केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस सांसद शशि थरूर इन दिनों राज्य में अंदरूनी सियासत का सामना कर रहे हैं. उन्हें लेकर केरल कांग्रेस दो फाड़ नजर आ रही है. थरूर ने मंगलवार को मालाबार दौरे के दौरान पलक्कड़ में कहा कि वह न तो किसी से डरते हैं और न ही किसी को उनसे डरना चाहिए.
थरूर ने मंगलवार को यहां यूडीएफ-सहयोगी आईयूएमएल के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की और कहा कि उन्हें किसी से डर नहीं है और किसी को उनसे डरने की जरूरत नहीं है. दरअसल थरूर ने यह बयान मीडिया के उन सवालों पर दिया था, जिसमें उनसे पूछा गया था कि केरल में उनके दौरे से कौन डरता है?
गुट बनाने में दिलचस्पी नहीं
इस दौरान थरूर ने यह भी साफ किया कि उनकी केरल कांग्रेस के भीतर किसी तरह का गुट बनाने में कोई दिलचस्पी नहीं है.
थरूर ने कहा कि ऐसे समय में जब देश में विभाजनकारी राजनीति का बोलबाला है, ऐसी राजनीति की जरूरत है, जो सभी को एक साथ लेकर आए. यह सराहनीय है कि आईयूएमएल ने हाल ही में चेन्नई, बेंगलुरु और मुंबई में भाईचारे को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रमों का आयोजन किया.
बता दें कि थरूर का यह बयान इसलिए भी अहम है क्योंकि केरल में कांग्रेस नेतृत्व का एक वर्ग उनके बढ़ते समर्थन और राज्य में पार्टी के भीतर 'थरूर गुट' को बनाने को हवा दे रहा है.
थरूर ने हालांकि सादिक अली थंगल के आवास पर आईयूएमएल के नेताओं की हुई बैठक को यह कहकर महत्व नहीं दिया कि यह सिर्फ शिष्टाचार मुलाकात ही थी.
उनके साथ मौजूद आईयूएमएल के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने थरूर के इस दौरे को बिल्कुल सामान्य बताते हुए कहा कि जब भी वे इस इलाके से गुजरते हैं तो थंगल से मिलते हैं.
बता दें कि इस दौरान थरूर के कट्टर समर्थक माने जाने वाले सांसद एमके राघवन भी साथ थे. यहां थरूर ने साफ किया कि उनका कोई गुट बनाने की कोई इच्छा नहीं है.