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विधानसभा चुनावों में उतर सकते हैं किसान नेता, राकेश टिकैत ने दिए संकेत

उत्तर प्रदेश और पंजाब विधानसभा चुनाव (Punjab-Uttar Pradesh Assembly Election) पर भारतीय किसान यूनियन (Bhartiya Kisaan Union) के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि किसान नेताओं के चुनाव लड़ने का विकल्प खुला है.

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किसान नेता राकेश टिकैत (फाइल फोटो)
किसान नेता राकेश टिकैत (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • महापंचायत में बनेगी आगे की रणनीति
  • टिकैत ने सरकार को दिया दो महीने का समय

उत्तर प्रदेश और पंजाब विधानसभा चुनाव (Punjab-Uttar Pradesh Assembly Election) के लिए किसान संगठनों (Farmers Orgnisations) ने भी कमर कस ली है. भारतीय किसान यूनियन (Bhartiya Kisaan Union) के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि किसान नेताओं के चुनाव लड़ने का विकल्प खुला है.

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आजतक से खास बातचीत में किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सितंबर महीने में एक मीटिंग मुजफ्फरनगर होगी और वहीं से आगे की रणनीति तय होगी, सरकार के पास 2 महीने का वक्त है, बातचीत कर ले. उन्होंने कहा कि इस महापंचायत में हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब से किसान आएंगे और आगे की रणनीति पर विचार करेंगे.

राकेश टिकैत ने कहा कि महापंचायत से पहले अगस्त सरकार बातचीत करना चाहती है या उसके दिमाग में कुछ है तो उसकी तैयारी कर सकती है. उन्होंने कहा कि यह पंचायत संयुक्त किसान मोर्चा की होगी, भारतीय किसान यूनियन की नहीं और यह पंचायत की तारीख 5 सितंबर रखी गई है.

किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हम तो बड़ी पंचायत करेंगे, आगे की बात संयुक्त किसान मोर्चा करेगा, एक चैप्टर खत्म हो जाएगा और आगे की चैप्टर की बात मुजफ्फरनगर की जमीन से तय होगा. महापंचायत के सियासी मतलब के सवाल पर राकेश टिकैत नेकहा कि पता नहीं क्या मतलब रहेगा, हम सभी रणनीति अभी कैसे बता दें.

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'जो वोट देते हैं, वह चुनाव लड़ सकते हैं, इसमें गलत क्या'

राकेश टिकैत ने कहा कि मुजफ्फरनगर में पूरे किसान इकट्ठा होंगे और देशभर के किसानों के लिए आगे की इफेक्टिव रूपरेखा होगी. किसान नेताओं के चुनाव लड़ने के सवाल पर टिकैत ने कहा कि चुनाव लड़ना क्या कोई गलत है, हम क्या वोट नहीं देते और अगर जो वोट देते हैं, वह चुनाव लड़ना चाहते हैं तो उसमें गलत क्या है, वह चुनाव लड़ सकते हैं.

राकेश टिकैत ने साफ किया कि मैं चुनाव नहीं लडूंगा, भारतीय किसान यूनियन को लेकर आगे की क्या रणनीति रहेगी, उसका अभी पता नहीं. उन्होंने कहा कि मैंने फिर से ट्रैक्टर की बात की है और इस बार नया ट्रैक्टर होगा, नए बंपर के साथ ज्यादा मजबूत होगा और पता नहीं हम कहां जाएंगे.

दिल्ली जाने के सवाल पर राकेश टिकैत ने कहा कि अगर संयुक्त किसान मोर्चा दिल्ली जाने की कॉल देगा तो वहां भी जाएंगे और ट्रैक्टर पर तो हम 87 से दिल्ली जा रहे हैं, वहां जाते रहते हैं और यह किसान का साधन है, हम उसे ट्रैक्टर कहेंगे, हम उसे टैंक कहेंगे, हम उसे एसी बस कहेंगे, उस पर क्या ऐतराज़ है.

राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों का साधन ट्रैक्टर है और अगर ट्रैक्टर सामने है तो वह किसी और का नहीं सुनता है और जब ट्रैक्टर साथ में है तो फिर तूफान मेल है फिर और किसी की नहीं सुनते. उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर से सितंबर में नई क्रांति की शुरुआत होगी और नया चैप्टर शुरू होगा.

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  • क्या किसान नेताओं को चुनाव में उतरना चाहिए?

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