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राकेश टिकैत बोले- बातचीत को तैयार, बुलावा भेजे सरकार, PM मोदी को बीच में आने की जरूरत नहीं

किसान नेता राकेश टिकैत ने आजतक के साथ खास बातचीत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल पूछा है कि क्या अयोध्या के लिए आंदोलन करने वाले लाल कृष्ण आडवाणी आंदोलनजीवी थे? 

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किसान नेता राकेश टिकैत (फाइल फोटो-पीटीआई)
किसान नेता राकेश टिकैत (फाइल फोटो-पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • आजतक के साथ राकेश टिकैत की खास बातचीत
  • 'बातचीत को तैयार, बुलावा भेजे सरकार'
  • 'नहीं लड़ेंगे 2022 का विधानसभा चुनाव'

किसान नेता राकेश टिकैत ने आजतक के साथ खास बातचीत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल पूछा है कि क्या अयोध्या के लिए आंदोलन करने वाले लाल कृष्ण आडवाणी आंदोलनजीवी थे? भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने आजतक के साथ खास बातचीत की है. ट्रैक्टर पर आजतक की एंकर अंजना ओम कश्यप और चित्रा त्रिपाठी से बात करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार तीनों कृषि कानून को रद्द करे. उन्होंने कहा कि हम देश की नीति सड़क से बदलेंगे, संसद से नहीं.  

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राकेश टिकैत से जब पूछा गया कि क्या आपके आंसुओं ने पूरी तरह से इस आंदोलन को बदल दिया. इस पर राकेश टिकैत ने कहा कि ये किसान के आंसू थे. न वो डर के आंसू थे न खौफ थे, वे किसान के आंसू थे. राकेश टिकैत ने कहा कि 26 जनवरी को पुलिस के आगे गुंडे थे वे लाठी चला रहे थे. पुलिस को बताना चाहिए कि पुलिस की बैरिकेडिंग के अंदर लाठी लेकर कौन पहुंचे थे. 

आडवाणी आंदोलनजीवी थे?

राकेश टिकैत ने कहा कि हम बात करें तो किससे करें, हमें तो कोई प्रस्ताव नहीं मिला है. टिकैत ने कहा कि हमें जमात कहा गया है जमात किसको कहते हैं, आंदोलनजीवी किसको कहते हैं, क्या लाल कृष्ण आडवाणी जब अयोध्या में गए तो वे आंदोलनजीवी थी? क्या मुरली मनोहर जोशी आंदोलनजीवी थे, महात्मा गांधी, सरदार भगत सिंह आंदोलनजीवी थे. 

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बताचीत को तैयार, बुलावा भेजे सरकार

किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि जिन्होंने हिंसा की उनपर कोई कार्रवाई की जानी चाहिए. राकेश टिकैत ने कहा कि अगर सरकार बात नहीं करती है तो हम यहीं पर बने रहेंगे. हालांकि उन्होंने कहा कि बातचीत के लिए पीएम को आने की जरूरत नहीं है, वो जिसको भेजेंगे हम उनके साथ बात करने को तैयार हैं. राकेश टिकैत ने कहा कि उनकी जो कमेटी है हम उनसे बात करते हैं, जब हमारे बीच समझौता हो जाए तो पीएम को आना चाहिए. राकेश टिकैत ने कहा कि वो सरकार के साथ बातचीत करने को तैयार हैं, सरकार बातचीत का बुलावा भेजे. 

 

पेड़ लगाती हैं ग्रेटा 

राकेश टिकैत ने कहा कि ग्रेटा, दिशा या रिहाना यहां का प्रोग्राम नहीं बनाएगी, यहां का प्रोग्राम किसान बनाएंगे. उन्होंने कहा कि वे भारत के खिलाफ बयानबाजी नहीं कर सकती हैं. जब टिकैत से पूछा गया है कि ग्रेटा कौन हैं तो उन्होंने कहा कि वो तो पेड़ लगाने का काम करती हैं. 

नहीं लड़ेंगे 2022 का चुनाव

2022 का चुनाव लड़ने से इंकार करते हुए उन्होंने कहा कि यहां किसी को वोट तलाशने के लिए नहीं आना चाहिए. उन्होंने कहा कि चुनाव की बीमारी से बिल्कुल दूर रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि वो कभी चुनाव नहीं लड़ेंगे. राकेश टिकैत ने कहा कि वे जाट नेता नहीं बल्कि किसान नेता हैं. राकेश टिकैत ने यह भी कहा कि वह विपक्ष का चेहरा भी नहीं बन रहे हैं.

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पुराना कानून रद्द कर नया कानून बनाए

राकेश टिकैत ने कहा कि दो साल में मंडियां खत्म होने जा रही है, जैसा बिहार का हाल हुआ है. उन्होंने कहा कि मंडियों से अनाज खरीदने वाले का रजिस्ट्रेशन होना चाहिए. इस पर प्रशासन का कंट्रोल होना चाहिए.  राकेश टिकैत ने कहा कि MSP पर कानून बना दो, कृषि पर नया कानून बना दें. राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार 18 महीने तक कानून रोकने के लिए तैयार है लेकिन उसके बाद ये कानून फिर आएगा, सरकार पुराने कानून को रद्द कर नए कानून बना दे.  

 

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