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राहुल गांधी के 'चुनावी चाय-नाश्ते' पर आज सुबह जुटेंगे 17 दलों के नेता, कितना गुल खिलाएगी गोलबंदी?

एनसीपी की ओर से सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल, टीएमसी की ओर से सौगत रॉय कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में आयोजित ब्रेकफास्ट में शामिल होंगे.

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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (फाइल फोटोः पीटीआई)
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (फाइल फोटोः पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • राहुल के ब्रेकफास्ट के लिए 17 दलों को न्योता
  • कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में 3 अगस्त को है आयोजन

कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी एकबार फ्रंटफुट पर आकर सियासत करते नजर आ रहे हैं. किसानों के मसले पर ट्रैक्टर से संसद पहुंचने के बाद अब राहुल गांधी ने समान विचारधारा वाले सियासी दलों को ब्रेकफास्ट पर बुलाया है. संसद में जारी गतिरोध और यूपी में होने जा रहे विधानसभा चुनाव को देखते हुए राहुल गांधी की ओर से समान विचारधारा वाले लगभग 17 सियासी दलों के नेताओं को चाय-नाश्ते पर बुलाया जाना अहम माना जा रहा है.

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राहुल गांधी इन नेताओं के साथ 3 अगस्त को चाय-नाश्ते पर चर्चा करेंगे. राहुल गांधी की ओर से ब्रेकफास्ट के लिए जिन सियासी दलों को न्योता भेजा गया है उनमें पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस, तमिलनाडु की सत्ता पर काबिज द्रविड़ मुनेत्र कषगम (डीएमके) के साथ ही कांग्रेस की पुरानी गठबंधन सहयोगी शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) भी शामिल है. इनके अलावा राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), समाजवादी पार्टी (सपा) को भी न्योता भेजा गया है.

राहुल गांधी ने सीपीआईएम, सीपीआई, नेशनल कॉन्फ्रेंस, आम आदमी पार्टी, आईयूएमएल, आरएसपी, केसीएम और वीसीके को भी ब्रेकफास्ट पर बुलाया है. जानकारी के मुताबिक राहुल गांधी की ओर से ब्रेकफास्ट के लिए लगभग 17 दलों को निमंत्रण दिया गया है. बताया जा रहा है कि राहुल गांधी की ओर से आयोजित ब्रेकफास्ट में बहुजन समाज पार्टी शामिल नहीं होगी.

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बताया जाता है कि एनसीपी की ओर से सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल, टीएमसी की ओर से सौगत रॉय कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में आयोजित ब्रेकफास्ट में शामिल होंगे. माना जा रहा है कि राहुल गांधी ने संसद में आगे की रणनीति तैयार करने और विपक्ष को एकजुट करने के लिए यह पहल की है. गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का बयान आया था कि कांग्रेस ये तय करे कि उसे यूपी में बीजेपी से लड़ना है या सपा से.

हालांकि, राहुल के चाय-नाश्ते का एजेंडा संसद में गतिरोध है लेकिन माना जा रहा है कि यूपी चुनाव को लेकर सपा के रुख को देखते हुए बदले हालात में राहुल की इस गोलबंदी के चुनावी निहितार्थ भी हैं. उनकी नजर 2024 के आम चुनाव पर भी है. बता दें कि राहुल गांधी इस बार संसद में आक्रामक तेवर दिखा रहे हैं.

 

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