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रामचरित मानस विवादः JDU ने शिक्षामंत्री चंद्रशेखर के बयान से किया किनारा, ललन सिंह बोले- RJD इस मामले में संज्ञान ले

बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर द्वारा रामचरित मानस पर विवादित बयान के बाद शुरू हुआ बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. जेडीयू ने इस बयान से किनारा कर लिया है. जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि हम सभी धर्म औऱ धार्मिक ग्रंथों का सम्मान करते हैं.

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बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर और जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह
बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर और जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह

बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर द्वारा रामचरित मानस पर विवादित बयान के बाद शुरू हुआ घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है. RJD के मंत्री चंद्रशेखर के इस बयान पर जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह ने किनारा कर लिया है. उन्होंने कहा कि RJD खुद इस बयान पर संज्ञान ले. जहां तक जेडीयू की बात है तो हम सभी धर्म औऱ धार्मिक ग्रंथों का सम्मान करते हैं.

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JDU अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि शिक्षा मंत्री ने जो बयान दिया है, ये राष्ट्रीय जनता दल का मसला है. इस मामले में RJD को संज्ञान लेना चाहिए और राष्ट्रीय जनता दल ऐसा करने में सक्षम भी है. उन्होंने कहा कि जनता दल हर धर्म के लोगो का सम्मान करती है.

वहीं, RJD नेता शिवानंद ने कहा कि अगर इस तरह की बात करेंगे कि रामायण सिर्फ घृणा फैलाता है तो मैं व्यक्तिगत रूप से उस राय के साथ नहीं हूं. उधर, जदयू एमएलसी नीरज कुमार और पार्टी कार्यकर्ताओं ने शनिवार को पटना में रामचरितमानस का पाठ किया.

पटना में नालंदा मुक्त विश्वविद्यालय के 15वें दीक्षांत समारोह के दौरान बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने दावा किया कि तुलसीदास की मनुस्मृति, रामचरित मानस और माधव सदाशिवराव गोलवलकर की बंच ऑफ थॉट्स जैसी किताबों ने देश में 85% आबादी को पिछड़े रखने की दिशा में काम किया है, हिंदू ग्रंथ रामचरितमानस को मनुस्मृति की तरह जलाया जाना चाहिए, क्योंकि यह समाज में जाति विभाजन को बढ़ावा देता है.
 

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