राजस्थान की सियासत में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच तकरार की खबरें आम बात हैं. पिछले पांच सालों में कई मौकों पर दोनों नेताओं ने सार्वजनिक मंचों से एक दूसरे की आलोचना की है. हाल ही में राजस्थान के बांसवाड़ा में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीएम अशोक गहलोत की तारीफ की थी. उस तारीफ पर सचिन पायलट ने बिना समय गवाएं तंज कसा था. उन्होंने गुलाम नबी आजाद वाला किस्सा याद दिलाते हुए बड़ा संदेश देने का काम किया.
गहलोत का पायलट पर पलटवार
अब अशोक गहलोत ने पायलट के उस तंज पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उनकी तरफ से कोई तीखा प्रहार तो नहीं हुआ है लेकिन इतना जरूर कहा गया है कि इस प्रकार की बयानबाजी से बचा जाना चाहिए. अलवर में एक कार्यक्रम का हिस्सा बनने गए गहलोत ने कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री वेणुगोपाल राव ने बयानबाजी नहीं करने के निर्देश दिए हुए हैं. केंद्र सरकार से इस वक्त विभिन्न मुद्दों पर लड़ने का समय है. सभी लोगों को एकजुट होकर काम करना है जिससे केंद्र सरकार पर दबाव बने. अपने बयान में आगे सीएम ने यहां तक कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान की जनता को निराश किया है उन्होंने आदिवासियों के लिए मानगढ़ को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने की घोषणा नहीं की.
जानकारी के लिए बता दें कि सचिन पायलट ने गहलोत के लिए कहा था कि ये बड़ी दिलचस्प बात है कि प्रधानमंत्री मोदी ने सार्वजनिक मंच से सीएम की तारीफ की है. एक बार पीएम ने ऐसे ही गुलाम नबी आजाद की भी तारीफ की थी, उसके बाद क्या हुआ वो सब को पता है. ये बड़ा दिलचस्प है. इसे गंभीरता से लेना चाहिए.
पीएम ने आजाद के लिए क्या कहा था?
अभी के लिए अशोक गहलोत ने तो इस मामले को ज्यादा तूल देने की कोशिश नहीं की है, लेकिन सचिन पायलट के बयान ने सियासत को गर्म जरूर कर दिया है. जिन गुलाम नबी आजाद के किस्से का उन्होंने जिक्र किया है, उस वजह से कांग्रेस में ही अंदरूनी लड़ाई तेज हो गई थी. असल में पीएम मोदी ने राज्यसभा में गुलाम नबी आजादी की संसद से विदाई के वक्त जमकर तारीफ की थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन में भावुक हो गए थे. पीएम मोदी ने गुलाम नबी आजाद की तारीफ करते हुए कहा था कि वो यहां के घर में बगीचे को संभालते हैं, जो कश्मीर की याद दिलाता है. पीएम मोदी ने कहा था कि गुजरात के यात्रियों पर जब आतंकवादियों ने हमला किया, सबसे पहले गुलाम नबी आजाद जी का उनके पास फोन आया. वो फोन सिर्फ सूचना देने का नहीं था, फोन पर गुलाम नबी आजाद के आंसू रुक नहीं रहे थे.
उस एक बायन के बाद कयास लगने लगे थे कि आजाद कांग्रेस छोड़ बीजेपी का दामन थाम लेंगे. अब ऐसा तो नहीं हुआ लेकिन कुछ समय बाद ही गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस छोड़ दी और कश्मीर में अपनी खुद की पार्टी शुरू की. ऐसे में अब जब पीएम ने गहलोत की तारीफ की है, पायलट ने अपने बयान से इस पूरी स्थिति को दिलचस्प बना दिया है.
राजेंद्र शर्मा का इनपुट