कांग्रेस अध्यक्ष पद के उम्मीदवार शशि थरूर ने मंगलवार को कहा कि मुझे यकीन है कि जो लोग कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में एकतरफा जीत की उम्मीद कर रहे हैं, वे नजीते देखकर हैरान रह जाएंगे. उन्होंने कहा कि जैसा 1997 और 2000 के चुनावों में हुआ था, उसी तरह वोटों की गिनती के समय परिणाम चौंकाने वाले होंगे. उन्होंने बताया कि 1997 में सीताराम केसरी जिन्होंने शरद पवार और राजेश पायलट के साथ त्रिकोणीय मुकाबले में भारी अंतर से जीत हासिल की थी. वहीं 2000 में सोनिया गांधी के हाथों जितेंद्र प्रसाद को करारी हार का सामना करना पड़ा था.
सांसद ने आगे कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव में मैं जीतूं या खड़गे लेकिन जीत केवल कांग्रेस की मायने रखती है. मेरा उद्देश्य 2024 के लिए कांग्रेस को मजबूत करना है.
मल्लिकार्जुन खड़गे का समर्थन करने को कहा जा रहा
पीटीआई से बातचीत करते हुए थरूर ने दावा किया कि कई वोटर्स को 'उनके नेताओं' ने मेरे प्रतिद्वंद्वी का समर्थन करने का निर्देश दिया है. हालांकि उन्होंने कहा कि अंतिम समय में गुप्त मतदान के दौरान वह मुझे वोट दे सकते हैं. थरूर के सामने मल्लिकार्जुन खड़गे मैंदान में हैं. इन्हें गांधी परिवार से निकटता के कारण अध्यक्ष पद के लिए प्रबल दावेदार माना जा रहा है.
शशि थरूर से पूछा गया कि क्या कुछ नेता वरिष्ठ नेताओं के डर से उनका समर्थन नहीं कर पा रहे है, इस पर थरूर ने कहा, "मैं निश्चित रूप से जानता हूं कि कई लोग जिन्होंने इस तरह के कारणों से अब तक खुले तौर पर मेरा समर्थन नहीं किया है, मेरे कुछ अभियान कार्यक्रमों में भी शामिल नहीं हुए, उन्होंने निजी तौर पर मेरा समर्थन करने के लिए कहा है."
1997 और 2000 जैसे चौंकाने वाले आएंगे परिणाम
तिरुवनंतपुरम के सांसद ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण (सीईए) सार्वजनिक रूप से स्पष्ट करेगा कि गुप्त तरीके से मतदान किया जाएगा, जिसमें उम्मीदवारों और उनके एजेंटों के सामने दिल्ली में सीलबंद मतपेटियों को खोला जाएगा. इसके बाद वोटों को पहले एक साथ मिला दिया जाएगा उसके बाद गिनती शुरू होगी.
मुझे और खड़गेजी को गांधी परिवार का आशीर्वाद मिल रहा
कांग्रेस अध्यक्ष पद के उम्मीदवार शशि थरूर ने कहा- 'गांधी परिवार के साथ मेरी बातचीत ने मुझे आश्वस्त किया है कि मेरे या खड़गे के प्रति उनका कोई पूर्वाग्रह नहीं है.' मुझे और खड़गेजी को गांधी परिवार का आशीर्वाद मिल रहा है. थरूर ने कहा कि भाजपा को विपक्ष का हिस्सा बनने की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए, क्योंकि 2024 के चुनाव के बाद उन्हें वहीं बैठना होगा. थरूर ने कहा- 'हमारी पार्टी को बदलाव की जरूरत है और मुझे लगता है कि मैं वही हूं जो बदलाव का चेहरा बनूंगा.'
हमारे काम करने के तरीके अलग
इससे पहले शशि थरूर ने कहा था कि मल्लिकार्जुन खड़गे और मैं दोस्त हैं. हमारे बीच सिर्फ काम करने के तरीके का अंतर है. मैं बदलाव का दूत बनना चाहता हूं. कुछ लोग कह रहे हैं कि एक ऑफीशियल कैंडिडेट है और मैं कुछ नहीं हूं. लेकिन गांधी परिवार निष्पक्ष है. हम कांग्रेस पार्टी के साथ मजबूती से खड़े हैं. अगर कोई कहता है कि प्रतिनिधि सिर्फ एक ही शख्स को वोट करेंगे तो ये बिल्कुल सच नहीं है.
17 अक्टूबर को कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव
कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए 17 अक्टूबर को चुनाव होना है. नामांकन के आखिरी दिन शशि थरूर और मल्लिकार्जुन खड़गे ने पर्चा भरा था. इन दोनों नेताओं के अलावा झारखंड के कांग्रेस नेता केएन त्रिपाठी ने भी पर्चा भरा था, लेकिन उनका नामांकन रद्द हो गया था. इससे पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के भी कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने की संभावना थी.