़ाहिर है 7000+1400 यानि 8400 वोट. इतने वोट यूपी से महज दो दिन में एनडीए के पक्ष में बढ़े हैं. इसके अलावा बीएसपी का एक विधायक भी एनडीए उम्मीदवार के पक्ष में वोट करेगा.
यूपी से इतने वोट मिलेंगे
दो दिनों में 8608 वोटों की बढ़त से पहले एनडीए (बीजेपी +सहयोगी) की स्थिति देखें तो 64 लोकसभा सांसद थे. ऐसे में एनडीए के यूपी से लोकसभा सांसदों के वोट का मूल्य 44,800 था जो दो सीटें जीतने के बाद 46,200 हो गया है. वहीं राज्यसभा में बीजेपी सांसदों का मूल्य देखें तो सांसदों की संख्या 25 के वोट का कुल मूल्य 17,500 है. इसी के साथ मायावती की घोषणा के बाद 7000 वोट द्रौपदी मुर्मू को मिलेंगे. यानि अब यूपी से सांसदों के 70,700 वोट एनडीए उम्मीदवार को मिलेंगे.
अगर बीजेपी और सहयोगियों के विधायकों की स्थिति देखें तो बीजेपी के विधानसभा में 273 सदस्य हैं. यूपी में एक विधायक के वोट का मूल्य 208 है. ऐसे में 56,784 वोट द्रौपदी मुर्मू को मिलेंगे. वहीं बीएसपी के इकलौते विधायक उमाशंकर सिंह के वोट का मूल्य भी 208 है. लिहाजा यूपी अकेले दम पर द्रौपदी मुर्मू के लिए 1,27,692 मूल्य के वोट करेगा.
क्या कहते हैं बीजेपी के नेता
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह यूपी से वोट के सवाल पर कहते हैं कि इसके लिए पीएम मोदी का धन्यवाद है, जिन्होंने एक आदिवासी महिला को उम्मीदवार बनवाया. पीएम न सिर्फ़ दलितों के पैर धोकर उनको सामाजिक मान्यता दिलाते हैं, बल्कि राजनीतिक भागीदारी भी देने में यक़ीन रखते हैं.
यूपी बीजेपी के उपाध्यक्ष विजय बहादुर पाठक कहते हैं कि अभी राष्ट्रपति यूपी से ही हैं. और अब राष्ट्रपति बनाने में भी यूपी की सबसे अहम भूमिका होगी. यानि प्रधानमंत्री मोदी के विज़न को साकार करने में यूपी अपनी अहम भूमिका निभाएगा.