शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को आगाह किया है कि सरकार कृषि कानूनों पर पीछे हट जाए नहीं तो भारत में भी लोग रूस की तरह सड़कों पर निकल जाएंगे. शिवसेना ने सामना में लिखा है कि अगर सरकार कृषि कानूनों पर पीछे हट ही जाती तो कौन सी आफत आ जाती.
संपादकीय में चेतावनी दी गई है कि अगर सरकार नहीं चेती तो रूस की तरह भारत में भी लोग सड़कों पर उतर जाएंगे. रूस में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के प्रतिद्वंदी एलेक्सी नवालनी की गिरफ्तारी के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहा है और लोग सड़कों पर उतर आए हैं.
शिवसेना ने कहा है कि सरकार देश की जनता का गुस्सा नहीं समझती है. जीएसटी, नोटबंदी और लॉकडाउन से लोगों में बड़े पैमाने पर रोष पैदा हुआ है, कल किसान दिल्ली पहुंच गए हैं. इससे देश की सही छवि नहीं बन रही है. 26 जनवरी के प्रदर्शन के बाद जो हालात पैदा हुए हैं उससे ये सवाल उठ रहा है कि क्या हम सही मायने में लोकतंत्र हैं.
बता दें कि मंगलवार को संजय राउत ने कहा था कि जो दिल्ली में हुआ वो राष्ट्रीय शर्म का विषय है, अगर केंद्र सरकार किसानों की मांग मान लेती तो इसे टाला जा सकता था. शिवसेना नेता ने कहा कि दिल्ली में जो हुआ पूर्ण रूप से खुफिया तंत्र की नाकामी है.
संजय राउत ने कहा कि जब किसान लाल किला में घुस रहे थे तो सरकार क्या कर रही थी. पूरी दुनिया हमारा परेड देखती है लेकिन मंगलवार को जो दुनिया ने देखा वो पहले कभी नहीं हुआ था.
रूस में सड़कों पर लोग
बता दें कि रूस में बड़े पैमाने पर लोग विपक्ष के नेता राष्ट्रपति पुतिन के प्रतिद्वंदी एलेक्सी नवालनी की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे हैं. एलेक्सी नवालनी को एक सप्ताह पहले रूस लौटने पर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया गया था. इसके विरोध में उन्होंने जनता से विरोध प्रदर्शनों का आह्वान किया था.
उनके समर्थन में पिछले दो दिनों में रूस के साइबेरिया, मॉस्को और सेंट पीटर्सबर्ग जैसे 100 शहरों में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए हैं.