RSS के आनुसंगिक संगठन स्वदेशी जागरण मंच (SJM) ने रेमडेसिविर और अन्य जीवन रक्षक दवाइयों के दामों पर अंकुश लगाने की मांग की है. स्वदेशी जागरण मंच ने कहा है कि इन दवाइयों के दाम सरकारी संस्थानों और प्राइवेट अस्पतालों दोनों के लिए ही काफी अधिक हैं. इन दवाइयों की अधिक कीमतें देश में कोविड से लड़ाई को कमजोर कर रही हैं. स्वदेशी जागरण मंच ने कहा है कि ऐसे माहौल में इस तरह का अनुचित लाभ बिल्कुल भी सही नहीं ठहराया जा सकता है, खासकर महामारी के वक्त.
रेमडेसिविर और Favirapvir जैसी दवाइयों का उत्पादन मांग के मुकाबले काफी कम हो रहा है. रेमडेसिविर के एक इंजेक्शन कीमतें 899 रुपये से लेकर 3490 रुपये तक पहुंच चुकी है. कॉर्पोरेट कंपनियों के लालच की वजह से गरीब जनता पर बहुत प्रभाव पड़ रहा है. इस कीमत को किसी भी हाल में कम किया जाना चाहिए.
स्वदेशी जागरण मंच ने केंद्र सरकार से मांग की है कि पेटेंट अधिनियम के तहत कुछ उपाय करे और बाकी कंपनियों को भी ऐसी दवाइयां उत्पादित करने की अनुमति दे. ताकि ज्यादा से ज्यादा उत्पादन किया जा सके और मरीजों की जान बचाई जा सके.
आपको बता दें कि रेमडेसिविर का इंजेक्शन फेफड़ों के इन्फेक्शन में कारगर माना जाता है. कोविड के समय फेफड़ों को ही सबसे अधिक दिक्कत आ रही है, इसलिए रेमडेसिविर इंजेक्शन की मांग काफी अधिक बढ़ गई है.
केंद्रीय मंत्री सदानंद गौड़ा ने भी सूचना दी है कि केंद्र सरकार ने रेमडेसिविर के उत्पादन में भारी वृद्धि की है और राज्यों के लिए नए सिरे से आवंटन नीति बनाई है, जिसके तहत सबसे अधिक रेमडेसिविर इंजेक्शन महाराष्ट्र को दी जाएंगी, दूसरे नंबर पर गुजरात को और तीसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश को. इसके अलावा देश में बढ़ती मांग को देखते हुए रेमडेसिविर का आयात भी किया जा रहा है, जिसकी पहली खेप हाल में ही आई है.