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'हार-जीत लगी रहती है, किसी के लिए अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल न करें', स्मृति ईरानी के बचाव में राहुल गांधी का ट्वीट

राहुल गांधी ने स्मृति ईरानी के लिए किए अपने ट्वीट में लिखा, 'जीवन में हार-जीत लगी रहती है. मैं सभी से अपील करता हूं कि वे स्मृति ईरानी या किसी भी अन्य नेता के लिए अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल और बुरा व्यवहार करने से बचें. लोगों को नीचा दिखाना और अपमान करना कमजोरी की निशानी है, ताकत की नहीं.'

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राहुल गांधी ने स्मृति ईरानी के बचाव में किया ट्वीट
राहुल गांधी ने स्मृति ईरानी के बचाव में किया ट्वीट

लोकसभा चुनाव 2024 में अमेठी सीट से हार का सामना करने वाली पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने अपना सरकारी बंगला खाली कर दिया है. गुरुवार को अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी थी. सरकारी आवास खाली करने के बाद लोग उन्हें सोशल मीडिया पर टारगेट कर रहे थे. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने उनके बचाव में ट्वीट किया है.

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राहुल गांधी ने स्मृति ईरानी के लिए किए अपने ट्वीट में लिखा, 'जीवन में हार-जीत लगी रहती है. मैं सभी से अपील करता हूं कि वे स्मृति ईरानी या किसी भी अन्य नेता के लिए अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल और बुरा व्यवहार करने से बचें. लोगों को नीचा दिखाना और अपमान करना कमजोरी की निशानी है, ताकत की नहीं.'

अमित मालवीय ने साधा निशाना

राहुल गांधी के ट्वीट पर जवाब देते हुए बीजेपी आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने लिखा, 'यह अब तक का सबसे कपटपूर्ण मैसेज है. कांग्रेस नेताओं को भेड़ियों के झुंड की तरह उस महिला के पीछे छोड़ने के बाद, जिसने उन्हें अमेठी में हराया और उनके अहंकार को चूर-चूर किया, ये बहुत बढ़िया है.'

1.5 लाख से अधिक वोटों के अंतर से हारी थीं स्मृति ईरानी

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स्मृति ईरानी ने लुटियंस दिल्ली में 28 तुगलक क्रिसेंट स्थित अपना आधिकारिक बंगला खाली कर दिया है. स्मृति ईरानी ने इस हफ्ते की शुरुआत में बंगला खाली कर दिया था. वह कांग्रेस नेता किशोरी लाल शर्मा से अमेठी संसदीय सीट पर 1.5 लाख से अधिक वोटों के अंतर से हार गई थीं. पूर्व महिला एवं बाल विकास मंत्री ने 2019 में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को अमेठी सीट से हरा दिया था. राहुल गांधी और कांग्रेस के समर्थकों ने उनकी हार को 'अपमानजनक हार' करार दिया था.

11 जुलाई तक खाली करना था बंगला

हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार 2.0 के 17 केंद्रीय मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा था. मंत्रियों के पास 11 जुलाई तक बंगला खाली करने का समय था. इस बाबत उन्हें नोटिस भी जारी किया गया था.

नियम के मुताबिक लोकसभा भंग होने के एक महीने के भीतर सरकारी घर खाली करना होता है. राष्ट्रपति ने 5 जून को सत्रहवीं लोकसभा भंग कर दी थी, ऐसे में पूर्व सांसदों के पास अपने सरकारी घर को खाली करने के लिए केवल 5 जुलाई तक का ही समय था.

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