17 अक्टूबर को कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव होने वाला है. अभी तक किसी ने भी औपचारिक तौर पर अपनी उम्मीदवारी को लेकर कोई दावा नहीं किया है, लेकिन बयानों की वजह से अटकलें जरूर तेज हो गई हैं. ऐसे ही बयान कांग्रेस नेता शशि थरूर की तरफ से भी आए हैं जिन्होंने अब सोमवार को अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की है. मुलाकात में थरूर ने अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने को लेकर सोनिया से बात की है.
शशि थरूर क्या लड़ेंगे अध्यक्ष पद का चुनाव?
बताया जा रहा है कि शथि थरूर ने 10 जनपद पर सोनिया गांधी से मुलाकात की है. उनके साथ दीपेंद्र हुड्डा, जय प्रकाश अग्रवाल और विजेंद्र सिंह भी मौजूद रहे. अब मुलाकात के बाद जब मीडिया ने शशि थरूर से सवाल पूछने चाहे तो वे बिना कुछ बताए वहां से निकल गए. इसी वजह से राजनीतिक गलियारों में सिर्फ कयास लगाए जा रहे हैं, पुख्ता तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता. लेकिन ऐसी खबर है कि सोनिया ने साफ कर दिया है कि चुनाव लड़ना है या नहीं ये निजी फैसला रहने वाला है. लेकिन जो भी हो वो चुनावी प्रक्रिया के मुताबिक होना चाहिए.
वैसे इस समय शशि थरूर अपने बयानों की वजह से चर्चा में चल रहे हैं. उनके एक बयान ने इस बात को हवा दे दी है कि वे खुद भी कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ सकते हैं. थरूर ने आगे बढ़कर इसे स्वीकार तो नहीं किया है, लेकिन संकेत जरूर दिया गया है.
थरूर और उनके परिवर्तन वाले विचार
असल में शशि थरूर ने अपने एक लेख में कहा था कि अध्यक्ष पद के चुनाव के दौरान जितने ज्यादा उम्मीवार रहेंगे उतना अच्छा होगा. उन्होंने इसे लोकतंत्र के लिए अच्छा संकेत बताया था. वहीं बाद में अपनी अध्यक्ष पद की उम्मीदवारी को लेकर भी उन्होंने मीडिया से बात की थी. जोर देकर कहा था कि लोग कुछ भी सोचने को स्वतंत्र हैं. मैंने अपने लेख के जरिए सिर्फ इतना कहा था कि पार्टी में चुनाव सही रहेंगे. एक लोकतांत्रिक देश में लोकतांत्रिक पार्टी का होना जरूरी है. कांग्रेस अब अध्यक्ष पद का चुनाव करवा रही है, ये स्वागत योग्य कदम है. मुझे नहीं पता था कि मेरे लेख पर इतनी कयासबाजी शुरू हो जाएगी. मैंने कोई आधिकारिक ऐलान नहीं किया है, अभी मैं इस मामले में कुछ नहीं कहना चाहता.
जी 23 में सक्रिय, हाईकमान से करीबी
वैसे शशि थरूर अगर कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ते हैं तो इसके भी अलग ही मायने निकाले जाएंगे. असल में शशि थरूर गांधी परिवार के हमेशा से करीबी रहे हैं, सोनिया-राहुल से भी उनके अच्छे संबंध हैं. लेकिन बड़ी बात ये है कि जी 23 गुट के साथ भी वे सक्रिय रहे हैं. उनकी तरफ से भी समय-समय पर पार्टी में बड़े बदलाव की पैरवी की गई है. उनका वो अंदाज ही उन्हें एक अलग संतुलन प्रदान करता है जिसके दम पर वे हर किसी को अपने समर्थन में खड़ा कर सकते हैं.
बढ़ती सक्रियता से थरूर को कितना फायदा?
जानकारी के लिए बता दें कि इस साल मार्च में शशि थरूर ने जी 23 के नेताओं से मुलाकात की थी. कांग्रेस का जी23 वहीं गुट है जो कांग्रेस संगठन में बड़े बदलाव चाहता है. उसकी तरफ से ही नए कांग्रेस अध्यक्ष की मांग सबसे ज्यादा की गई है. कुछ मौकों पर ये गुट कांग्रेस हाईकमान को लेकर भी तल्ख रहा है. खुद शशि थरूर भी ऐसे बदलावों की पैरवी करते हैं. वे तो उस उदयपुर संकल्प को भी अमलीजामा पहनाना चाहते हैं जिसके जरिए पार्टी ने बड़े बदलावों को लेकर कई संकल्प लिए थे. हाल ही में कांग्रेस के कुछ युवा नेताओं ने एक अभियान शुरू किया है. उस अभियान के जरिए मांग हुई है कि जो भी कांग्रेस का नया अध्यक्ष बनेगा, उन्हें पहले 100 दिन में ही उदयपुर संकल्प को पूरा करना होगा. अब उस मांग को भी थरूर ने अपना समर्थन दिया है.
रेस में राहुल गांधी सबसे आगे, दूसरे उम्मीदवार कौन?
इसके अलावा अध्यक्ष चुनाव से पहले इलेक्टोरल रोल यानी मतदाता सूची को सार्वजनिक करने की मांग भी कई नेताओं ने उठा दी है. उस लिस्ट में भी शशि थरूर का नाम शामिल है. अब शशि थरूर का यूं सक्रिय होना, पार्टी के बड़े मामलों में दिलचस्पी दिखाना ही उनकी अध्यक्ष पद की दावेदारी को लेकर अटकलों को बल दे गया है. वैसे इस समय कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस काफी दिलचस्प चल रही है. राजनीतिक जानकार मानते हैं कि जो भी भारत जोड़ो यात्रा का प्रतिनिधित्व कर रहा है, उसका ही अध्यक्ष बनना ही ज्यादा मुमकिन है. ऐसे में एक बार फिर अध्यक्ष रेस में राहुल गांधी सबसे आगे चल रहे हैं. पार्टी का एक बड़ा वर्ग भी उन्हीं के नाम को लगातार आगे कर रहा है.
खुद राहुल गांधी जरूर अध्यक्ष बनने में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखा रहे, लेकिन जिस तरह से पार्टी लगातार उन्हीं को आगे कर रही है, 2024 के चुनाव के लिए भी उन्हीं का चेहरा प्रोजेक्ट कर रही है, ऐसे में सबसे मजबूत दावेदारी तो उन्हीं की मानी जा रही है. उनके बाद इस रेस में अशोक गहलोत और अब शशि थरूर के नाम पर भी चर्चा हो रही है.
सुप्रिया भारद्वाज के इनपुट के साथ