राज्यसभा से निलंबित किए जाने पर शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा है कि उन्हें आरोपों पर सफाई देने का मौका भी नहीं दिया गया और सस्पेंड कर दिया गया. प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि वह सरकार को चुनौती देती हैं कि वे ये साबित करें कि राज्यसभा की ओर से उन्हें एक भी फोन किया है. यह लोकतंत्र की हत्या है जिस पर आप आप आरोप लगा रहे हैं, उन्हें सफाई का मौका नहीं दिया गया है.
बता दें कि राज्यसभा में मॉनसून सत्र में हंगामा करने के आरोप में 12 सासदों को राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया है. इन सांसदों को पूरे सत्र के लिए निलंबित किया गया है, अब ये 12 सांसद पूरे शीतकालीन सत्र में सदन की कार्यवाही में शामिल न हो पाएंगे. इन सांसदों में प्रियंका चतुर्वेदी भी शामिल हैं.
इस एक्शन पर प्रियंका चतुर्वेदी ने गहरी नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा कि जिस पर आरोप लगाया गया उन्हें सफाई का मौका नहीं दिया गया, न ही कॉल किया किया. प्रियंका चतुवर्वेदी ने कहा कि वे इस मसले पर राज्यसभा के चेयरमैन से बात करेंगी.
अपने खिलाफ निलंबन की कार्रवाई होने के बाद प्रियंका चतुर्वेदी ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है. उन्होंने कहा कि नियम भी एक सत्र से दूसरे सत्र में कार्रवाई को आगे ले जाने की अनुमति नहीं देते हैं. इसके लिए उन्होंने एक फोटो भी शेयर किया है.
Even the rules don’t permit carrying forward taking action from one session to another . Rule 256. pic.twitter.com/8OUTlU0Jde
— Priyanka Chaturvedi🇮🇳 (@priyankac19) November 29, 2021
बता दें कि जिन सांसदों को सस्पेंड किया गया है, उनमें कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और शिवसेना के सांसद शामिल हैं. सांसदों पर ये एक्शन 11 अगस्त को राज्यसभा में हंगामा करने पर लिया गया है.
एक और निलंबित सांसद छाया वर्मा ने कहा कि उस दिन प्रताप बाजवा और संजय सिंह जो कि टेबल पर चढ़े हुए दिख रहे थे उन पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई. जिन सांसदों को निलंबित किया गया है उनके नाम इस प्रकार है.
1. एलामरम करीम (सीपीएम)
2. फूलो देवी नेताम (कांग्रेस)
3. छाया वर्मा (कांग्रेस)
4. रिपुन बोरा (कांग्रेस)
5. बिनय विश्वम (सीपीआई)
6. राजामणि पटेल(कांग्रेस)
7. डोला सेन (टीएमसी)
8. शांता छेत्री (टीएमसी)
9. सैयद नासिर हुसैन (कांग्रेस)
10. प्रियंका चतुर्वेदी (शिवसेना)
11. अनिल देसाई (शिवसेना)
12. अखिलेश प्रसाद सिंह (कांग्रेस)
बता दें कि 11 अगस्त को बीमा बिल पर चर्चा के दौरान जमकर हंगामा हुआ था और सभापति को मार्शल बुलाना पड़ा था.