कांग्रेस नेता राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा निकाल रहे हैं. उनकी यात्रा तमिलनाडु के आखिरी पड़ाव पर है. गुरुवार को राहुल गांधी ने विपक्ष शासित राज्यों में राज्यपालों के हस्तक्षेप के बारे में विस्तार से बात की और कई सवाल उठाए. राहुल गांधी ने कहा कि विपक्ष शासित राज्यों में राज्यपालों को हस्तक्षेप करने का अधिकार क्यों होना चाहिए? क्या उन्हें राज्य के लोगों ने चुना है? ऐसा नहीं है. राहुल ने ये भी पूछा कि क्या बीजेपी और आरएसएस, चुनी हुई सरकार को गिराने के लिए हैं?
राहुल ने केंद्र और राज्य के संबंधों के बारे में भी बात की. उन्होंने जीएसटी, बेरोजगारी और महंगाई के मुद्दे पर केंद्र सरकार पर हमला बोला. राहुल गांधी ने कहा कि आज जब हम भीड़ में चल रहे थे तो ऐसा लगा जैसे कोई बड़ी नदी बह रही हो. ये नदी पहाड़ियों से नीचे बह रही हो और मैं मानवता की इस नदी को ध्यान से देख रहा था. इस नदी में ना द्वेष है, ना क्रोध है. ये नदी विनम्र है और इसमें सभी का सम्मान शामिल है. इस नदी में वही भारत है, जो बह रहा है.
उन्होंने आगे कहा कि कुछ लोग और कुछ संगठन हैं, जो इस नदी को अशांत करना चाहते हैं. वे इस नदी के अंदर घृणा, हिंसा, क्रोध को मिलाना चाहते हैं. वे नदी में अशांति पैदा करना चाहते हैं और इसीलिए हमने 'भारत जोड़ो यात्रा' शुरू की है. हम इन लोगों को भारत नामक इस खूबसूरत नदी में नफरत, गुस्सा और हिंसा नहीं फैलाने देंगे. हम उन्हें किसी भी राज्य, किसी भी भाषा और किसी भी विचार का अपमान नहीं करने देंगे. राज्यपालों को विपक्ष शासित राज्यों में हस्तक्षेप करने का अधिकार क्यों होना चाहिए? क्या वे राज्य के लोगों द्वारा चुने जाते हैं?
राहुल गांधी ने कहा कि राष्ट्रीय सरकार को राज्य सरकारों के साथ साझेदारी में काम करना चाहिए. केंद्र सरकार को देश की सभी संस्कृतियों, देश की सभी भाषाओं का सम्मान करना चाहिए. भाजपा पूरे देश पर एक भाषा और एक संस्कृति थोपना चाहती है. हम एकता चाहते हैं, लेकिन हम विविधता का भी सम्मान करते हैं. हम एकरूपता नहीं चाहते हैं. इस खूबसूरत देश में हर राज्य, हर संस्कृति, हर भाषा का अपना स्थान है और उस जगह का सम्मान किया जाना चाहिए.
भाजपा पर निशाना साधते हुए राहुल ने कहा कि आज देश के हालात पर नजर डालें तो बीजेपी ने जो नफरत और गुस्सा फैलाया है उसका क्या नतीजा निकला है? बेरोजगारी का उच्चतम स्तर भारत ने देखा है. लोगों ने अब तक के सबसे ऊंचे दाम, किसानों, मजदूरों, छोटे और मझोले व्यवसायों के लिए भारी पीड़ा देखी है. उन्होंने आगे कहा कि आज, मैं कुछ छोटे और मध्यम व्यापारियों से मिला, इलेक्ट्रिक कार, इलेक्ट्रिक स्कूटर, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, फार्मास्यूटिकल्स और कई अन्य छोटे व्यवसाय करने वाले ये लोग भारत के लिए रोजगार पैदा करते हैं. मैंने उनसे पूछा कि क्या जीएसटी ने आपकी मदद की या आपको नुकसान पहुंचाया? सभी ने कहा कि जीएसटी उनके लिए आपदा जैसी है. उनमें से एक ने मुझे समझाया कि कैसे नमकीन काजू और मीठे काजू का जीएसटी अलग-अलग है. उन्होंने मुझे समझाया कि उनके लिए फॉर्म भरना कितना मुश्किल है. जीएसटी का डिजाइन कितना भ्रामक है.