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देखा जाएगा मोदी सरकार की रिपोर्ट कार्ड, पांच राज्यों के चुनावों पर होगा मंथन, कल से RSS की बैठक

आरएसएस की नागपुर में हो रही अखिल भारतीय समन्वय बैठक में बीजेपी सहित सभी संगठनों के प्रमुख/संगठन मंत्री शामिल होंगे. इसके अलावा विश्व हिंदू परिषद और कुछ अन्य आनुषांगिक संगठनों के शीर्ष प्रतिनिधि शिरकत करेंगे. संघ इस बैठक में मोदी सरकार की कामों की समीक्षा के साथ-साथ देश के पांच राज्यों में होने वाले चुनाव पर मंथन करेगा.

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संघ प्रमुख मोहन भागवत
संघ प्रमुख मोहन भागवत
स्टोरी हाइलाइट्स
  • आरएसएस की समन्वय बैठक नागपुर में हो रही
  • संघ की बैठक में मोदी सरकार की समीक्षा होगी
  • पांच राज्यों के चुनाव पर संघ बनाएगा रणनीति

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की गुरुवार से महाराष्ट्र के नागपुर में मंथन बैठक शुक्रवार से शुरू हो रही है. इस अखिल भारतीय समन्वय बैठक में बीजेपी सहित संघ के सभी संगठनों के प्रमुख/संगठन मंत्री शामिल होंगे. इसके अलावा विश्व हिंदू परिषद और कुछ अन्य आनुषांगिक संगठनों के शीर्ष प्रतिनिधि शिरकत करेंगे. 

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संघ की अखिल भारतीय समन्वय बैठक में केंद्र की मोदी सरकार और बीजेपी शासित राज्यों की सरकार और पार्टी  के अन्य संगठनों के कामकाज की समीक्षा होगी. इसके अलावा मोदी सरकार के साथ आरएसएस की कॉर्डिनेशन के बारे में भी चर्चा होगी. इसके अलावा अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भी संघ मंथन करेगा और रणनीति बनाने पर चर्चा होगी. 

आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख (मीडिया/प्रचार शाखा प्रमुख) सुनील अंबेकर ने बताया कि संघ और उसके आनुषांगिक संगठनों की यह समन्वय बैठक वर्तमान कोरोना वायरस महामारी के चलते छोटी और अनौपचारिक होगी. उन्होंने कहा, 'हर साल सितंबर में एक विशाल बैठक होती है. लेकिन कोरोना वायरस महामारी के चलते पिछले साल छोटी बैठक हुई और इस साल भी नागपुर में छोटी बैठक हो रही है. 

अंबेकर ने बताया कि आरएसएस के अखिल भारतीय पदाधिकारी, विहिप, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप), भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) और विद्या भारती समेत विभिन्न आनुषांगिक संगठनों के राष्ट्रीय स्तर के संगठन मंत्री इस बैठक में भाग लेंगे. उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस की स्थिति में सुधार आने पर 2022 की शुरुआत में पूर्ण समन्वय बैठक होगी.

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संघ की यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, और पंजाब सहित पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव अगले साल शुरुआत में होने हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि आरएसएस से जुड़े सभी संगठन पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव को लेकर रणनीति पर भी चर्चा करेंगे.

बीजेपी और आरएसएस की नजर उत्तर प्रदेश के चुनाव पर है, जहां 2017 में बीजेपी 15 साल के बाद सत्ता में लौटी थी. ऐसे में संघ और बीजेपी की यही कोशिश है कि अब किसी तरह से उसके हाथों से सत्ता न निकले. ऐसे में संघ लगातार सूबे की योगी सरकार के कामकाज की समीक्षा करने में जुटे हैं.

पिछले माह अगस्त में आरएसएस के सहयोगी संगठन और योगी सरकार के मंत्रियों की आमने-सामने बैठक लखनऊ में हुई थी. संघ के सह सरकार्यवाह कृष्ण गोपाल की मौजूदगी में आरएसएस और सरकार की समन्वय बैठक में 2022 के चुनाव को लेकर मंथन किया गया था. 

संघ की एक पाठशाला में प्रदेश सरकार के कामकाज और कामकाज के तरीकों पर चर्चा हुई और योगी सरकार के मंत्रियों को नया टास्क दिया गया था. इसके अलावा योगी सरकार के मंत्रियों और बीजेपी नेताओं को लोगों के बीच जाने का आरएसएस ने आदेश दिया था. 

 

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