
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने एक फेसबुक पोस्ट के जरिए भाजपा सरकार पर कई सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने अपनी पोस्ट में LIC के साथ देश की कई अन्य कंपनियों को निजी हाथों में देने का मुद्दा उठाया है. प्रियंका ने अपनी फेसबुक पोस्ट के साथ एक पोस्टर भी शेयर किया है. जिसमें लिखा है, LIC का नारा, जिंदगी के साथ भी, जिंदगी के बाद भी. जबकि सरकार का नारा है, लुटेरों का साथ भी, लुटेरों का विकास भी.
कांग्रेस महासचिव ने अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा कि देश के तमाम पुरखों ने LIC जैसी कई अन्य संस्थान बनाए जिनसे देश के कई लोगों को रोजगार मिलता है और ये देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है. लोग अपनी मेहनत की कमाई का हिस्सा LIC में लगाते हैं, लेकिन भाजपा सरकार LIC को नीलाम करना चाह रही है.
'पं जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल ने देश के लिए बेहतरीन संस्थान बनाए'
उन्होंने पोस्ट की शुरुआत में लिखा, 'पं जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल और हमारे तमाम पुरखों ने देश के लिए कुछ ऐसे संस्थान बनाए जो आज भी हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं. जीवन बीमा निगम (LIC) भी उन्हीं में से एक है. मात्र पांच करोड़ रुपये से शुरू हुई LIC अब तक देश के विकास में 35 लाख करोड़ से ज्यादा का योगदान दे चुकी है. आज 30 करोड़ लोग इसके बीमाधारक हैं और तकरीबन 14 लाख लोगों को रोजगार मिलता है.
'सरकार लोगों का भविष्य और भरोसा दोनों छीनना चाहती है'
देश की आम जनता, डॉक्टर, मास्टर, वकील, लेखपाल, इंजीनियर, वर्कर, किसान, गरीब और मध्यवर्ग के लोग अपनी मेहनत की कमाई से छोटे-छोटे बीमा कराते हैं ताकि अपना और अपने बच्चों का भविष्य सुरक्षित रख सकें. LIC में देश के करोड़ों मेहनतकश लोगों की गाढ़ी कमाई लगी है. LIC देश का रत्न है. मगर भाजपा सरकार अब देश के इस रत्न को नीलाम करना चाह रही है. ये सरकार LIC को बेचकर आपका भविष्य और भरोसा दोनों छीनना चाहती है.'
नोटबंदी और GST को बताया गलत
प्रियंका गांधी ने नोटबंदी और GST को गलत बताते हुए इस पर भी सवाल उठाया. उन्होंने लिखा, 'नोटबंदी, गलत GST, बिना योजना लॉकडाउन से देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ तोड़ने की इस प्रक्रिया में पिछले सात सालों में LIC और ONGC जैसी देश की कई नवरत्न कम्पनियों को सरकारी दबाव का इस्तेमाल करते हुए श्री नरेंद्र मोदी जी के खरबपति मित्रों को हुए औद्योगिक घाटे और उनके कर्ज़ों को चुकाने के लिए मजबूर किया गया. उनकी घाटे की कंपनियां और डूबते प्राइवेट बैंकों को बचाने का बोझ LIC पर डाला गया. यहां तक कि LIC को डिफॉल्टर प्राइवेट कंपनियों को भी बचाने के लिए मजबूर किया गया.
'खरबपति मित्रों की जेब भरने के लिए LIC के शेयर बेचे'
उन्होंने आगे लिखा, देश के बैंकों को 23,000 करोड़ का चूना लगाने वाली एबीजी शिपयार्ड में भी LIC का पैसा लगवाया गया. रिलायंस कैपिटल, DHFL, एमटेक ग्रुप, IL&FS, एस्सार शिपिंग, भूषण इंडस्ट्रीज, इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस, YES Bank, IDBI Bank जैसी प्राइवेट कंपनियों में जनता की गाढ़ी कमाई को डुबाया गया. इसके बाद खरबपति मित्रों की जेब भरने के लिए जानबूझकर जल्दबाजी में LIC के शेयर बेचे गए, जिससे सरकारी खजाने को तकरीबन 30,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
प्रियंका ने लिखा की जिस LIC को आप सबने खड़ा किया है, उसका मुनाफा आपको न देकर श्री नरेंद्र मोदी अपने उन मित्रों को देना चाहते हैं जिनका LIC में कोई योगदान नहीं है. सरकार उन राष्ट्रीय संपत्तियों को बेच रही है जो देश की आर्थिक स्वतंत्रता की सुरक्षा करती हैं. ऐसा करके सरकार देश को आर्थिक रूप से कमजोर बना रही है. अपने को राष्ट्रवादी पार्टी कहने वाली भाजपा का यह कैसा राष्ट्रप्रेम है जो राष्ट्र की संपत्ति को ही बेचने पर उतारू है?