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President Election: द्रौपदी मुर्मू की मेहनत रंग लाएगी या यशवंत सिन्हा के लिए 'अंतरात्मा की आवाज' पर पड़ेंगे वोट? राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग आज

President Election: राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटों की काउंटिंग 21 जुलाई को होगी. इसके बाद 25 जुलाई को नए राष्ट्रपति शपथ ग्रहण करेंगे. 24 जुलाई को मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल खत्म होने वाला है.

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द्रौपदी मुर्मू का यशवंत सिन्हा के साथ मुकाबला (फाइल फोटो)
द्रौपदी मुर्मू का यशवंत सिन्हा के साथ मुकाबला (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 21 जुलाई को होगी वोटों की काउंटिंग
  • 25 जुलाई को नए राष्ट्रपति संभालेंगे पद

President Election: देश के 15वें राष्ट्रपति के लिए आज सु्बह 10 बजे से वोटिंग शुरू हो जाएगी. इस चुनाव में एनडीए की ओर से द्रौपदी मुर्मू तो विपक्ष से यशवंत सिन्हा मैदान में हैं. 21 जुलाई को काउंटिंग के बाद पता चल जाएगा कि देश का अगला राष्ट्रपति कौन होगा. 

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वहीं चुनाव से एक दिन पहले रविवार को यशवंत सिन्हा ने एक ऐसी अपील कर दी कि बीजेपी में डर पैदा हो गया. यशवंत सिन्हा ने सांसदों-विधायकों से कहा कि कि अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनें और मुझे वोट दें. उन्होंने बीजेपी के वोटर्स से कहा कि मैं कभी आपकी ही पार्टी का था. हालांकि, अब वो पार्टी खत्म हो चुकी है और पूरी तरह अलग और एक नेता के नियंत्रण में है.

उन्होंने कहा कि यह चुनाव बीजेपी में बेहद जरूरी 'कोर्स करेक्शन' का आखिरी मौका है. मेरा चुनाव सुनिश्चित करके आप बीजेपी और देश के लोकतंत्र को बचाएं. यह चुनाव दो उम्मीदवारों के बीच का नहीं है, बल्कि उन दो विचारधाराओं का चुनाव है, जिनका हम प्रतिनिधित्व करते हैं. मेरी विचारधारा भारत का संविधान है और मेरी प्रतिद्वंदी उन ताकतों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिनकी विचारधारा और एजेंडा संविधान बदलना है.' 

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इस अपील के बाद बीजेपी ने पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र में अपने विधायकों को होटल में शिफ्ट कर दिया है. वे कल होटल से ही सीधे विधानसभा वोट करने जाएंगे. वहीं बिहार में बीजेपी ने क्रॉस वोटिंग की आशंका जता दी है.

बीजेपी के पास 48% तो विपक्ष के पास 52% वोट

राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदाताओं के वोट की कुल वैल्यू 10,86,431 है. बीजेपी और उसके सहयोगियों के पास कुल वोट का करीब 48 फीसदी वोट है जबकि विपक्ष के पास 52 फीसदी वोट. बीजेपी गठबंधन के 5,35,000 वोट तो यूपीए के पास दो लाख 59 हजार 892 और अन्य विपक्षी दलों के पास 2 लाख 92 हजार 894 वोट हैं. 

मौजूदा स्थिति के हिसाब से एनडीए से ज्यादा विपक्षी दलों के पास वोट हैं. हालांकि द्रौपदी मुर्मू ने भी अपने के लिए कई दलों का समर्थन जुटाया है इसलिए इस बार का राष्ट्रपति चुनाव बेहद दिलचस्प माना जा रहा है.

सिन्हा के समर्थक दल मुर्मू के साथ आए

एनडीए प्रत्याशी मुर्मू के पास छोटी-बड़ी कुल 27 पार्टियों का समर्थन है. उनके समर्थन में वे गैर-एनडीए दल भी आ गए हैं, जिन्हें यशवंत सिन्हा का समर्थक माना जा रहा था. सपा के सहयोगी दल सुभासपा के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर के अलावा बीजेपी, निषाद पार्टी और अपना दल (एस), बसपा और राजा भैया की पार्टी मुर्मू को समर्थन दे रहे हैं. शिवपाल सिंह यादव भी मुर्मू के पक्ष में वोट करेंगे.

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इसके अलावा एनडीए उम्मीदवार को जेडीयू, एलजेपी, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ अठावले, एनपीपी, एनपीएफ, एमएनएफ, एनडीपीपी, एसकेएम, एजीपी, पीएमके, एआईएनआर कांग्रेस, जननायक जनता पार्टी, एआईएडीएमके, आईपीएफटी, यूपीपीएल, बीजेडी, वाईएसआर कांग्रेस, टीडीपी, जनता दल (एस), शिरोमणि अकाली दल, जेएमएम, यूडीपी और शिवसेना का समर्थन भी मिल गया है. उनके समर्थन में जिस तरह से विपक्षी दलों खड़े हुए हैं, उसे देखते हुए 6.65 लाख मूल्य से ज्यादा के वोट मिलने की संभावना है.

