वीर सावरकर को लेकर एक बार फिर देश की राजनीति गरमाने लगी है. एक कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने कहा कि जेल में बंद सावरकर ने महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) के कहने पर अंग्रेजों के सामने दया याचिका डाली थी. इस पर पलटवार करते हुए असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने कहा कि ये अब नया 'राष्ट्रपिता' बना देंगे.
हैदराबाद से सांसद और AIMIM पार्टी के प्रमुख ओवैसी ने ट्विटर पर कई ट्वीट कर राजनाथ सिंह के बयान पर आपत्ति जताई है. ओवैसी ने ट्विटर पर एक लेटर भी साझा किया है और दावा किया है कि ये उन्होंने सावरकर को लिखा था. ओवैसी ने लिखा कि सावरकर को लिखे लेटर में महात्मा गांधी ने अंग्रेजों के सामने दया याचिका डालने का कोई जिक्र नहीं किया है. ओवैसी ने लिखा कि सावरकर ने अंग्रेजों के सामने पहली याचिका 1911 में डाली थी, तब गांधी अफ्रीका में थे. सावरकर ने फिर 1913-14 में याचिका दाखिल की थी.
Sir @rajnathsingh you said that Savarkar’s grovelling mercy petitions were on Gandhi’s advise.
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) October 13, 2021
1. Here’s the letter to Savarkar from Gandhi. No mention of petition to British begging for leniency, mercy & promising to be a faithful servant of the crown. 1/n pic.twitter.com/5asdmBVqss
ओवैसी ने सवाल पूछते हुए कहा कि क्या ये झूठ है कि 'वीर' ने तिरंगे को नकार दिया था और वो भगवा को झंडे के तौर पर चाहते थे? ओवैसी ने राजनाथ सिंह के भाषण पर सवाल उठाते हुए आगे कहा, 'कल आपने अपने भाषण में कहा था कि सावरकर ने हिंदू उसको माना था जिसकी जन्मभूमि या मातृभूमि भारत था. लेकिन सावरकर कहते थे कि जो हिंदू है वही इस देश का नागरिक है.'
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उन्होंने आगे लिखा कि 'उनके (सावरकर) विचार में भारत मुसलमानों और इसाइयों के लिए पवित्र भूमि नहीं थी और इसलिए वो भारत के प्रति वफादार नहीं हो सकते थे. रक्षा मंत्री के रूप में इस पर आपका क्या विचार है? क्या आप इसे मानते हैं?' ओवैसी ने ये भी कहा जिसने भी आपका भाषण लिखा है, उसे निकाल देना चाहिए.
सावरकर ने न्यूज एजेंसी से बात करते हुए ये भी कहा कि ये लोग इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश कर रहे हैं. अगर ऐसा ही चलता रहा तो महात्मा गांधी को हटाकर सावरकर को राष्ट्रपिता बना देंगे ये लोग.
क्या कहा था राजनाथ सिंह ने?
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जोर देकर कहा कि जेल में बंद सावरकर ने महात्मा गांधी के कहने पर ही अंग्रेजों को दया याचिका लिखी थी. इस बारे में वो बताते हैं कि सावरकर को लेकर कई तरह झूठ फैलाए गए हैं. ऐसा कहा गया था कि सावरकर ने अंग्रेजों के सामने कई बार दया याचिका डाली थी. लेकिन सच तो ये है कि सावरकर ने ये सब गांधी जी के कहने पर किया था. उन्हीं के कहने पर उन्होंने जेल में बैठ दया याचिका दाखिल की थी.