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'मुझे चुनाव लड़ने से रोकना चाहते हैं कुछ नेता, राहुल गांधी ने नहीं मानी उनकी बात', बोले शशि थरूर

कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए 17 अक्टूबर को चुनाव होना है. इससे पहले कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि कांग्रेस के कुछ नेता उन्हें चुनाव लड़ने से रोकना चाहते हैं. इसके लिए उन्होंने राहुल गांधी से भी बात की थी. हालांकि राहुल ने उनकी बात नहीं मानी.

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 कांग्रेस सांसद शशि थरूर (फाइल फोटो)
कांग्रेस सांसद शशि थरूर (फाइल फोटो)

कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए 17 अक्टूबर को चुनाव होना है.  इससे पहले कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि कांग्रेस के कुछ नेता उन्हें चुनाव लड़ने से रोकना चाहते हैं. इसके लिए उन्होंने राहुल गांधी से भी बात की थी. हालांकि राहुल ने उनकी बात नहीं मानी.

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शशि थरूर ने कहा कि हाल ही में उनकी राहुल गांधी से मुलाकात हुई थी. इस दौरान खुद राहुल गांधी ने उन्हें बताया था कि कांग्रेस के कुछ नेताओं ने उनसे कहा था कि वह थरूर से नामांकन वापस लेने के लिए कहें. लेकिन राहुल गांधी ने ऐसा करने से इनकार कर दिया. थरूर के मुताबिक राहुल गांधी ने कहा कि वह ऐसा नहीं करेंगे.

शशि थरूर ने बताया कि राहुल गांधी ने कहा था कि वह चाहते हैं कि मैं चुनाव लडूं. क्योंकि उनका मानना है कि इससे पार्टी को ही फायदा होगा. थरूर ने यह भी कहा कि पार्टी के जो कार्यकर्ता काफी मजबूत हैं, वे अपनी पसंद के लिए वोट करेंगे.

थरूर ने कहा- पार्टी के बड़े लोग मेरा समर्थन नहीं कर रहे


शशि थरूर ने कहा कि अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए हमारे पास सिर्फ 13 दिन बचे हैं. मैं ज्यादा से ज्यादा प्रतिनिधियों से संपर्क करने की कोशिश कर रहा हूं. हालांकि पार्टी के बड़े लोग बड़े पैमाने पर मेरा समर्थन नहीं कर रहे हैं. लेकिन किसी भी मतदाता को डरने की जरूरत नहीं है कि उसका वोट पहचाना जा सकता है. थरूर ने कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने मुझे आश्वासन दिया है कि कोई आधिकारिक उम्मीदवार नहीं है और वे तटस्थ रहेंगे. साथ ही कहा कि यह उन लोगों के लिए शर्म की बात होगी जो अपनी ही पार्टी की अध्यक्ष के शब्दों पर भरोसा नहीं करते हैं.

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'मल्लिकार्जुन खड़गे से वैचारिक मतभेद नहीं'


थरूर ने कहा कि मैंने मल्लिकार्जुन खड़गे को चुनौती नहीं दी. हमारे बीच कोई वैचारिक मतभेद नहीं हैं. फर्क सिर्फ इतना है कि पार्टी को कैसे आगे बढ़ाया जाए. उन्होंने कहा कि हमें अपने मतदाताओं का विश्वास फिर से हासिल करने की जरूरत है. साथ ही कहा कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा ने लोगों को एक स्पष्ट संदेश दिया है. पदयात्रा और चुनाव कांग्रेस के लिए दो गेम चेंजर हैं. देश का ध्यान हमारी पार्टी पर है.
 

चुनाव में खड़गे और थरूर आमने-सामने

कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और सांसद शशि थरूर आमने-सामने हैं. हाल ही में शशि थरूर ने कहा था कि वह इस पद को लेकर डिबेट के लिए तैयार हैं. क्योंकि इससे पार्टी में लोगों की दिलचस्पी बढ़ेगी. जैसे कि हाल में ब्रिटेन में कंजर्वेटिव पार्टी के नेतृत्व पद के चुनाव को लेकर हुई थी. वहीं इस पर खड़गे ने साफ कहा है कि वह इसमें नहीं पड़ना चाहते. 

थरूर ने कहा था कि नेहरू-गांधी परिवार ने एक विशेष स्थान धारण किया है और हमेशा रहेगा. कांग्रेस पार्टी के सदस्यों के दिलों में और अच्छे कारणों से भी. अपने महान पूर्वजों से विरासत में मिली महान विरासत के अलावा, वह लगातार विभिन्न समूहों, विचारधाराओं, भौगोलिक क्षेत्रों और समुदायों को एक साथ लाए हैं, जो सामूहिक रूप से कांग्रेस पार्टी का ताना-बाना बनाते हैं.

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थरूर ने कहा था- हम दुश्मन या प्रतिद्वंद्वी नहीं


इसके साथ ही थरूर ने मल्लिकार्जुन खड़गे को लेकर कहा था कि हम दुश्मन या प्रतिद्वंद्वी नहीं हैं. हम सहयोगी हैं और हम पार्टी को आगे बढ़ाने में रुचि रखते हैं. मल्लिकार्जुन खड़गे हमारी पार्टी के 'भीष्म पितामह' हैं. पार्टी कार्यकर्ताओं को तय करने दें कि कैसे आगे बढ़ना है. उन्होंने कहा कि मैं खड़गे या अन्य किसी उम्मीदवार के बारे में कुछ भी नकारात्मक नहीं कहूंगा. 

(रिपोर्ट-शिबि)

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