यशवंत सिन्हा के साथ हैं ये दल

विपक्षी कैंडिडेट यशवंत सिन्हा का अब तक कांग्रेस, एनसीपी, टीएमसी, सपा, सीपीआई (एम), आरएलडी, आरजेडी, आरएसपी, टीआरएस, डीएमके, नेशनल कांफ्रेंस, भाकपा, केरल कांग्रेस (एम) जैसे दल समर्थन कर रहे हैं. विपक्ष के प्रत्याशी के पास अभी तक 3 लाख 89 हजार मूल्य के वोट हैं. 

एक सांसद के वोट की वैल्यू 700 

राष्ट्रपति चुनाव में एक सांसद की मूल्य 708 से घटकर 700 हो गया है क्योंकि जम्मू कश्मीर में अभी कोई विधानसभा नहीं है. वहीं अलग-अलग राज्यों में विधायकों के वोटों की वैल्यू अलग होती है. जैसे-यूपी में 403 विधायकों में हर एक के वोट की मूल्य 208  यानी कुल मूल्य 83,824 होता है. जबकि तमिलनाडु और झारखंड एक विधायक के वोट की वैल्यू 176 होती है. महाराष्ट्र में 175, बिहार में 173, आंध्र प्रदेश में 159, गोवा में 20, मणिपुर में 18, मेघालय में 17, नगालैंड में 9, अरुणाचल प्रदेश व मिजोरम में 8-8 और सिक्किम में एक विधायक के वोट की वैल्यू 7 होती है. 

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वैसे राष्ट्रपति चुनाव का विजेता वह व्यक्ति नहीं होता जिसे सबसे अधिक मत प्राप्त होते हैं, बल्कि वह व्यक्ति होता है जिसे एक निश्चित कोटे से अधिक मत प्राप्त होते हैं.

गोपनीय होता है चुनाव, बैलेट से पड़ते हैं वोट

देश के सर्वोच्च नागरिक का चुनाव गोपनीय तरीके से होता है. राष्ट्रपति चुनाव में ईवीएम तो नहीं लेकिन बैलेट पेपर का इस्तेमाल होता है. गोपनीय मतदान का मतलब निर्वाचक अपना वोट किसी को दिखा नहीं सकते. अगर वह ऐसा करते हैं तो उनका वोट रद्द हो जाएगा. इसके अलावा अगर किसी राजनीतिक दल को यह पता चल जाए कि उसका कोई सदस्य पार्टी की इच्छा के विरुद्ध वोट कर रहा है तो दल अपने सदस्य के खिलाफ व्हिप जारी नहीं कर सकते.

MP हरे तो MLA गुलाबी पेन से करेंगे वोट

सभी राज्यों के विधायक अपने-अपने राज्य की विधानसभाओं में वोट डालेंगे जबकि संसद के दोनों सदनों के सदस्य संसद में वोटिंग करेंगे. वोटिंग के बाद काउंटिंग के लिए विधायकों के वोट और सभी मतपेटियों को फ्लाइट से दिल्ली लाया जाएगा.

इसके लिए फ्लाइट में बैलेट बॉक्स को यात्रियों के रूप में बुक किया जाएगा क्योंकि सुरक्षा कारणों से उन्हें बैगेज एरिया नहीं रखा जाता है. चुनाव आयोग राष्ट्रपति चुनाव में वोटिंग के लिए सांसदों और विधायकों को विशेष पेन देता है. सांसद हरे तो विधायक गुलाबी रंग के पेन से अपनी वरीयता दर्ज करते हैं.  

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पहली पसंद न बताने पर वोट रद्द

वोटिंग के लिए हर बूथ पर दो ट्रे होंगी. एक द्रौपदी मुर्मू के नाम की और दूसरी यशवंत सिन्हा के नाम की. सबसे पहले सभी मतपत्रों का सत्यापन चुनाव अधिकारी यानी राज्यसभा के महासचिव द्वारा किया जाएगा. मतपत्रों को राज्यवार लिया जाएगा और हर उम्मीदवार को आवंटित किया जाएगा, जिसका नाम पहली वरीयता के रूप में दिखाई देता है. उदाहरण के लिए, अगर यूपी का कोई विधायक मुर्मू को अपनी पहली वरीयता के रूप में चिह्नित करता है तो विधायक का मतपत्र मुर्मू की ट्रे में जाएगा.

इसी प्रकार संसद सदस्यों के मतपत्रों का वितरण किया जाता है. उदाहरण के लिए, यशवंत सिन्हा को अपनी पहली वरीयता के रूप में चिह्नित करने वाले सांसदों के सभी मतपत्र यशवंत सिन्हा की ट्रे में जाएंगे. पहली पसंद ना बताने पर विधायक/सांसद का वोट रद्द हो जाएगा.  

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