कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी किसान आंदोलन को लेकर केंद्र सरकार पर हमलावर हैं. वह लगातार अपने ट्विटर हैंडल से केंद्र सरकार पर हमला कर रहे हैं. साथ ही किसानों को अपना समर्थन भी दे रहे हैं. राहुल गांधी ने रविवार को एक बार फिर से ट्वीट किया है.
किसानों का समर्थन करते हुए उन्होंने लिखा कि वीर तुम बढ़े चलो, धीर तुम बढ़े चलो, वॉटर गन की बौछार हो या गीदड़ भभकी हज़ार हो. तुम निडर डरो नहीं, तुम निडर डटो वहीं. वीर तुम बढ़े चलो, अन्नदाता तुम बढ़े चलो.
दरअसल यह मूल कविता द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी द्वारा लिखी गई है, जिसका शीर्षक है- वीर तुम बढ़े चलो. राहुल गांधी ने किसान आंदोलन के समर्थन में लिखते हुए कविता के मूल रूप को बदल दिया है.
इससे पहले शनिवार को किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए राहुल गांधी ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो पोस्ट किया था. वीडियो कैप्शन में लिखा- मिट्टी का कण-कण गूंज रहा है, सरकार को सुनना पड़ेगा.
इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को गुलाम नबी आजाद और अधीर रंजन चौधरी जैसे अन्य पार्टी नेताओं के साथ कृषि कानून के मसले पर राष्ट्रपति से मुलाकात की थी.
इसके बाद उन्होंने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा था कि इन कानूनों से किसानों को नुकसान होने वाला है, देश को दिख रहा है कि किसान कानून के खिलाफ खड़ा है. मैं प्रधानमंत्री से कहना चाहता हूं कि किसान हटेगा नहीं, जबतक कानून वापस नहीं होगा तबतक कोई वापस नहीं जाएगा.
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राहुल गांधी ने इस मौके पर केंद्र की मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि 'भारत में अब लोकतंत्र नहीं रह गया है, अगर आपको लगता है कि यह है, तो यह अब बस आपकी कल्पनाओं में रह गया है.'
राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए कहा कि 'भारत में अब लोकतंत्र नहीं रह गया और जो लोग भी पीएम के खिलाफ खड़े होंगे, उन्हें आतंकवादी बता दिया जाएगा, चाहे वो संघ प्रमुख मोहन भागवत ही क्यों न हों.
राहुल ने कहा, 'पीएम मोदी बस क्रोनी पूंजीपतियों के लिए पैसे बना रहे हैं. जो भी उनके खिलाफ खड़े होने की कोशिश करेगा, उसे आतंकी बोल दिया जाएगा- चाहे वो किसान हों, मजदूर हों या फिर मोहन भागवत ही क्यों न हों.'
पीएम मोदी का राहुल पर पलटवार
पीएम मोदी ने शनिवार को राहुल गांधी का नाम लिए बगैर कहा था कि दिल्ली में कुछ लोग हैं, जो हमेशा मुझपर तंज कसते हैं और अपमान करते हैं. मैं उन्हें राज्य में हुए डीडीसी चुनाव को लोकतंत्र के उदाहरण के रूप में दिखाना चाहता हूं."
प्रधानमंत्री ने कहा, "कुछ राजनीतिक ताकतें मुझे लोकतंत्र पर लेक्चर दे रही हैं, लेकिन उनका दोहरा रवैया और खोखलापन देखिए. आप हैरान होंगे, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद, वहां जो सरकार है, स्थानीय निकाय चुनाव को लगातार टाल रही है." पीएम मोदी ने कहा, "जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश घोषित करने के एक साल के भीतर ही पंचायत स्तर के चुनाव आयोजित हो गए.
उन्होंने कहा, "जम्मू-कश्मीर में इन चुनावों ने ये भी दिखाया कि हमारे देश में लोकतंत्र कितना मजबूत है, लेकिन एक पक्ष और भी है, जिसकी तरफ मैं देश का ध्यान आकर्षित कराना चाहता हूं. पुडुचेरी में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद पंचायत और म्युनिसिपल इलेक्शन नहीं हो रहे."