कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने संगठन स्तर पर हुए बदलाव को लेकर कहा कि सभी कांग्रेसी अपना कर्तव्य निभा रहे हैं. उन्होंने कहा कि पार्टी अध्यक्ष की तरफ से जो भी कार्य सौंपा जाता है सभी कार्यकर्ता उसे निभाते हैं. सुरजेवाला ने कहा कि राहुल गांधी को सर्वसम्मति से कांग्रेस अध्यक्ष चुना गया था लेकिन 2019 में उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया. हाल ही में संपन्न हुई बैठक के दौरान भी हमारे करोड़ों कार्यकर्ताओं और कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्यों ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व में भरोसा दिखाया है.
इससे पहले शुक्रवार को कांग्रेस में बड़ा संगठनात्मक फेरबदल किया गया. इस फेरबदल में सबसे बड़ा फायदा राहुल गांधी के वफादार रणदीप सिंह सुरजेवाला को हुआ है. सुरजेवाला अब कांग्रेस अध्यक्ष को सलाह देने वाली उच्च स्तरीय छह सदस्यीय विशेष समिति का हिस्सा हैं.
इसके साथ ही सुरजेवाला को कांग्रेस का महासचिव भी बनाया गया है. उन्हें कर्नाटक का प्रभारी बनाया गया है. मधुसूदन मिस्त्री को केंद्रीय चुनाव समिति का अध्यक्ष बनाया गया है. प्रियंका गांधी को यूपी का प्रभारी बनाया गया है. इसके अलावा केसी वेणुगोपाल को संगठन की जिम्मेदारी दी गई है.
वहीं कांग्रेस महासचिवों में मुकुल वासनिक को मध्य प्रदेश की, हरीश रावत को पंजाब की, ओमान चांडी को आंध्र प्रदेश की, तारीक अनवर को केरल और लक्षद्वीप की, जितेंद्र सिंह को असम की, अजय माकन को राजस्थान की जिम्मेदारी दी गई है.
गुलाम नबी आजाद से महासचिव का पद छीन लिया गया है. वे हरियाणा राज्य के प्रभारी थे. जाहिर है कांग्रेस में चिट्ठी विवाद के बाद बड़े पैमाने पर संगठन में बदलाव किया गया है. इस फेरबदल में कांग्रेस वर्किंग कमेटी से लेकर राज्यों के प्रभारी महासचिव और प्रभारी सचिव तक बदले गए. कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव कराने के लिए भी नई समिति गठित कर दी गई है.
एक तरफ कांग्रेस नेतृत्व में बदलाव की मांग करने वाले नेताओं की कप्तानी कर रहे गुलाम नबी आजाद के पर कतर दिए गए हैं तो वहीं गांधी परिवार के पक्ष में खड़े रहने वाले नेताओं को वफादारी के तौर पर प्रमोशन दिया गया है. राहुल गांधी के समर्थक नए नेताओं के साथ पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को भी संगठन और कांग्रेस की कार्यसमिति में जगह दी गई है.