भारी अटकलों के बाद, संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने साफ कर दिया है कि वे पंजाब विधानसभा चुनाव नहीं लड़ रहे हैं. यह जानकारी मोर्चा की 9 सदस्यीय समन्वय समिति के नेताओं जगजीत सिंह दल्लेवाल और डॉ दर्शन पाल ने दी है.
पंजाब विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेगा SKM
उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा, देश भर में 400 से ज़्यादा अलग-अलग संगठनों का एक मंच है, जो किसानों के मुद्दों के लिए ही बना है. मोर्चे की तरफ से चुनाव का बहिष्कार करने या चुनाव लड़ने के बारे में कोई निर्णय नहीं लिया गया है. उन्होंने साफ किया कि यह संगठन किसानों को सरकार से उनका हक दिलाने के लिए बनाया गया है और तीनों कृषि कानून वापस लिए जाने के बाद, संघर्ष खत्म हो गया. लेकिन जो मांगें रह गई हैं, उन पर 15 जनवरी 2022 को होने वाली बैठक में निर्णय लिया जाएगा.
चुनाव में SKM या 32 संगठनों के नामों का उपयोग न हो
पंजाब में 32 संगठनों के बारे में उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव लड़ने को लेकर कोई आम सहमति नहीं बनी है. उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव में भाग लेने वाला व्यक्ति या संगठन, संयुक्त किसान मोर्चा या 32 संगठनों के नामों का उपयोग नहीं कर सकता है. अगर कोई ऐसा करता है, तो उस पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.
नेताओं ने स्पष्ट किया कि 32 संगठनों के सामने क्रांतिकारी किसान यूनियन (डॉ दर्शनपाल), बीकेयू क्रांतिकारी (सुरजीत फूल), बीकेयू सिद्धूपुर (जगजीत दल्लेवाल), आजाद किसान कमेटी दोआबा (हरपाल संघ), जय किसान आंदोलन (गुरबख्श बरनाला), दसुहा गन्ना संघर्ष कमेटी (सुखपाल दफ्फार), किसान संघर्ष कमेटी पंजाब (इंद्रजीत कोटबुधा), लोक भलाई इंसाफ वेलफेयर सोसाइटी (बलदेव सिरसा) और कीर्ति किसान यूनियन पंजाब (हरदेव संधू) ने चुनाव लड़ने के खिलाफ स्टैंड लिया है.
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