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चीनी रक्षामंत्री से मुलाकात के पहले ओवैसी का सवाल- जमीन खाली करने को कहेंगे राजनाथ?

ओवैसी बोले, क्या राजनाथ सिंह चीनी रक्षा मंत्री से बिना शर्त भारत के हिस्से का 1000 स्क्वैयर किलोमीटर जमीन खाली करने को कहेंगे, लद्दाख के जिस हिस्से पर चीनी सेना ने चार महीने पहले कब्जा कर लिया था?

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असदुद्दीन ओवैसी ने राजनाथ सिंह से पूछा सवाल
असदुद्दीन ओवैसी ने राजनाथ सिंह से पूछा सवाल
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बिना शर्त भारत के हिस्से वाले जमीन छोड़ने को कहेंगे राजनाथ
  • चीन के रक्षा मंत्री से राजनाथ सिंह की होगी मुलाकात
  • ओवैसी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से पूछे सवाल

LAC पर जारी तनाव के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की चीन के रक्षा मंत्री के साथ बैठक होने वाली है. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमिन प्रमुख और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इस मीटिंग से पहले सवाल पूछते हुए कहा है कि राजनाथ सिंह, क्या आप चीनी रक्षा मंत्री से बिना शर्त भारत के हिस्से का 1000 स्क्वैयर किलोमीटर जमीन खाली करने को कहेंगे? लद्दाख के जिस हिस्से पर चीनी सेना ने चार महीने पहले कब्जा कर लिया था. उन्होंने आगे कहा कि या फिर आप पीएमओ (प्रधानमंत्री ऑफिस) को फॉलो करते हुए कहेंगे कि हमारी सीमा में कोई नहीं घुसा है. हमें यह जानने का हक है. 

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ओवैसी ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, 'राजनाथ सिंह आज आप चीन के रक्षा मंत्री से मिलने जा रहे हैं. क्या आप उनसे चीनी सेना द्वारा चार महीने पहले कब्जाए गए लद्दाख के 1000 स्क्वैयर किलोमीटर जमीन को बिना शर्त खाली करने को कहेंगे. या फिर आप प्रधानमंत्री ऑफिस के बयान को दोहराते हुए कहेंगे कि हमारी सीमा के अंदर कोई दाखिल ही नहीं हुआ है. हम यह जानने का पूरा हक है.' 

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इन दिनों रूस में हैं और शंघाई संगठन सहयोग (SCO) की बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे हैं. इसी दौरे पर राजनाथ सिंह, चीन के रक्षा मंत्री से शुक्रवार रात को मुलाकात करने वाले हैं. चीन की ओर से अपील की गई थी कि मुलाकात की जाए, जिसे भारत ने स्वीकार कर लिया है. 

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इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने (SCO) की बैठक में आतंकवाद को लेकर जोरदार हमला बोला.  अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कहा कि भारत स्पष्ट रूप से सभी रूपों में आतंकवाद और इसके समर्थकों की निंदा करता है. हमें पारंपरिक और गैर-पारंपरिक खतरों से निपटने के लिए सुरक्षा के दृष्टिकोण से संस्थागत क्षमता बढ़ाने की आवश्यकता है. उन्होंने आगे कहा कि चरमपंथी प्रोपेगेंडा और डी रेडिकलाइजेशन को काउंटर करने के लिए SCO द्वारा आतंकवाद विरोधी तंत्र को स्वीकार करना जरूरी है. 

हालांकि संबोधन के दौरान रक्षा मंत्री ने कहीं भी पाकिस्तान या चीन का नाम नहीं लिया. जाहिर है पाकिस्तान भारत में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने की फिराक में लगा रहता है और चीन, पाकिस्तान की नीतियों का समर्थन करता है.  

राजनाथ सिंह ने कहा कि द्वितीय विश्वयुद्ध के 75 साल पूरे हो गए हैं और संयुक्त राष्ट्र की उत्पत्ति के भी, जिसका मुख्य उद्देश्य शांतिपूर्ण विश्व बनाना था. जहां अंतरराष्ट्रीय कानून और देश की संप्रभूता का सम्मान हो, किसी भी देश को एकतरफा आक्रामकता के शिकार होने से बचाया जा सके.   


 

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