राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपना स्टैंड स्पष्ट कर दिया है. उन्होंने कहा है कि वे राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में नहीं जा रहे हैं. इसके पीछे की वजह बताते हुए राहुल गांधी ने कहा,'22 जनवरी का इवेंट राजनीतिक कार्यक्रम है. हम सभी धर्मों के साथ हैं. मैं धर्म का फायदा उठाने की कोशिश नहीं करता, मुझे इसमें INTEREST नहीं. मुझे मेरे धर्म को शर्ट पर पहनने की जरूरत नहीं है. हालांकि, जो भी वहां जाना चाहता है, वो जा सकता है. लेकिन हम उस दिन वहां नहीं जाएंगे. हमारी पार्टी से भी कोई वहां जा सकता है. लेकिन हम राजनीतिक इवेंट में नहीं जाएंगे.'
राहुल गांधी ने आगे कहा,'जो मेरी सोच है वह यह है कि जो सचमुच में धर्म को मानता है वह धर्म के साथ निजी रिश्ता रखता है. मैं धर्म के सिद्धांतों से अपनी जिंदगी जीने की कोशिश करता हूं. लोगों के साथ ठीक से बर्ताव करता हूं, उनकी इज्जत रखता हूं. मैं नफरत नहीं फैलाता हूं.'
राहुल गांधी ने किया धर्मगुरुओं का जिक्र
आरएसएस और बीजेपी ने 22 जनवरी के कार्यक्रम को राजनीतिक नरेंद्र मोदी कार्यक्रम बना दिया है. यह संघ और बीजेपी का प्रोग्राम हो गया है. इसलिए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा है कि वह कार्यक्रम में नहीं जाएंगे. हम सभी धर्मों को मानने और उनका सम्मान करने वालों में से हैं. हिंदू धर्म के सबसे बड़े नेतृत्वकर्ताओं ने भी अपने विचार रखे हैं. उन्होंने भी इसे राजनीतिक कार्यक्रम बताया है.
इस समय यात्रा पर हैं कांग्रेस नेता
यह सभी बातें राहुल गांधी ने नगालैंड के कोहिमा शहर में प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहीं. बता दें कि इन दिनों राहुल भारत जोड़ो न्याय यात्रा निकाल रहे हैं. मणिपुर से शुरू हुई राहुल गांधी की यह यात्रा इस सयम नगालैंड में है.
बीजेपी ने किया सैम पित्रोदा का जिक्र
राहुल गांधी के बयान पर बीजेपी की प्रतिक्रिया भी सामने आ गई है. केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता राजीव चंद्रशेखर ने कहा है कि कुछ दिनों पहले ही राहुल गांधी के गुरु सैम पित्रोदा का बयान आया था. उन्होंने कहा था कि राम मंदिर के मुद्दे को करोड़ों भारतीय गहराई से महसूस करते हैं. अब राहुल गांधी जो कुछ भी कह रहे हैं, उसका लोगों की भावनाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा.