संसद के निचले सदन यानी लोकसभा में विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर मंगलवार को चर्चा हुई. इस दौरान गौरव गोगोई, सुप्रिया सुले सहित विपक्ष के कई सांसदों ने सरकार पर निशाना साधा. यूपी के मैनपुरी से समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव ने भी जमकर सरकार का घेराव किया. उन्होंने सदन में चर्चा करते हुए कहा कि सत्ता पक्ष के लोग कह रहे थे कि हमें राजस्थान पर चर्चा करना चाहिए, जहां महिलाओं के साथ जघन्य अपराध हो रहे हैं. गुजरात की चर्चा करनी चाहिए, छत्तीसगढ़ की चर्चा करनी चाहिए. अगर ऐसा है तो मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की भी जरूर चर्चा होनी चाहिए.
उन्होंने आगे कहा,'क्योंकि एनसीआरबी के आंकड़े बताते हैं कि हर तीन घंटे में उत्तर प्रदेश के अंदर एक महिला का शारीरिक उत्पीड़न होता है. उत्तर प्रदेश की सरकार और केंद्र सरकार यानी डबल इंजन की सरकार इस बात पर संज्ञान नहीं ले रही है. मणिपुर की जो घटना हुई है, वह कोई मामूली घटना नहीं है. यह बहुत ही संवेदनशील घटना है. इस मामले में सरका का रवैया बहुत ही संवेदनहीन रहा है. यह सरकार मद में डूबी हुई सरकार है. यह पूरी तरह से मानवाधिकार का उल्लंघन है. हिंसा को अंजाम देने के लिए महिलाओं का इस्तेमाल किया जा रहा है. यह स्वीकार करने योग्य नहीं है.'
शर्म से झुक गया भारतवासियों का सिर: डिंपल
मणिपुर हिंसा पर बोलते हुए डिंपल ने कहा,'पूरे विश्व में इस कांड की निंदा हुई. इस घटना को लेकर हम भारतवासियों का सिर शर्म से झुक गया है. यह एक स्टेट स्पॉन्सर्ड एथनिक वॉयलेंस है. अगर सोशल मीडिया के माध्यम से विजुअल सामने नहीं आते तो किसी को भी पता नहीं चलता कि मणिपुर में क्या हुआ है. जो विजुअल सामने आए, जिसमें महिलाओं को निर्वस्त्र किया गया. उनका रेप किया गया. इसका कौन जिम्मेदार है. हम सरकार से जानना चाहते हैं कि कितने लोगों पर एक्शन हुआ है, कितनी गिरफ्तारियां हुई हैं. करीब 60 हजार लोग विस्थापित हुए हैं. 14 हजार बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं. क्या यह भाजपा की राजनीतिक और नैतिक जिम्मेदारी नहीं है.'
देखिए अविश्वास प्रस्ताव पर बहस की पूरी कवरेज
पीएम से किया चर्चा में शामिल होने का अनुरोध
उन्होंने कहा,'मैं प्रधानमंत्री से अनुरोध करती हूं कि वह आएं. हम प्रधानमंत्री के सामने चर्चा करना चाहते थे, लेकिन पीएम आज भी मौजूद नहीं हैं. इस चीज की हमें हमेशा कमी महसूस होगी. सीएम का यह विशेष धर्म था कि वह इस वॉयलेंस को रोकने का काम करें, क्योंकि वह सीएम की कुर्सी पर बैठे थे. यह बॉर्डर वाला राज्य है. सेना हमेशा वहां तैनात रहती है. असमल राइफल्स और बीएसफ वहां पर है. अगर वहां की सरकार चाहती तो दो दिन में इसे कंट्रोल किया जा सकता था. लेकिन सरकार का इंटेशन सही नहीं था.'
डिंपल का सवाल- क्या मणिपुर हमारा परिवार नहीं
सपा सांसद ने कहा कि क्या मणिपुर हमारा परिवार नहीं है. क्या हमारे देश का अंग नहीं है तो फिर उसके साथ यह अलग व्यवहार क्यों किया जा रहा है. बीजेपी नफरत की राजनीति करती है. वह पूरी तरह से इसके लिए जिम्मेदार है. उन्होंने आगे कहा कि मणिपुर हिंसा की दुनियाभर ने निंदा हुई, लेकिन यह अहंकार में डूबी हुई सरकार है.