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'यहां तो अवारा कुत्ते के बच्चों को भी भूखा नहीं छोड़ते', भूखमरी के सवाल पर संसद में मंत्री का बयान

कृषि राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने कहा कि हमारे यहां तो गलियों में जब आवारा कुत्ते के भी बच्चे होते हैं तो हमारी माताएं और बहनें उनके बच्चों को खाना खिलाने जाती हैं. ऐसी परंपरा है इस देश में.

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केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला (फाइल फोटो)
केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • AAP सांसद संजय सिंह ने उठाया सवाल
  • केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने दिया जवाब

राज्यसभा में शुक्रवार को भुखमरी पर जबरदस्त बहस हुई. दरअसल, आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद संजय सिंह ने सदन में भूखमरी सूचकांक में 2020 में भारत का स्थान 94वां रहने को लेकर ध्यान आकर्षित किया. उन्होंने कहा कि हम उत्पादन में शीर्ष देशों में शामिल हैं, समस्या उत्पादन की नहीं वितरण की है, मंत्री जी बताएं कि इसमें सुधार क्या होगा.

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इस पर कृषि राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने कहा कि ये जो भूखमरी की बात हो रही है, खासकर देश के बच्चों के बीच भूखमरी की बात, तो ये ठीक नहीं है कि कोई विदेशी एनजीओ आकर सर्वेक्षण करके चला जाता है, हमने उन एनजीओ से सवाल किया है. लेकिन मैं अपना एक निजी अनुभव बताना चाहता हूं.

इसके बाद कृषि राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने कहा कि हमारे यहां तो जब गलियों में जब आवारा कुत्ते के भी बच्चे होते हैं तो हमारी माताएं और बहनें उनके बच्चों को खाना खिलाने जाती हैं. ऐसी परंपरा है इस देश में, तो ऐसे समाज में बच्चों के भूखे रहने का आकलन कोई और करके दे तो ये ठीक नहीं है. हट्ठे-कट्ठे बच्चे को भूखमरी में गिना जा रहा है.

कृषि राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने कहा कि हमारे यहां खाने की समस्या नहीं है और ना ही स्टॉक की समस्या है. इस बारे में समाज में जागृति लाने के लिए हमारी मंत्री स्मृति ईरानी ने योजना चलाई है. इसके बाद संजय सिंह ने पूरक प्रश्न पूछते हुए देश में खाना बर्बाद होने की समस्या उठायी. 

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इस पर कृषि राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने कहा कि देश में इंफ्रास्टक्चर के अभाव के वजह से कुछ अनाज का नुकसान हो रहा है, लेकिन इसी को ध्यान में रखते हुए पीएम ने इंफ्रास्ट्रक्चर योजना का एलान किया है.

 

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