आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू शनिवार को अपने समर्थकों के साथ रामतीर्थम मंदिर पहुंचे. इस मौके पर उन्होंने मंदिर प्रशासन से घटना को लेकर जानकारी मांगी. इससे पहले नायडू विजाग एयरपोर्ट पहुंचे, जहां पर सैकड़ों समर्थकों ने उनका स्वागत किया. इसके बाद नायडू, विजयनगरम सांसद पी अशोक गजपति के साथ मंदिर के लिए रवाना हुए.
दोनों ने घटनास्थल का दौरा किया और श्रीराम की 400 साल पुरानी प्रतिमा को तोड़ने को लेकर मंदिर अथॉरिटी से जानकारी ली.
चंद्रबाबू नायडू ने रामतीर्थम श्रीराम की मूर्ति के विध्वंस की निंदा की और इस बात के लिए सरकार को दोषी ठहराया है. दरअसल हाल ही में आंध्र प्रदेश के विजयनगरम में राम की 400 साल पुरानी प्रतिमा को किसी अज्ञात शख्स ने तोड़ दिया था.
नायडू ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री एक मूकदर्शक की तरह मूर्तियों को टूटते हुए देख रहे हैं. नायडू ने कहा, 'पिछले 19 महीनों में मंदिरों पर 120 से अधिक हमले हुए हैं. ये हमले पूर्व निर्धारित योजना के अनुसार किए जा रहे हैं. पीतमपुर में छह मंदिरों में 23 से अधिक मूर्तियों को तोड़ दिया गया है. गुंटूर में भी दुर्गम्मा मंदिर को ढहा दिया गया.
इस घटना को लेकर विपक्ष, प्रदेश सरकार पर हमलावर है और कार्रवाई की मांग कर रही है. वहीं बीजेपी नेता सुनील सुनील देवधर ने कहा है कि आन्ध्र प्रदेश में हिन्दू मंदिरों पर हो रहे लगातार हमले 16वीं सदी के गोवा में क्रूर सेंट जेवियर के हमलों की याद दिला रहे हैं जिसने मंदिरों को ढहा दिया था, जिसने जबरदस्ती धर्मांतरण करवाए थे.
सुनील देवधर ने कहा ''आंध्र में हिन्दू मंदिरों पर हो रहे लगातार हमले तालिबान द्वारा बामियान में तोड़ी गई बुद्ध प्रतिमा की याद दिला रहे हैं.''
वहीं विहिप (विश्व हिंदू परिषद) के केंद्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने कहा कि विजयनगरम के नेल्लीमरला मण्डल के रामतीरधाम गांव में सीता-लक्ष्मण समेत श्रीराम कोदण्ड मंदिर का ताला तोड़ भगवान राम की मूर्ति के गला काटने की घटना की विश्व हिंदू परिषद कठोर शब्दों में निंदा करती है. मंदिरों पर हमलों की गत दो-तीन दिनों में घटी यह चौथी घटना है. आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी जिलान्तर्गत अन्तर्वेदी में अक्टूबर में घटी मंदिर के पुरातन रथ को जलाने जैसी घटनाएं राज्य में गत कुछ महीनों में तेजी से बढ़ी हैं.
इस मसले पर जनसेना प्रमुख और सिनेमा से राजनीति में आए पवन कल्याण ने कहा, 'एक तरफ अयोध्या में राम मंदिर बनाया जा रहा है तो यहां भगवान राम की प्रतिमा को सताया जा रहा है. आंध्र प्रदेश में राम मंदिर पर किया गया हमला एकदम उस हमले की तरह है जिस तरह से 16वीं सदी में सेंट जेवियर गोवा में मंदिरों पर हमला किया करता था.' इस घटना के बाद पूरे विपक्ष ने जगनमोहन रेड्डी सरकार को टारगेट करना शुरू कर दिया है.
जनसेना पार्टी के प्रमुख पवन कल्याण ने कहा, ''उन्होंने (आरोपियों ने) ऐतिहासिक मंदिर में पैशाचिक हरकत करने का काम किया है. क्योंकि राज्य सरकार ने पीथमपुर, कोंडा बिटरगुन्टा और अंतरावेदी की घटनाओं पर कोई गंभीरता नहीं दिखाई. अंतरावेदी में श्री लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर के रथ को जलाने के आरोपी लोगों का अब तक पता नहीं चला है और न ही अभी तक किसी को भी गिरफ्तार किया गया है. हिन्दू भगवानों और मंदिरों की मूर्तियों पर होने वाले इन हमलों को क्या माना जाना चाहिए? ये काम किसी द्वारा पागलपन में नहीं किए गए बल्कि ये हरकतें धार्मिक संतुलन खो चुके लोगों की है.''
अभिनेता से नेता बने पवन कल्याण जोकि बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबन्धन यानी एनडीए का भी हिस्सा हैं, ने गृह मंत्रालय से अपील की है कि वो मंदिरों पर हो रहे हमले पर नजर बनाए रखें. पवन ने कहा कि पिछले डेढ़ साल से मंदिरों और मूर्तियों पर हमला जारी है. मंदिर पर किए गए इस हमले की सीबीआई द्वारा जांच की जानी चाहिए.