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'52 साल हो गए... इलाहाबाद से लेकर दिल्ली तक मेरे पास घर नहीं', कांग्रेस के अधिवेशन में बोले राहुल गांधी

राहुल गांधी ने छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में कांग्रेस के अधिवेशन में भाषण दिया. उन्होंने अपने भाषण में भारत जोड़ो यात्रा से लेकर आगामी राजनीतिक मुद्दों तक बात की. राहुल ने कहा कि पहले उन्हें इस बात का अहंकार था कि वो आराम से भारत जोड़ो यात्रा पूरी कर लेंगे, लेकिन बाद में जब उनके पैर में भयंकर दर्द हुआ तो उनका अहंकार और घमंड भी निकल गया.

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अधिवेशन में भाषण देते राहुल गांधी.
अधिवेशन में भाषण देते राहुल गांधी.

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में कांग्रेस का 85वां अधिवेशन चल रहा है. कल (25 फरवरी) जहां इस कार्यक्रम में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भाषण दिया था तो वहीं आज कांग्रेस के दिग्गज नेता राहुल गांधी ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि 52 साल से उनके पास अपना घर तक नहीं है.

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राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा का जिक्र करते हुए कहा, 'आपने केरल में वोट रेस देखी होगी. उस समय जब में वोट में बैठा था, पूरी टीम के साथ में रोइंग कर रहा था, मेरे पैर में भयंकर दर्द था. ऊपरी तौर पर फोटो में मैं मुस्कुरा रहा था, लेकिन दिल के अंदर मुझे रोना आ रहा था. मैंने यात्रा शुरू की. काफी फिट आदमी हूं. 10-12 किलोमीटर ऐसे ही दौड़ लेता हूं. घमंड था. मैंने सोचा था, 10-12 किलोमीटर चल लेता हूं तो 20-25 किलोमीटर चलना कौन सी बड़ी बात है.'

सुबह उठकर सोचता था- कैसे चलूंगा?

उन्होंने आगे कहा कि एक पुरानी चोट थी, जो कॉलेज में फुटबॉल खेलते समय घुटने में लगी थी. सालों से उस चोट में दर्द नहीं था. लेकिन जैसे ही मैंने यात्रा शुरू की, अचानक दर्द वापस आ गया. आप (कार्यकर्ता) मेरे परिवार हो, इसलिए आपसे कह सकता हूं. सुबह उठकर सोचता था कि कैसे चला जाए. फिर सोचता था कि 25 किलोमीटर की नहीं, 3 हजार 500 किलोमीटर की बात है. कैसे चलूंगा? 

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10-15 दिनों में अहंकार गायब हो गया

राहुल गांधी ने यात्रा के बारे में बात करते हुए कहा कि कंटनेर से उतरता था. चलना शुरू करता था, लोगों से मिलता था. पहले 10-15 दिनों में अहंकार और घमंड सब गायब हो गया. इसलिए गायब हो गया, क्योंकि भारत माता ने मुझे मैसेज दिया. तुम अगर निकले हो. कन्याकुमारी से कश्मीर तक चलने निकले हो तो दिल से घमंड निकालो, नहीं तो मत चलो.

तुलगक लेन वाला घर भी मेरा नहीं है

राहुल गांधी ने भाषण में कहा कि 52 साल हो गए मेरे पास घर नहीं है और परिवार के पास जो घर है वो इलाहाबाद में है. वो भी घर नहीं है. 120 तुगलक लेन मेरा घर नहीं है. जब पदयात्रा में निकला तो सोचा मेरी जिम्मेदारी क्या है? मैंने कहा कि मेरे साइड में और आगे पीछे जो खाली जगह है, जिसमे हिंदुस्तान के लोग मिलने आएंगे. अगले चार महीने के लिए हमारा वो घर हमारे साथ चलेगा. इस घर में जो भी आएगा अमीर-गरीब, बुजुर्ग युवा हो या बच्चा किसी भी धर्म और स्टेट का जानवर हो, उसे ये लगना चाहिए की मैं आज अपने घर आया हूं.

लोगों को समझाना हमारी जिम्मेदारी: प्रियंका

राहुल से पहले प्रियंका गांधी ने कहा कि जो लोग देश की राजनीति को देखकर समझ रहे हैं कि कुछ गलत हो रहा है, उन्हें एक मंच देना हमारा काम है. उनकी आवाज को बुलंद करना हमारा काम है. वे लोग जो यह नहीं समझ रहे हैं, उन्हें भी यह बताना और समझाना हमारा काम है. यह एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी है.

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हिम्मत की और यात्रा में पहुंचीं महिलाएं

भारत जोड़ो यात्रा का से जुड़ा किस्सा बताते हुए प्रियंका ने कहा कि हम जब कश्मीर में थे तो मैं कुछ महिलाओं के साथ खड़ी थी. उन महिलाओं ने मुझे कहा कि तीन सालों से उनमें घर से निकलने की हिम्मत नहीं थी. लेकिन आज भारत जोड़ो यात्रा में आ गईं. लोगों के अंदर ये हिम्मत पैदा करना ही हमारा काम है.

पूरा देश देख रहा, कांग्रेस लड़ रही है

उन्होंने कार्यकर्ताओं से अपील करते हुए कहा कि हम गांव-गांव जाएं, ब्लॉक-ब्लॉक जाएं और अपने संगठन को मजबूत करें. राहुल गांधीजी ने भारत जोड़ो यात्रा निकाली और कांग्रेस की एक लंबी लकीर खींचकर दिखाई. पूरे देश ने देखा कि कांग्रेस किस विचारधारा के लिए लड़ रही है. यह काम यात्रा ने किया. मध्य प्रदेश से लेकर केरल तक के लोग आए.

कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस के प्रति भाव दिखाया

प्रियंका ने आगे कहा कि कांग्रेस का कार्यकर्ता कौन है? वो अनोखेलाल है, जो इस झंडे को लेकर कन्याकुमारी से कश्मीर तक चला. वो दिनेश है, जो आज दिख नहीं रहा है. वह भी इसी तरह ध्वज को लेकर नंगे पांव चला. उत्तर प्रदेश के नेता थे, नसीब पठान. अजीवन उन्होंने कांग्रेस के प्रति अपना भाव दिखाया.

कांग्रेस का मतलब देशभक्ति, बोले खड़गे

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इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि अडानी जितना किसी व्यापारी को बड़ा नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी चुनौती लोकतंत्र और संविधान को बचाने की है, कांग्रेस का मतलब देशभक्ति, त्याग बलिदान, सेवा समर्पण निष्ठा प्रेरणा, करुणा न्याय, निर्भयता और अनुशासन है.

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