scorecardresearch
 

बिहार के नतीजों पर कांग्रेस में घमासान, सिब्बल पर भड़के अधीर रंजन चौधरी

बिहार और तमाम उप-चुनावों में कांग्रेस के प्रदर्शन पर टिप्पणी को लेकर पार्टी नेता अधीर रंजन चौधरी ने कपिल सिब्बल को आड़े हाथों लिया है.

Advertisement
X
अधीर रंजन चौधरी ने कपिल सिब्बल को आड़े हाथों लिया (फोटो-PTI)
अधीर रंजन चौधरी ने कपिल सिब्बल को आड़े हाथों लिया (फोटो-PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • सार्वजनिक बयान देने पर कपिल सिब्बल को नसीहत
  • बिहार चुनाव में सिब्बल कहीं नजर नहीं आए-चौधरी
  • 'काम करते और फिर बोलते तो पार्टी मजबूत होती'

बिहार और तमाम उप-चुनावों में कांग्रेस के प्रदर्शन पर टिप्पणी को लेकर पार्टी नेता अधीर रंजन चौधरी ने कपिल सिब्बल को आड़े हाथों लिया है. अधीर रंजन चौधरी ने तंज कसते हुए कहा कि बिना कुछ किए बोलना आत्मनिरीक्षण होता है?  

Advertisement

पत्रकारों से मंगलवार को बातचीत में अधीर रंजन चौधरी ने कहा, 'कपिल सिब्बल ने इस बारे में पहले भी बात की थी. वह कांग्रेस पार्टी और आत्मनिरीक्षण की आवश्यकता के बारे में बहुत चिंतित हैं. लेकिन हमने बिहार, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश या गुजरात के चुनावों में उनका चेहरा नहीं देखा.'

इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में कांग्रेस के सीनियर नेता कपिल सिब्बल ने बिहार विधान सभा चुनाव और मध्य प्रदेश उपचुनाव के परिणामों के मद्देनजर पार्टी के भीतर आत्मनिरीक्षण की आवश्यकता की वकालत की थी. इसके बाद कांग्रेस के कई नेताओं ने कपिल सिब्बल को आड़े हाथों लिया और अधीर रंजन चौधरी ने उन पर निशाना साधा है.

कपिल सिब्बल को नसीहत
 

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, 'अगर कपिल सिब्बल बिहार और मध्य प्रदेश जाते, तो वह साबित कर सकते थे कि जो वो जो कह रहे हैं वह सही है और इससे उन्होंने कांग्रेस की स्थिति मजबूत की होती. ऐसी बातों से कुछ हासिल नहीं होगा. बिना कुछ किए बोलने का मतलब आत्मनिरीक्षण नहीं है.' 

Advertisement

इससे पहले, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सिब्बल पर निशाना साधा था. अशोक गहलोत का कहना था कि पूर्व केंद्रीय मंत्री को पार्टी के "आंतरिक मुद्दों" मीडिया में नहीं लाना चाहिए और कहा कि इससे देश भर में पार्टी कार्यकर्ताओं की भावनाओं को ठेस पहुंची है.

देखें: आजतक LIVE TV

अपने साक्षात्कार में सिब्बल ने कहा था कि उन्हें मजबूरी में अपनी बात सार्वजनिक रूप से कहनी पड़ रही है क्योंकि पार्टी नेतृत्व ने बातचीत का कोई प्रयास नहीं किया. सिब्बल का कहना था कि बिहार और जहां उपचुनाव हुए हैं, वहां लोग कांग्रेस को "एक प्रभावी विकल्प" नहीं मानते हैं.

 

Advertisement
Advertisement