कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा का आज 37वां दिन है. 7 सितंबर को कन्यकुमारी से शुरू हुई यात्रा तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक के बाद आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की ओर जाने वाली है. वहीं भारत जोड़ो यात्रा के अब 1,000 किलोमीटर पूरे होने वाले हैं. यात्रा के दौरान राहुल गांधी जमकर बीजेपी और मोदी सरकार पर निशाना साध रहे हैं. इस क्रम में शुक्रवार को भी उन्होंने महंगाई और पराठों समेत अन्य वस्तुओं पर जीएसटी को लेकर प्रधानमंत्री पर निशाना साधा.
Why is inflation at a 35-year HIGH?
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 14, 2022
Why is unemployment at a 45-year HIGH?
Why are ‘Parathas’ being taxed at 18% GST?
Why are farm tractors being taxed at 12% GST?#BharatJodoYatra will keep asking you these questions and more, Prime Minister.
You will have to answer. pic.twitter.com/jj9HxeN0N7
राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए सरकार और पीएम मोदी से सवाल पूछते हुए लिखा, "इन्फ्लेशन 35 साल के उच्च स्तर पर क्यों है? बेरोजगारी 45 साल के उच्च स्तर पर क्यों है? पराठों पर 18% GST क्यों लगाया जा रहा है? कृषि ट्रैक्टरों पर 12% GST क्यों लगाया जा रहा है? भारत जोड़ो यात्रा आपसे ये और बहुत सवाल पूछती रहेगी प्राइम मिनिस्टर. आपको जवाब देना होगा."
फेसबुक पोस्ट में भी उठाए थे सवाल
बता दें कि इससे पहले राहुल गांधी ने फेसबुक पोस्ट के जरिए सवाल उठाए थे. उन्होंने लिखा, "कल कर्नाटक के मरलाहल्ली गांव में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान मैं मूंगफली की खेती करने वाली देवम्मा से मिला. हम उनके साथ उनके खेत में गए, वहां कुछ देर तक बातचीत भी हुई. देवम्मा ने बताया कि कैसे आज के वक्त में खेती करना मुश्किल हो गया है. उनका पूरा परिवार इसी खेती पर निर्भर है. कैसे वो दिन-रात खेतों में मेहनत करती हैं, घर के अन्य सदस्य भी उनका हाथ बंटाते हैं. आज के वक्त में लागत ज्यादा है, लेकिन कमाई बहुत कम है."
GST पर सरकार को घेरा
राहुल गांधी ने लिखा, "भाजपा ने खेती से संबंधित उपकरणों पर GST लगा दिया है. कीटनाशक, उर्वरक, बीज, ट्रैक्टर इत्यादि पर किसानों को GST देना पड़ रहा है. कड़ी मेहनत के बाद जब फसल तैयार हो जाती है तो मंडी में उसका उचित मूल्य नहीं मिलता. जैसे, कल ही मैंने एक खेत के पास कई टन टमाटर सड़क किनारे बेकार पड़े देखे. ये सोचने वाली बात है कि कर्ज लेकर और भारी GST का बोझ सह कर खेती करने वाले किसानों को अगर उनकी फसल का सही दाम न मिले, सरकार से रियायत और मदद न मिले तो वो किसान कितनी मुश्किल में आ जाएगा."