सिख संगठनों ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के लखीमपुर खीरी दौरे का विरोध किया है. सिख संगठनों ने अंतिम अरदास में पहुंची प्रियंका गांधी के रास्ते में पोस्टर लगाकर विरोध जताया है. यूपी में आधा दर्जन से ज्यादा सिख संगठन प्रियंका गांधी के तिकुनिया दौरे का विरोध कर रहे हैं. हालांकि, सिख संगठनों के विरोध के बावजूद प्रियंका गांधी लखीमपुर खीरी पहुंचीं और लखीमपुर के किसान शहीदों की अंतिम अरदास में अपनी श्रद्धांजलि व्यक्त की.
वहीं अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य परविंदर सिंह ने निशाना साधते हुए कहा कि अपनी राजनीति के लिए प्रियंका गांधी लखीमपुर पहुंचकर माहौल खराब कर रही हैं. उन्होंने हमलावर अंदाज में कहा कि 1984 में सिखों पर अत्याचार करने वाली कांग्रेस, कैसे सिख किसानों की हितेषी हो सकती है. केवल राजनीति करना प्रियंका का उद्देश्य है.
सिंह ने कहा कि हमें प्रियंका की फर्जी सहानुभूति नहीं चाहिए और इस मामले में सरकार की कार्रवाई चल रही है. परविंदर सिंह ने डीजीपी को भी पत्र लिखते हुए लखीमपुर में माहौल खराब होने की स्थिति में सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की है.
वहीं गुरु नानक वाटिका कमेटी के अध्यक्ष सरदार रविंद्र पाल सिंह ने कहा कि जिस पार्टी के हाथ सिखों के खून से रंगे हैं वह इंसाफ क्या दिलाएंगे? प्रियंका गांधी की पार्टी लखीमपुर में जाकर अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने का काम कर रही है और समाज को बांट रही है. प्रियंका जब-जब लखीमपुर जाएंगी उनका विरोध होगा और उन्हें इस पर राजनीति नहीं करने दी जाएगी.
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रवींद्र पाल ने कहा कि साढे 4 साल से कांग्रेस ने कभी नहीं पूछा अब चुनाव में मौका तलाशने प्रियंका लखीमपुर आई हैं. वहीं बीजेपी नेता समीर सिंह ने कहा कि प्रियंका राजनीतिक द्वेष की भावना से लखीमपुर में माहौल खराब करना चाहती हैं, इसीलिए बार-बार आती हैं. सरकार ने तीन कमेटियां बनाकर जांच बैठा दी है और कार्रवाई तेजी से चल रही है. ऐसे में विपक्ष लखीमपुर में माहौल खराब करने की कवायद में है.
कांग्रेस का पलटवार
वहीं कांग्रेस नेता सुरेंद्र राजपूत ने पलटवार करते हुए कहा कि प्रियंका गांधी मानवीय संवेदना में राजनीति नहीं करती हैं. वो पहले भी लखीमपुर पहुंची थी और आज फिर अंतिम अरदास के लिए तिकुनिया में हैं. बीजेपी हर चीज में राजनीति देखती और करती है.