
कांग्रेस नेता राहुल गांधी 16 दिन बाद लंदन से वापस भारत लौट आए हैं. वे पहले एक हफ्ते के लिए यूके गए थे, लेकिन फिर उनका दौरा लंबा होता चला गया. अब उस दौरे के दौरान भारत के लोकतंत्र और सदन को लेकर राहुल ने कुछ बयान दिए थे, जिस वजह से देश की सियासत में उबाल है. सदन में जमकर हंगामा देखने को मिल रहा है और बीजेपी द्वारा राहुल की माफी की मांग की जा रही है.
राहुल भारत लौटे, संसद से नदारद
अब राहुल गांधी भारत वापस तो आ गए हैं, लेकिन सदन से अभी नदारद हैं. बुधवार को विपक्ष की 17 पार्टियों ने मिलकर अडानी मामले पर विरोध मार्च निकाला था, लेकिन राहुल उसमें शामिल नहीं हुए. दूसरी तरफ बीजेपी की तरफ से लंदन में दिए गए राहुल के बयानों को अभी भी निशाना बनाया जा रहा है. केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने राहुल पर बड़ा सियासी वार किया है. उन्होंने जोर देकर कहा है कि राहुल को पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए. वे कहती हैं कि हर भारतीय नागरिक इस समय राहुल से चाहता है कि वे सदन से माफी मांगे. ये शर्म की बात है कि राहुल सदन में आकर माफी नहीं मांग रहे हैं, बल्कि वे यहां उपस्थित ही नहीं है.
लंदन में राहुल ने क्या बोला?
अब राहुल गांधी तो सदन में नहीं आए हैं, लेकिन चर्चा सिर्फ और सिर्फ उनके बयान की है. राहुल ने लोकतंत्र से लेकर विपक्ष की आवाज दबाने जैसे कई आरोप लगाए हैं. राहुल ने लंदन में कहा था कि भारत में लोकतंत्र खतरे में है. मेरे फोन में भी पेगासस था. मुझे अधिकारियों ने सलाह दी थी कि मैं फोन पर सावधानी से बात करूं. क्योंकि फोन की रिकॉर्डिंग की जा रही है. भारत में लोकतंत्र खतरे में है. हम लोग एक निरंतर दबाव महसूस कर रहे हैं. विपक्षी नेताओं पर केस किए जा रहे हैं. मेरे ऊपर कई केस किए गए. ऐसे मामलों में केस किए गए, जो बनते ही नहीं. हम अपना बचाव करने की कोशिश कर रहे हैं.
किस बयान पर है सबसे ज्यादा बवाल?
राहुल ने अपने बयान के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा था. उन्होंने जोर देकर कहा था कि पीएम द्वारा भारत के विचार को नष्ट किया जा रहा है. वे एक ही विचार को देश पर थोपने की कोशिश कर रहे हैं. कांग्रेस नेता ने दावा कर दिया कि पीएम कुछ लोगों को सेकेंड क्लास सिटीजन मानते हैं. इसके बाद राहुल ने सदन को लेकर भी एक बयान दिया था. उन्होंने जोर देकर कहा था कि संसद में बोलने नहीं दिया जाता. विपक्षी नेता जब बोलते हैं तो उनके माइक बंद कर दिए जाते हैं. भारत में किसी भी यूनिवर्सिटी में मुझे बोलने नहीं दिया जाता.