विजयादशमी के मौके पर स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) से किसी को खतरा नहीं है. उन्होंने कहा कि देश में मुस्लिम समुदाय को भ्रमित करने की साजिश हुई है.
नागपुर में दशहरे के कार्यक्रम में मोहन भागवत ने कहा, हमने देखा कि देश में CAA विरोधी प्रदर्शन हुए जिससे समाज में तनाव फैला. उन्होंने कहा कि कुछ पड़ोसी देशों से सांप्रदायिक कारणों से प्रताड़ित होकर विस्थापित किए जाने वाले व्यक्ति जो भारत में आते हैं, उन्हें इस CAA के जरिए नागरिकता दी जाएगी. भारत के उन पड़ोसी देशों में साम्प्रदायिक प्रताड़ना का इतिहास है. भारत के इस नागरिकता संशोधन कानून में किसी संप्रदाय विशेष का विरोध नहीं है.
संघ प्रमुख ने कहा कि जो भारत के नागरिक हैं उनके लिए इस कानून में कोई खतरा नहीं था. बाहर से अगर कोई आता है और वह भारत का नागरिक बनना चाहता है तो इसके लिए प्रावधान है जो बरकरार हैं. वो प्रक्रिया जैसी की तैसी है.
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आरएसएस चीफ ने कहा कि बावजूद इसके कुछ अवसरवादी लोगों ने इस कानून का विरोध करना शुरू किया और ऐसा माहौल बनाया कि इस देश में मुसलमानों की संख्या न बढ़े इसलिए ये कानून बनाया गया है. इसके बाद इस कानून का विरोध शुरू हो गया. देश के वातावरण में तनाव आ गया.
— RSS (@RSSorg) October 25, 2020
नागपुर में मोहन भागवत ने कहा कि CAA पर सार्थक विचार होता, इस पर मंथन होता इससे पहले ही कोरोना महामारी आ गई और सांप्रदायिक आंच लोगों के मन में ही रह गई. मोहन भागवत ने कहा कि CAA किसी धर्म विशेष के साथ भेदभाव नहीं करता है.