पंजाब में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से पहले ही आम आदमी पार्टी नेता भगवंत मान ने बड़े फैसले लेने शुरू कर दिए हैं. मान के निर्देश पर राज्य सरकार ने कई वीवीआईपी और बड़े नेताओं की सरकारी सुरक्षा पर कैंची चला दी है. इस एक्शन से इशारा साफ है कि आने वाले दिनों में सूबे में कई अहम बदलाव देखने को मिल सकते हैं.
शनिवार को पंजाब में पूर्व विधायकों, पूर्व मंत्रियों और कई VVIP से सिक्योरटी वापस लेने के ऑर्डर जारी किए गए हैं. सिर्फ बादल परिवार जिन्हें केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर सुरक्षा मिली हुई है, के अलावा कैप्टन अमरिंदर सिंह और चरणजीत सिंह चन्नी जैसे पूर्व मुख्यमंत्रियों को छोड़कर अन्य तमाम कांग्रेस और अकाली दल के बड़े नेताओं की सुरक्षा में कटौती कर दी गई है और कई पूर्व विधायकों से सुरक्षा वापस ले ली गई है.
थाने खाली पड़े हैं: मान
122 पुराने मंत्रियों और विधायकों की सिक्योरिटी हटाने के सवाल पर पंजाब के मनोनीत मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा, थाने खाली पड़े हैं और नेताओं के घर के सामने तंबू लगाकर सिक्योरिटी की जा रही है. हम पुलिस से पुलिस वाला काम लेंगे. मुझे लगता है कि पंजाब के पौने तीन करोड़ लोगों की सुरक्षा कुछ लोगों की सुरक्षा से ज्यादा महत्वपूर्ण है.
अपनी पसंद के अफसर की नियुक्ति
इससे एक दिन पहले ही पंजाब के होने वाले नए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने वेणु प्रसाद को अपना प्रिंसिपल सेक्रेटरी नियुक्त किया. वेणु प्रसाद 1991 बैच के आईएएस हैं.
16 मार्च को शपथ ग्रहण समारोह
बता दें कि AAP नेता भगवंत मान 16 मार्च को पंजाब के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. इस दौरान आम आदमी पार्टी के दूसरे विधायकों को भी कैबिनेट मंत्री की शपथ दिलाई जाएगी. खास बात यह है कि शपथ ग्रहण समारोह नवांशहर जिले के खटकरकलां में आयोजित किया जाएगा.
92 सीटें जीतकर AAP बहुमत में
गौरतलब है कि पंजाब में 117 विधानसभा सीटों के लिए हुए चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 92 सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया है, जबकि कांग्रेस 18 सीटों पर सिमट गई है. वहीं, शिरोमणि अकाली दल के खाते में 3 और बीजेपी को 2 और बसपा को महज 1 सीट पर संतोष करना पड़ा. इसके अलावा निर्दलीय की झोली में एक सीट आई है.