जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) के पूर्व छात्र उमर खालिद को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दिल्ली हिंसा मामले में रविवार रात को गिरफ्तार किया है. इस गिरफ्तारी को लेकर अब कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं. कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने पीएम मोदी के बयान को आधार बनाते हुए उमर खालिद की गिरफ्तारी पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा है कि पीएम मोदी कहते हैं कि वो आलोचना का स्वागत करेंगे, लेकिन यह बताना भूल गए कि उनके खिलाफ बोलने वालों का क्या हश्र होगा. आलोचना के बदले में क्या कीमत चुकानी होगी.
उन्होंने अपने ट्वीटर हैंडल पर लिखा, 'पीएम ने कहा कि वो आलोचना का स्वागत करेंगे. लेकिन आलोचना करने वालों को बदले में क्या कीमत चुकानी होगी ये बताना भूल गए. मौजूदा भारत में बदला लेने के लिए सिर्फ अपने नागरिक हैं. उन देशों से बदला नहीं ले सकते जिन्होंने असल में हमारी संप्रभुता को चुनौती दी है.'
PM says he welcomes criticism, but forgets to mention the cost of criticism to be paid by those who who speak out. In today’s India, payback is only reserved to our own citizens, never against countries who actually question and challenge our sovereignty. #StandWithUmarKhalid https://t.co/zX9Ob318Ap
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) September 14, 2020
मानहानि केस के दोषी मशहूर वकील प्रशांत भूषण ने भी उमर खालिद की गिरफ्तारी को आवाज उठाने वालों पर कार्रवाई करार दिया है. प्रशांत भूषण ने कहा कि आवाज उठाने वाले उमर खालिद और अन्य लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो रही है. इससे पहले उन्होंने कहा था कि शांतिपूर्ण तरीके से काम करने वाले कार्यकर्ताओं को फंसाने की ये दिल्ली पुलिस की साजिश है.
आरजेडी के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने उमर खालिद की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए कहा कि पहले तो कई प्रमुख नेताओं और शिक्षाविदों का नाम दिल्ली दंगों में लाया गया इसके बाद कल आधी रात को उमर खालिद की गिरफ्तारी की गई. ये देश में लोकतंत्र के स्वास्थ्य पर ताजा हेल्थ बुलेटिन है.
लेफ्ट विंग के छात्र संगठन आइसा ने भी उमर खालिद की गिरफ्तारी पर सरकार को घेरा है. आइसा ने उमर की गिरफ्तारी पर दिल्ली पुलिस की आलोचना करते हुए तुरंत उनको रिहा करने की मांग की है. आइसा की तरफ से ये भी कहा गया है कि कपिल मिश्रा, अनुराग ठाकुर समेत अन्य बीजेपी नेताओं के खिलाफ सबूत होने के बावजूद दिल्ली पुलिस ने न सिर्फ एक्शन लेने से इनकार किया है, बल्कि ऐसे असली भड़काने वालों पर एफआईआर तक नहीं की.
सरकार की नीतियों व फैसलों के खिलाफ आवाज उठाने वाला संगठन यूनाइटेड अगेंस्ट हेट संगठन ने उमर खालिद की गिरफ्तारी पर कहा कि ऐसे डराने वाले एक्शन के बावजूद सीएए और यूएपीए के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी. बता दें कि उमर खालिद भी यूनाइटेड अगेंस्ट हेट संगठन से जुड़े हैं.
पीएम मोदी के इस बयान पर थरूर ने ली चुटकी
दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (8 सितंबर) को एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि मीडिया द्वारा सरकार की आलोचना स्वाभाविक है और इससे लोकतंत्र मजबूत हुआ है. उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाओं में जमीनी स्तर पर जो कमियां है, उसको बताना और उसकी आलोचना स्वाभाविक है. सोशल मीडिया के दौर में यह और भी ज्यादा स्वभाविक हो गया है. लेकिन आलोचना से सीखना भी हम सबके लिए उतना ही स्वाभाविक और आवश्यक है. इसलिए आज हमारा लोकतंत्र मजबूत हुआ है.