सपा नेता आजम खान को सेशन्स कोर्ट से भी राहत नहीं मिली. हेट स्पीच मामले में उनकी तीन साल की सजा भी बरकरार रही और उनकी विधानसभा की सदस्यता भी रद्द ही मानी गई. इसी वजह से अब रामपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव का रास्ता साफ हो गया है.
आजम को सजा, उपचुनाव का रास्ता साफ
रामपुर विधानसभा में होने वाले उपचुनाव को लेकर के लिए चुनाव आयोग ने नया शेड्यूल जारी कर दिया है. मतदान पहले की तरह 5 दिसंबर और मतगणना 8 दिसंबर को ही होगी. बस नामांकन की तारीख 1 दिन आगे बढ़ा दी गई है. पहले नामांकन की आखिरी तारीख 17 नवंबर थी अब उसको एक दिन आगे बढ़ाकर 18 नवंबर कर दिया गया है.
यहां ये समझना जरूरी है कि आजम खान ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. वहां से उन्हें राहत भी मिली थी और कुछ समय के लिए रामपुर उपचुनाव की तमाम प्रक्रियाओं पर रोक लगा दी गई थी. कहा गया था कि जब तक सेशन्स कोर्ट इस मामले में कोई फैसला नहीं सुना देता, तब तक उपचुनाव को लेकर कोई तैयारी ना की जाए. लेकिन अब गुरुवार को सेशन्स कोर्ट ने भी आजम खान के खिलाफ ही फैसला सुनाया और उनकी सजा भी बरकरार रही. इसी वजह से रामपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव का रास्ता भी साफ हो गया और अब चुनाव आयोग ने शेड्यूल भी जारी कर दिया है.
आजम पर क्या आरोप है?
वैसे जिस मामले में आजम खान को ये सजा हुई है,वो 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान का है. कथित रूप से आजम खान ने रामपुर की मिलक विधानसभा में एक चुनावी भाषण के दौरान आपत्तिजनक और भड़काऊ टिप्पणियां की थीं. इसकी शिकायत भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने की थी. इसी मामले में रामपुर कोर्ट ने आजम को दोषी ठहराया और उन्हें तीन साल की जेल सजा दी गई. यहां ये समझना भी जरूरी है कि आजम की सदस्यता इसलिए रद्द की गई है क्योंकि साल 2002 में जन प्रतिनिधित्व अधिनियम में किए गए संशोधन के मुताबिक सजा की अवधि पूरी होने के बाद छह साल तक चुनाव लड़ने की पाबंदी रहती है.