कांग्रेस की छत्तीसगढ़, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश के बाद अब कर्नाटक में भी सरकार बन गई. बेंगलुरु के श्री कांतीरवा स्टेडियम में सिद्धारमैया ने एक बार फिर कर्नाटक सीएम के तौर पर शपथ ली. राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने दोपहर 12:30 बजे उन्हें गोपनीयता की शपथ दिलाई. इनके बाद, KPCC चीफ डीके शिवकुमार ने डिप्टी सीएम और 8 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली.
शपथ ग्रहण के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंच से ऐलान कर दिया कि कर्नाटक की नई सरकार की पहली कैबिनेट बैठक 1-2 घंटे में होगी, जिसमें जहां पांच गारंटी कानून बन जाएंगे. उन्होंने कहा- हम झूठे वादे नहीं करते हैं. कर्नाटक की नई कांग्रेस सरकार पहली कैबिनेट में 5 वादे पूरे करेगी. जो हम कहते हैं, वो हम कर दिखाते हैं. इसके बाद राहुल गांधी ने कहा, 'कर्नाटक की जनता को मैं दिल से और कांग्रेस पार्टी की ओर से धन्यवाद करता हूं. आपने पूरी तरह कांग्रेस पार्टी को समर्थन दिया. पिछले 5 सालों में आपने कौन सी मुश्किलें सही यह आप और हम जानते हैं.
राहुल गांधी ने कहा- हमारे पास सच्चाई थी और गरीब लोग थे लेकिन BJP के पास धन, ताकत, पुलिस, सब कुछ था लेकिन कर्नाटक की जनता ने उनकी सारी ताकत को हरा दिया, उनके भ्रष्टाचार को हरा दिया, उनकी नफरत को हरा दिया. नफरत के बाजार में कर्नाटक ने लाखों मोहब्बत की दुकानें खोली हैं.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की जीत के बाद कई बातें लिखी गईं कि कांग्रेस कैसे यह चुनाव जीती, अलग-अलग विश्लेषण किए गए लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि कांग्रेस यह चुनाव इसलिए जीती क्योंकि हम गरीबों, दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों के साथ खड़े थे. हमारे पास सच्चाई और गरीब लोग था. बीजेपी के पास पैसा, पुलिस और सब कुछ था लेकिन कर्नाटक की जनता ने उनकी सारी शक्तियों को हरा दिया.
राहुल गांधी ने लोगों से वादा किया-'हम आपको एक स्वच्छ, भ्रष्टाचार मुक्त सरकार देंगे. सरकार का लक्ष्य हमारे किसान, मजदूर, छोटे दुकानदार, युवाओं की रक्षा करना और उनके भविष्य को सुनहरा बनाना है. कर्नाटक के लोगों ने कांग्रेस को जो ताकत दी है, हम उसे भूल नहीं सकते हैं. यह सरकार कर्नाटक के लोगों की है. हम दिल से आपके लिए काम करेंगे.'
- सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बाद सबसे पहले डॉ. जी परमेश्वर ने मंत्री पद की शपथ ली. वह एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार में राज्य के पहले दलित डिप्टी सीएम थे. परमेश्वर 6 बार विधायक बन चुके हैं. उन्होंने 1989, 1999 और 2004 में मधुगिरी से और 2008, 2018 और 2023 में कोराटागेरे से विधानसभा का चुनाव जीता है. वह 8 साल तक KPCC प्रमुख रहे हैं.
एमबी पाटील ने पद की शपथ ली. वह कद्दावर लिंगायत नेता हैं. वह पांच बार विधायक रह चुके हैं. 2013 में सिंचाई मंत्री रह चुके हैं. वह सिद्धारमैया के बेहद करीबी हैं. चुनाव प्रचार समिति के प्रमुख रहे.
- सतीश जारकीहोली ने मंत्री पद की शपथ ली. वह KPCC के कार्यकारी अध्यक्ष हैं. पूर्व वन पर्यावरण मंत्री रहे हैं. वह नायक समुदाय से आते हैं. वह तीन बार मंत्री रह चुके हैं. चीनी मिल समेत कई स्कूलों के मालिक हैं. उन्होंने 2008 में कांग्रेस जॉइन की थी.
- कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे और चित्तापुर से तीसरी बार विधायक चुने गए प्रियांक ने मंत्री पद की शपथ ली. वह 2016 में सिद्धारमैया सरकार में मंत्री थे. 1998 में उन्होंने छात्र राजनीति शुरू की थी. वह 38 साल की उम्र में मंत्री बने. उन्होंने विधानसभा चुनाव में राहुल और प्रियंका से कहीं ज्यादा 42 रैलियां की थीं.
- केजे जॉर्ज (73 साल के केलचंद्र जोसेफ जॉर्ज) ने शपथ ली. उन्होंने बेंगलुरु की सर्वज्ञनगर सीट से बीजेपी उम्मीदवार को 55768 वोटों से हराया. इस सीट पर 2013 से ही उनका कब्जा है. इसके पहले वह दो बार भारतीनगर सीट से विधाक चुने गए. वह पांच बार के विधायक हैं.
- के एच मुनियप्पा मंत्री बनाए गए हैं. वह केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम राज्य मंत्री भी रहे हैं. उन्होंने देवनहल्ली सीट से चुनाव जीता है. वह तीन दशक तक लोकसभा के सदस्य रह चुके हैं.
- जमीर अहमद खान को भी कैबिनेट में जगह मिली है. वह चामराजपेट निर्वाचन क्षेत्र के 4 बार के विधायक हैं. इसके अलावा नेशनल ट्रैवल्स के मैनेजिंग पार्टनर हैं. पहली बार वह 2005 के उपचुनाव में चामराजपेट से विधायक चुने गए. 2006 में एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार में हज और वक्फ बोर्ड मंत्री बने. वह सिद्धारमैया के बेहद करीबी हैं.
- रामलिंगा रेड्डी को भी राज्यपाल ने पद की शपथ दिलाई. इंदिरा गांधी और डी. देवराज के गरीबी उन्मूलन कार्यक्रमों से प्रेरित होकर वह कांग्रेस में शामिल हुए थे. वह 2 सितंबर 2017 से 17 मई 2018 तक गृह राज्य मंत्री और 18 मई 2013 से 2 सितंबर तक कर्नाटक के परिवहन मंत्री रहे हैं.
शपथ ग्रहण समारोह में मंच पर विपक्षी एकता की झलक भी देखने को मिली. मंच पर सोनिया गांधी, राहुल, प्रियंका के अलावा तमाम विपक्षी दलों के नेताओं ने एक दूसरे का हाथ उठाकर विपक्ष की ताकत का प्रदर्शन किया. कांग्रेस ने शपथ ग्रहरण समारोह में शामिल होने के लिए तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, बिहार के सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, एनसीपी चीफ शरद पवार, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को न्योता भेजा था.
इसके अलावा झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन, सीपीआई महासचिव डी राजा, सीपीआई-एम के महासचिव सीताराम येचुरी, सपा चीफ अखिलेश यादव, जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती को बुलाया था. हालांकि ममता, अखिलेश और उद्धव किसी कारण से समारोह में शामिल नहीं हो सके. मंच पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के भी मौजूद थे.
कांग्रेस ने शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, तेलंगाना के सीएम केसीआर, केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन, आंध्र प्रदेश के सीएम जगनमोहन रेड्डी, ओडिशा के मुख्यमंत्री के अलावा बसपा चीफ मायावती और बीजद चीफ नवीन पटनायक को नहीं बुलाया है.
1- हर परिवार को 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली दी जाएगी.
2- ग्रैजुएट बेरोजगार को 3 हजार रुपये मासिक भत्ता और डिप्लोमा होल्डर्स छात्रों को डेढ़ हजार रुपये मासिक भत्ता.
3- प्रत्येक परिवार की एक महिला को दो हजार रुपये मासिक भत्ता दिया जाएगा.
4- हर गरीब व्यक्ति को 10 किलोग्राम मुफ्त अनाज.
5- हर महिला को सरकारी बसों में मुफ्त सफर की सुविधा मिलेगी.